गोल्ड हॉलमार्किंग अनिवार्य, नहीं होने पर लगेगा जुर्माना; ये हैं इससे जुड़ी जरूरी बातें

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सरकार ने कहा कि हालांकि उपभोक्ताओं की शिकायतों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। उपभोक्ता बीआइएससीएआरई एप्लिकेशन और केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के उपभोक्ता पोर्टल पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। देश में सोने पर हॉलमार्क अब तक स्वैच्छिक था।

नयी दिल्ली। केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि गहनों पर अनिवार्य हॉलमार्किंग (गुणवत्ता का ठप्पा) के आदेश का पालन नहीं करने वाले सुनारों पर अगस्त तक कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा। सरकार ने यह फैसला कोविड-19 से प्रभावित सुनारों के अनुरोध के बाद लिया है। सरकार ने कहा कि हालांकि उपभोक्ताओं की शिकायतों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। उपभोक्ता बीआइएससीएआरई एप्लिकेशन और केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के उपभोक्ता पोर्टल पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। देश में सोने पर हॉलमार्क अब तक स्वैच्छिक था।

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केंद्र सरकार ने वर्ष 2019 में 15 जनवरी 2021 से सोने पर हॉलमार्क अनिवार्य करने की घोषणा की थी। यह समयसीमा सुनारों द्वारा कोविड-19 महामारी के कारण अधिक समय की मांग के बाद दो बार टालकर 15 जून 2021 कर दी गई। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी ने कहा कि यह उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि सुनारो को नई प्रणाली के अनुकूल बनाने के लिए सरकार ने अनिवार्य हॉलमार्क मानदंडों का पालन न करने पर अगस्त तक जुर्माना नहीं लगाने का फैसला किया है। गौरतलब है कि सोने पर हॉलमार्क कीमती धातु की शुद्धता का प्रमाणीकरण होता है, जिसे अब सरकार ने सभी स्वर्णकारों के लिए अनिवार्य कर दिया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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