UPPSC PCS Exam Date| प्रीलिम्स को लेकर आया बड़ा फैसला, 22 दिसंबर को होगी परीक्षा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आयोग को प्रदर्शनकारी छात्रों की शिकायतों का समाधान करने का निर्देश दिया, जिसके परिणामस्वरूप परीक्षा कार्यक्रम को संशोधित करने का निर्णय लिया गया। पहले यह परीक्षा 27 अक्टूबर की मूल तिथि से स्थगित होकर 7 और 8 दिसंबर को आयोजित की जानी थी।
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों की मांगों पर सहमति जता दी है। अब उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा एक ही दिन आयोजित होगी। इस बार आयोग ने परीक्षा आयोजित करने के लिए 22 दिसंबर की तारीख तय की है। आयोग परीक्षा को दो पालियों में आयोजित करेगी। पहली सुबह 9:30 बजे से 11:30 बजे तक तथा दूसरी दोपहर 2:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक होगी।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आयोग को प्रदर्शनकारी छात्रों की शिकायतों का समाधान करने का निर्देश दिया, जिसके परिणामस्वरूप परीक्षा कार्यक्रम को संशोधित करने का निर्णय लिया गया। पहले यह परीक्षा 27 अक्टूबर की मूल तिथि से स्थगित होकर 7 और 8 दिसंबर को आयोजित की जानी थी। इस निर्णय की सराहना छात्रों की यात्रा संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिए उठाए गए कदम के रूप में की गई है। यूपीपीएससी ने एक आधिकारिक बयान में कहा, "संयुक्त राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा की प्रकृति को देखते हुए, आयोग ने सैद्धांतिक रूप से इसे एक ही दिन में आयोजित करने का निर्णय लिया है, जैसा कि पहले किया गया था।"
प्रयागराज में यूपीपीएससी कार्यालय के बाहर सैकड़ों अभ्यर्थियों ने परीक्षा प्रारूप में बदलाव की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था। उनका तर्क था कि पिछला प्रारूप, जो कई दिनों और शिफ्टों में फैला हुआ था, अनुचित था और इसमें विसंगतियां होने की संभावना थी। समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) परीक्षा में 10 लाख से अधिक अभ्यर्थियों के शामिल होने की संभावना है।
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने छात्रों को उनके कल्याण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया। पाठक ने कहा, "समस्या का समाधान हो गया है। राज्य सरकार छात्रों के हितों को प्राथमिकता दे रही है। उनकी मांगें पूरी कर दी गई हैं और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें आगे कोई समस्या न हो।" भाजपा सांसद दिनेश शर्मा ने भी मुख्यमंत्री के निर्णय की सराहना करते हुए यही भावनाएं व्यक्त कीं।
शर्मा ने कहा, "छात्र हित में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। विपक्ष केवल इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहा है। आरओ/एआरओ (प्री.) परीक्षा-2023 के लिए आयोग द्वारा सभी पहलुओं का मूल्यांकन करने और जल्द ही एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए एक समिति का गठन किया गया है।"
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