सरकार प्रतिस्पर्धा, दिवाला कानूनों में बदलाव के लिए ला सकती है विधेयक

Parliament of India
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बुलेटिन के मुताबिक, कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया को प्रभावी बनाने और दबावग्रस्त संपत्तियों के समयबद्ध समाधान तथा उनके मूल्य को अधिकतम करने के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिहाज से भी कुछ अन्य संशोधनों का प्रस्ताव है।

नयी दिल्ली| केंद्र सरकार नियामकीय व्यवस्था को मजबूत करने और नए दौर के बाजार की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रतिस्पर्धा और दिवाला कानून में संशोधन संबंधी विधेयक इस मानसून सत्र में पेश कर सकती है।

सोमवार से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में इन कानूनों में संशोधन करने संबंधी विधेयकों को पेश करने, चर्चा तथा पारित कराने के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 और दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी), 2016 को कंपनी मामलों का मंत्रालय लागू करता है। लोकसभा बुलेटिन के मुताबिक, प्रतिस्पर्धा (संशोधन), विधेयक 2022 में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के शासकीय ढांचे में कुछ आवश्यक संरचनात्मक बदलाव प्रस्तावित हैं। इसके अलावा नए दौर के बाजार की जरूरतों के लिए कुछ प्रावधानों में परिवर्तन का भी प्रस्ताव है।

इसके अलावा दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (संशोधन), विधेयक, 2022 भी मानसून सत्र के दौरान संसद में पेश किया जाएगा। इसमें सीमापार दिवाला के लिए प्रावधानों को शामिल करके संहिता को मजबूत करने का प्रस्ताव है।

बुलेटिन के मुताबिक, कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया को प्रभावी बनाने और दबावग्रस्त संपत्तियों के समयबद्ध समाधान तथा उनके मूल्य को अधिकतम करने के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिहाज से भी कुछ अन्य संशोधनों का प्रस्ताव है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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