बढ़ती गर्मी में हुआ AC की मांग में इजाफा, मांग बढ़ने पर कलपुर्जे विदेशों से इंपोर्ट करने पड़ रहे

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रितिका कमठान । Jun 20 2024 4:44PM

एसी खराब होने पर इनके कलपुर्जों की बढ़ती मांग को देखते हुए कंपनियां चीन, ताइवान, थाईलैंड, मलेशिया और जापान जैसे कई देशों से कलपुर्जे हवाई मार्ग से मंगवा रही हैं। इसके पीछे मुख्य कारण है कि समुद्र के रास्ते पारंपरिक डिलीवरी में अधिक समय लगता है।

भारत में इन दिनों भीषण गर्मी हो रही है। उत्तर भारत समेत देश के अधिकतर हिस्सों में पारा लगातार ऊपर चढ़ता जा रहा है। गर्मी से राहत पाने के लिए एसी का उपयोग भी अधिक होने लगा है। वहीं इस दौरान एसी के कलपुर्जों की मांग में भी बढ़ोतरी होने लगी है।

एसी खराब होने पर इनके कलपुर्जों की बढ़ती मांग को देखते हुए कंपनियां चीन, ताइवान, थाईलैंड, मलेशिया और जापान जैसे कई देशों से कलपुर्जे हवाई मार्ग से मंगवा रही हैं। इसके पीछे मुख्य कारण है कि समुद्र के रास्ते पारंपरिक डिलीवरी में अधिक समय लगता है। उद्योग से जुड़े लोगों ने कहा कि भारत में एयर कंडीशनिंग निर्माता कम्प्रेसर, क्रॉस-फ्लो पंखे/मोटर जैसे घटकों को हवाई मार्ग से बाहर से मंगा रहे हैं, ताकि देश के अधिकांश भागों में भीषण गर्मी के कारण मांग में वृद्धि को पूरा किया जा सके, जिससे एसी की बिक्री रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है।

कंपनियां अपने उत्पादन और आपूर्ति लाइन को बरकरार रखने के लिए चीन, ताइवान, थाईलैंड, मलेशिया और जापान जैसे कई देशों के वैश्विक आपूर्तिकर्ताओं से आपातकालीन स्थिति में कलपुर्जे हवाई मार्ग से मंगवा रही हैं। हवाई मार्ग से कलपुर्जे इसलिए मंगवाए जा रहे हैं क्योंकि समुद्री माल के जरिए पारंपरिक डिलीवरी में अधिक समय लगता है। कुछ कंपनियों ने तांबे और एल्युमीनियम जैसी धातुओं की कीमतों में 4-5 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की है, जिस कारण कीमतों में वृद्धि का बोझ ग्राहकों पर पड़ रहा है। इसके अलावा, कुछ कम्पनियों ने कहा कि कई स्थानों पर स्थापना में एक सप्ताह या उससे अधिक समय लग रहा है, क्योंकि मौजूदा सेवा नेटवर्क नए कनेक्शन या सेवा अनुरोधों को संभालने में असमर्थ है। पिछले तीन महीनों में रूम एयर कंडीशनिंग उद्योग में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। उद्योग के पास यहां उस तरह का घटक बैकअप नहीं है क्योंकि भारत में अभी भी पीएलआई योजना के तहत एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाया जा रहा है।

बता दें कि जब वृद्धि 70-80 प्रतिशत होगी, तो कमी होगी। आपको या तो एयरलिफ्ट करना होगा या बिक्री से हाथ धोना होगा, यह सच है।" उद्योग एक साल में जितना बेचता है, वह इस सीजन में तीन महीनों में बिक गया है। "मार्च में वृद्धि दर 40 प्रतिशत, अप्रैल में 80 प्रतिशत तथा मई में 70 प्रतिशत रही। जून में और 70 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिलेगी।" इसलिए, कंपनियां अधिक से अधिक विनिर्माण करने का प्रयास कर रही हैं और घटकों का हवाई मार्ग से आयात-निर्यात हो रहा है, जो उद्योग में आम बात है। उद्योग के एक अंदरूनी सूत्र के अनुसार, आम तौर पर कोई भी कंपनी तीन महीने पहले से उत्पादन की योजना बनाकर माल रखती है, जिसे आम तौर पर समुद्री माल के ज़रिए भेजा जाता है। हालांकि, मांग में अचानक वृद्धि के कारण आपातकालीन हवाई परिवहन की आवश्यकता होती है।

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