धर्मेंद्र प्रधान का दावा, गरीबों को डेढ़ करोड़ एलपीजी सिलेंडर नि:शुल्क दिए गए
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क । Apr 16 2020 9:40PM
पेट्रोलियम विपणन कंपनियां प्रतिदिन 50 से 60 लाख सिलेंडर वितरित कर रही हैं। इनमें पीएमयूवाई लाभार्थियों के लिए लगभग 18 लाख मुफ्त सिलेंडर शामिल हैं। प्रधान करीब800 एलपीजी सिलेंडर घर-घर पहुंचाने वाले कर्मचारियों के साथ वेबिनार में शामिल हुए।
नयी दिल्ली। सरकार ने लॉकडाउन के दौरान गरीबों को 1.5 करोड़ रसोई गैस सिलेंडर (एलपीजी) मुफ्त दिए हैं। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बृहस्पतिवार को कहा कि बंद के दौरान गरीबों को राहत के उपाय के तहत पिछले दो सप्ताह में डेढ़ करोड़ एलपीजी सिलेंडर दिए गए हैं। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई के तहत केंद्र ने कई राहत उपायों की घोषणा की थी। इनमें एक उपाय प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के तहत आठ करोड़ लाभार्थियों को अप्रैल से जून के दौरान 14.2 किलोग्राम के तीन रसोई गैस सिलेंडर मुफ्त उपलब्ध कराना है।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस योजना के सुचारू क्रियान्वयन के लिए पेट्रोलियम विपणन कंपनियां सिलेंडर के खुदरा बिक्री मूल्य के बराबर राशि अग्रिम में लाभार्थियों के खातों में डाल रही हैं। लाभार्थी इस राशि का इस्तेमाल एलपीजी सिलेंडर ले सकेंगे। इस योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा बैठक में प्रधान ने कहा कि पीएमयूवाई के लाभार्थियों कोअब तक 1.51 करोड़ से अधिक एलपीजी सिलेंडर मुफ्त दिए गए हैं। पेट्रोलियम विपणन कंपनियां प्रतिदिन 50 से 60 लाख सिलेंडर वितरित कर रही हैं। इनमें पीएमयूवाई लाभार्थियों के लिए लगभग 18 लाख मुफ्त सिलेंडर शामिल हैं। प्रधान करीब800 एलपीजी सिलेंडर घर-घर पहुंचाने वाले कर्मचारियों के साथ वेबिनार में शामिल हुए। उन्होंने इन डिलिवरी करने वाले कर्मचारियों को संकट के इस समय आगे बढ़ाकर लड़ने वाला सैनिक और कोरोना फाइटर बताया।वार्तालाप के दौरान मुझे यह भी ज्ञात हुआ की हमारे कुछ एलपीजी वितरक कर्मियों ने प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के नेतृत्व में स्वस्थ भारत की कल्पना को सुदृढ़ करने के लिए #PMCARES फंड में भी अपना योगदान दिया है।
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) April 16, 2020
इसकी जितनी भी सराहना की जाए वह कम है।#IndiaFightsCorona pic.twitter.com/H4xPKKqc1j
डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
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