घर खरीदने वालों को सरकार ने दिया बड़ा तोहफा, रीयल एस्टेट में GST दरों में कटौती
आसान कर व्यवस्था से घरों की बिक्री को बढ़ावा मिलेगा और इससे रोजगार भी बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद ने क्षेत्र को बड़ी राहत दी है और यह इस महत्वपूर्ण क्षेत्र की प्रगति को सुनिश्चित करने वाला कदम है।
नयी दिल्ली। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने रविवार को कहा कि निर्माणाधीन मकानों एवं किफायतों आवासों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दर में कमी के फैसले से मकान खरीदारों की जरूरतें पूरी होंगी और मकानों की बिक्री को बल मिलेगा। सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, "रीयल एस्टेट क्षेत्र और आवासीय क्षेत्र से निर्माण को बढ़ावा मिलता है और इससे रोजगार का सृजन होता है।
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हमारा मानना है कि आसान कर व्यवस्था से घरों की बिक्री को बढ़ावा मिलेगा और इससे रोजगार भी बढ़ेगा।" उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद ने क्षेत्र को बड़ी राहत दी है और यह इस महत्वपूर्ण क्षेत्र की प्रगति को सुनिश्चित करने वाला कदम है। उल्लेखनीय है कि जीएसटी परिषद ने रीयल एस्टेट क्षेत्र में मांग को बढ़ावा देने के लिए निर्माणाधीन परियोजनाओं में मकानों पर जीएसटी की दर 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दी है और इसमें इनपुट कर का लाभ खत्म करने का फैसला किया है।
In its 33rd meeting the GST Council has accorded big relief to Real Estate Sector. GST rate on affordable housing has been reduced to 1% from 8% & for others from 12% to 5% for both without ITC.This will give boost to housing for all & fulfill aspirations of Neo/Middle classes.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) February 24, 2019
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को यहां जीएसटी परिषद की बैठक के बाद इस फैसले की जानकारी दी। साथ ही किफायती दर के मकानों पर भी जीएसटी दर को आठ प्रतिशत से घटाकर एक प्रतिशत करने का फैसला किया गया है। इसके साथ ही परिषद ने निर्माणाधीन और कंप्लीशन सर्टिफिकेट से पहले भवनों की बिक्री पर इनपुट कर छूट (आईटीसी) को समाप्त करने का निर्णय भी किया। रीयल एस्टेट बाजार में नकदी के धंधे पर अंकुश लगाने के लिए बिल्डरों को निर्माण सामग्री का एक बड़ा हिस्सा जीएसटी में पंजीकृत डीलरों से खरीदना अनिवार्य करने का भी फैसला किया गया है। रीयल एस्टेट पर जीएसटी की ये नयी दरें एक अप्रैल, 2019 से लागू होंगी।
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