वित्त मंत्री ने विपक्ष पर लगाया दुष्प्रचार का आरोप, बोलीं- बजट में आर्थिक वृद्धि और रोजगार का रखा गया ध्यान
निर्मला सीतारमण ने कहा कि मैंने इस सदन को 2021-22 में वचन दिया था कि 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को 4.5% के नीचे लाने के लिए काम करेंगे, जो 2021 में 9.2% तक पहुंच गया था। हम अपने लक्ष्य को पूरा करने के रास्ते पर हैं। उन्होंने कहा कि कृषि और इससे जुड़े सेक्टर्स के लिए बजट में 1.52 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान है जो इससे पिछले वर्ष से 8000 करोड़ ज्यादा है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में बजट पर हुई चर्चा के जवाब में कहा कि बजट में विकास, रोजगार, पूंजी निवेश और राजकोषीय सुदृढ़ीकरण के बीच बेहतर संतुलन स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि पीएलआई योजना में निवेशकों की गहरी दिलचस्पी बरकरार है। उन्होंने दावा किया कि हमने भारत को विनिर्माण के लिए आकर्षक गंतव्य बनाने का प्रयास किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार की नीति युवाओं को सक्षम बनाने की है तथा बजट में पांच योजनाओं के पैकेज की घोषणा की गई है। उन्होंने विपक्ष पर दुष्प्रचार करने का भी आरोप लगाया।
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निर्मला सीतारमण ने कहा कि मैंने इस सदन को 2021-22 में वचन दिया था कि 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को 4.5% के नीचे लाने के लिए काम करेंगे, जो 2021 में 9.2% तक पहुंच गया था। हम अपने लक्ष्य को पूरा करने के रास्ते पर हैं। उन्होंने कहा कि कृषि और इससे जुड़े सेक्टर्स के लिए बजट में 1.52 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान है जो इससे पिछले वर्ष से 8000 करोड़ ज्यादा है। तुलना के लिए बता दूं कि 2013-14 में, UPA के अंतिम वर्ष में कृषि के लिए सिर्फ 30000 करोड़ रु का आवंटन हुआ था।
सीतारमण ने कहा कि 35A और 370 संविधान का हिस्सा नहीं थे। इसे बस संविधान के साथ जोड़ा गया था यह कहते हुए कि, "ये भी संविधान का हिस्सा है।" इसे जोड़ने के लिए कभी वैध तरीके से संशोधन नहीं लाया गया। आज जो संविधान हाथ में लेके घूमते हैं, उन्हें बताना चाहिए कि क्या ये धोखा नहीं था? उन्होंने कहा कि कर राजस्व में प्रभावशाली वृद्धि देखी गई है। मीटरिंग के प्रयासों से बिजली क्षेत्र में बिलिंग और संग्रह दक्षता में सुधार हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप गैर-कर राजस्व भी 22-23 में ₹5,148 करोड़ से बढ़कर 23-24 में ₹6,500 करोड़ हो गया है। यह एक बड़ा सुधार कदम है।
वित्त मंत्री ने कहा कि कच्चे पाम तेल, कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल पर मूल शुल्क 2.5% से घटाकर शून्य कर दिया गया है। यह उपाय भारत में कच्चे तेल को रिफाइनिंग, रोजगार सृजन और देश में खाद्य तेल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए आयात करने की अनुमति देता है। उन्होंने बताया कि वित्त आयोग संविधान के अनुच्छेद 279 में परिभाषित शुद्ध आय के प्रतिशत के रूप में करों के अवमूल्यन की सिफारिश करता है। शुद्ध आय की गणना सकल कर प्राप्तियों से उपकर, अधिभार और संग्रह की लागत में कटौती के बाद की जाती है।
बजट 2024-25 पर चर्चा का जवाब देते हुए राज्यसभा में वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि सकल कर प्राप्तियों के आधार पर हस्तांतरण की गणना करना और फिर दावा करना कि केंद्र वित्त आयोग द्वारा सुझाए गए से कम हस्तांतरण कर रहा है, गलत है। उन्होंने कहा कि वित्त आयोग शुद्ध आय के प्रतिशत के रूप में करों के हस्तांतरण की सिफारिश करता है, जैसा कि संविधान के अनुच्छेद 279 में परिभाषित किया गया है। शुद्ध आय की गणना सकल कर प्राप्तियों से उपकर, अधिभार और संग्रह की लागत घटाकर की जाती है।
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वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘अगर बजट भाषण में किसी राज्य का नाम नहीं है तो इसका यह मतलब नहीं कि उसके लिए बजट में कोई आवंटन नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर पीछे के बजट पर गौर किया जाए तो संप्रग (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) सरकार ने भी अपने बजट भाषण में सभी राज्यों के नामों का उल्लेख नहीं किया था।’’ सीतारमण ने कहा, ‘‘2004-05 के बजट में 17 राज्यों का नाम नहीं लिया गया। वहीं 2009-10 के पूर्ण बजट में 28 राज्यों का नाम नहीं था। अन्य बजट में भी कई राज्यों का उल्लेख नहीं था। क्या उन राज्यों को पैसा नहीं मिला।’’
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