डिजिटल अर्थव्यवस्था वर्ष 2030 तक 800 अरब डॉलर होगी: सीतरमण

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सीतारमण ने आईआईटी बॉम्बे पूर्व-छात्र संगठन को डिजिटल ढंग से संबोधित करते हुए कहा कि भारत में 6,300 से अधिक वित्त-प्रौद्योगिकी कंपनियां हैं, जिनमें से 28 प्रतिशत निवेश प्रौद्योगिकी में, 27 प्रतिशत भुगतान खंड में, 16 प्रतिशत उधारी खंड में और नौ प्रतिशत बैंकिंग बुनियादी ढांचे में हैं, जबकि 20 प्रतिशत से अधिक कंपनियां अन्य क्षेत्रों में हैं।

नयी दिल्ली|  वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि भारत में इंटरनेट की पहुंच बढ़ने और आय स्तर में वृद्धि के साथ ही डिजिटल अर्थव्यवस्था वर्ष 2030 तक 800 अरब डॉलर का स्तर पार कर सकती है।

सीतारमण ने आईआईटी बॉम्बे पूर्व-छात्र संगठन को डिजिटल ढंग से संबोधित करते हुए कहा कि भारत में 6,300 से अधिक वित्त-प्रौद्योगिकी कंपनियां हैं, जिनमें से 28 प्रतिशत निवेश प्रौद्योगिकी में, 27 प्रतिशत भुगतान खंड में, 16 प्रतिशत उधारी खंड में और नौ प्रतिशत बैंकिंग बुनियादी ढांचे में हैं, जबकि 20 प्रतिशत से अधिक कंपनियां अन्य क्षेत्रों में हैं। उन्होंने कहा कि ये वित्त-प्रौद्योगिकी कंपनियां विभिन्न गतिविधियों में फैली हुई हैं।

वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘एक आकलन के मुताबिक भारत में डिजिटल अर्थव्यवस्था 2020 में 85-90 अरब अमेरिकी डॉलर तक है और इसके 2030 तक बढ़कर 800 अरब अमेरिकी डॉलर होने की उम्मीद है।’’

उन्होंने कहा कि भारत में इंटरनेट की पहुंच बढ़ने और आय स्तर में वृद्धि के कारण डिजिटल अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने ई-केवाईसी और ई-आधार जैसी तकनीक के साथ शेयर बाजारों तक पहंच को आसान बनाया है, जिससे बाजार में खुदरा निवेशक बढ़े हैं।

सीतारमण ने कहा कि खुदरा निवेशकों के खातों की कुल संख्या लगभग दोगुनी हो गई है। यह आंकड़ा मार्च 2016 में 4.5 करोड़ था, जो मार्च 2021 तक बढ़कर 8.82 करोड़ हो गया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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