नितिन गडकरी ने स्फूर्ति योजना के डिजिटलीकरण की वकालत की

Gadkari advocates digitization of PEP scheme

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री नितिन गडकरी ने स्फूर्ति योजना के डिजिटलीकरण की वकालत की।मंत्री ने कहा कि एक तरह का काम करने वाले कारीगरों को एक स्थान पर एक ही परिसर में लाने के बारे में सूचनाओं को अधिक तेजी से बढ़ाने की आवश्यकता है।

नयी दिल्ली। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को अधिकारियों को परंपरागत कारीगरी वाले उद्योगों को नये सिरे से खड़ा करने के लिये शुरू की गई कोष योजना का डिजिटलीकरण करने का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि इस योजना ‘स्कीम आफ फंड फार रिजनरेशन आफ ट्रेडीशनल इंडस्ट्रीज (स्फूर्ति) योजना के डिजिटलीकरण से इसके त्वरित क्रियान्वयन में मदद मिलेगी। एमएसएमई मंत्रालय इस योजना का क्रियान्वयन कर रहा है। इसके तहत परंपरागत उघोगों और कारीगरों को एक समूह में बिठाना है ताकि उन्हें अधिक प्रतिस्पर्धी बनाया जा सके और उनकी आय भी बढ़ाई जा सके। स्फूर्ति योजना के तहत इन कारीगरों के लिये साझा सुविधायें खड़ी करना है। उन्हें एक समूह में परिसर के तहत बिठाने से उनके लिये नई मशीनें, कच्चे माल का भंडार बनाने और उनके तैयार उत्पादों की पैकिंग बेहतर बनाने की सुविधायें उपलब्ध कराई जायेंगी।

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गडकरी यहां स्फूर्ति योजना को लेकर दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन करने के मौके पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा सचिव (एमएसएमई) और अन्य को सुझाव है कि वह योजना का डिजिटलीकरण करें। हमें समूचे तंत्र को पारदर्शी, समयबद्ध, परिणाम हासिल करने वाला और भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की जरूरत है।’’ मंत्री ने कहा कि एक तरह का काम करने वाले कारीगरों को एक स्थान पर एक ही परिसर में लाने के बारे में सूचनाओं को अधिक तेजी से बढ़ाने की आवश्यकता है। इस तरह के अब तक घोषित 394 शंकुलों में से वास्तव में 93 ही काम कर रहे हैं। इस प्रक्रिया में तेजी लाकर 5,000 कलस्टर बनाने के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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