भारत ने पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल मिलाने का लक्ष्य 5 साल कम कर 2025 किया
मंहगे तेल आयात पर निर्भरता कम करने के इरादे से यह कदम उठाया गया है। उन्होंने एफआईपीआई (फेडरेशन ऑफ इंडियन पेट्रोलियम इंडस्ट्री) पुरस्कार समारोह में कहा, ‘‘वर्ष 2014 में पेट्रोल में एक प्रतिशत से भी कम एथनॉल का मिश्रण हो रहा था जबकि लक्ष्य 5 प्रतिशत का था।
नयी दिल्ली। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने बुधवार को कहा कि भारत ने पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल मिलाने का लक्ष्य हासिल करने की समय सीमा पांच साल कम कर 2025 कर दी गयी है। मंहगे तेल आयात पर निर्भरता कम करने के इरादे से यह कदम उठाया गया है। उन्होंने एफआईपीआई (फेडरेशन ऑफ इंडियन पेट्रोलियम इंडस्ट्री) पुरस्कार समारोह में कहा, ‘‘वर्ष 2014 में पेट्रोल में एक प्रतिशत से भी कम एथनॉल का मिश्रण हो रहा था जबकि लक्ष्य 5 प्रतिशत का था।
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पिछले चीनी वर्ष में यह अनुपात 8.5 प्रतिशत पहुंच गया है और अगले साल यह 10 प्रतिशत होगा।’’ पिछले साल सरकार ने 2022 तक पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण (90 प्रतिशत पेट्रोल के साथ 10 प्रतिशत एथनॉल का मिश्रण) और 2030 तक 20 प्रतिशत का लक्ष्य रखा था। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन अब 20 प्रतिशत का लक्ष्य 2024-25 तक हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है।’’ प्रधान ने कहा कि अगर इस लक्ष्य को हासिल किया जाता है, भारत पेट्रोल में एथनॉल मिलाने वाला ब्राजील के बाद दूसरा देश होगा। लेकिन निरपेक्ष रूप से हम ब्राजील से आगे होंगे।
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भारत अपनी तेल जरूरतों को पूरा करने के लिये 83 प्रतिशत आयात पर निर्भर है। पेट्रोल में एथनॉल के मिश्रण से आयात में कमी की जा सकेगी। साथ ही एथनॉल कम प्रदूषण फैलाना वाला ईंधन है। अत: इससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी। प्रधान ने कहा, ‘‘2025 तक 20 प्रतिशत एथनॉल मिलाने के लिये , 1,000 करोड़ लीटर की जरूरत होगी। माजूदा भाव पर यह 60,000 से 65,000 करोड़ रुपये का है।’’ पेट्रोल में एथनॉल का मिश्रण बढ़ाने से चीनी मिलों को आय का अतिरिक्त स्रोत प्राप्त होगा और उन्हें किसानों के बकाये के भुगतान में मदद मिलेगी।
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