भारत-यूएई के बीच बढ़ेगा सहयोग, सीतारमण ने 111 लाख करोड़ रुपये की एनआईपी में यूएई से निवेश का आग्रह किया

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वित्त मंत्रालय ने एक के बाद एक कई ट्वीट जारी कर इस बैठक के बारे में जानकारी दी। मंत्रालय ने कहा, ‘‘वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज वीडियो कन्फ्रेंस के जरिये यूएई के वित्त राज्य मंत्री ओबेद अल तायेर के साथ द्विपक्षीय बैठक की।

नयी दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से भारत की महत्वकांक्षीय 111 लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन परियोजनाओं में निवेश का आग्रह किया।सीतारमण ने यूएई के वित्तीय मामलों के राज्य मंत्री ओबेद अल तायेर के साथ आनलाइन हुई द्वीपक्षीय बैठक में यह आग्रह किया। देश में राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (एनआईपी) के तहत विभिन्न क्षेत्रों की 7,000 परियोजनाओं की पहचान की गई है जिनमें 2020 से 2025 के दौरान 111 लाख करोड़ रुपये का निवेश होने का अनुमान है। वित्त मंत्रालय ने एक के बाद एक कई ट्वीट जारी कर इस बैठक के बारे में जानकारी दी। मंत्रालय ने कहा, ‘‘वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज वीडियो कन्फ्रेंस के जरिये यूएई के वित्त राज्य मंत्री ओबेद अल तायेर के साथ द्विपक्षीय बैठक की।इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत और यूएई के बीच लंबे समय से चले आ रहे रिश्तों को लेकर सम्मान व्यक्त किया। दोनों ने इस संबंध को द्विपक्षीय फायदे के साथ और आगे ले जाने की आवश्यकता पर जोर दिया।’’ 

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एक अन्य ट्वीट में कहा गया कि बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर सहमति जताई। इस दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि एनआईपी के साथ भारत और यूएई के लिये अवसरचना क्षेत्र में निवेश के बेहतर अवसर उपलब्ध हैं।दोनों नेताओं ने विशेषतौर से यूपीआई और रुपे कार्ड जैसे फिनटेक के क्षेत्र में सहयोग पर सहमति जताई। ट्वीट में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने जी20 और अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) जैसे विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत और यूएई के हितों को साथ लेकर मिलकर काम करने पर भी सहमति जताई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर एतिहासिक लालकिले से राष्ट्र को संबोधित करते हुये कहा था कि अर्थव्यवस्था का मुख्य जोर 110 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन परियोजनाओं के अमल पर होगा। उन्होंने कहा था कि, ‘‘विभिन्न क्षेत्राों में करीब 7,000 परियोजनाओं की पहचान कर ली गई है।यह बुनियादी ढांचागत क्षेत्र में एक तरह की क्रांति होगी। ’’ उन्होंने कहा कि बुनियादी सुविधाओं के क्षेत्र में अपने अपने दायरे में रहकर काम करने का समय अब समाप्त हो गया।उन्होंने कहा कि एक बहुआयामी ढांचागत संपर्क व्यवस्था से देश को जोड़ने की बड़ी योजना तैयार है। मोदी ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय अवसंरचना परियेाजना पाइपलाइन देश को कोविड- 19 के प्रभाव से बाहर निकालने में अहम भूमिका निभायेगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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