सरकार ने कृषि उत्पादों के परिवहन को बढ़ावा देने को कृषि उड़ान-दो योजना शुरू की
नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कृषि उड़ान 2.0 योजना की शुरुआत करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य एयरलाइन की ‘लॉजिस्टिक’ मदद से भारतीय कृषि की विशाल क्षमता का उपयोग कर किसानों की आय को दोगुना करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्य की ओर ले जाना है।
नयी दिल्ली| नागर विमानन मंत्रालय ने बुधवार को कृषि उड़ान-दो योजना शुरू की। इसके तहत किसानों को कृषि उत्पादों के परिवहन में मदद के लिये पूर्वोत्तर, पहाड़ी और जनजातीय क्षेत्रों में स्थित हवाईअड्डों पर कार्गो से जुड़े बुनियादी ढांचे का निर्माणकिया जाएगा।
केंद्र ने सितंबर, 2020 में कृषि उड़ान योजना शुरू की थी। इसके तहत यदि शुल्क वाले कुल भार में कृषि सामान का हिस्सा 50 प्रतिशत से अधिक है, तो हवाई कार्गो परिचालकों के लिए चुनिंदा भारतीय हवाई अड्डों पर पार्किंग शुल्क और ‘टर्मिनल नेविगेशन लैंडिंग’ शुल्क आदि से छूट दी जाती है।
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केंद्र ने अब कृषि उड़ान- दो के तहत कृषि सामान का हिस्सा कुल भार में 50 प्रतिशत कम होने पर भी चुनिंदा हवाईअड्डों पर हवाईअड्डा शुल्कों में पूर्ण रूप से छूट देने की बात कही है। केंद्र ने कहा कि इस योजना के तहत हवाईअड्डों पर चरणबद्ध तरीके से कार्गो टर्मिनल बनाये जाएंगे।
उदाहरण के लिए, 2021-22 में अगरतला, श्रीनगर, डिब्रूगढ़, दीमापुर, हुबली, इंफाल, जोरहाट, लीलाबारी, लखनऊ, सिलचर, तेजपुर, तिरुपति और तूतीकोरिन में हवाई अड्डों पर कार्गो टर्मिनल स्थापित किए जाएंगे। वहीं 2022-23 में अहमदाबाद, भावनगर, झारसुगुडा, कोझीकोड, मैसूर, पुडुचेरी, राजकोट और विजयवाड़ा में हवाई अड्डों पर कार्गो टर्मिनल स्थापित किए जाएंगे।
इसके अलावा कृषि उड़ान- दो के तहत सरकार राज्यों को विमान ईंधन पर बिक्री कर कम कर एक प्रतिशत करने के लिये प्रोत्साहित करेगी।
नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कृषि उड़ान 2.0 योजना की शुरुआत करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य एयरलाइन की ‘लॉजिस्टिक’ मदद से भारतीय कृषि की विशाल क्षमता का उपयोग कर किसानों की आय को दोगुना करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्य की ओर ले जाना है।
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