ऑनलाइन खुदरा बाजार में रिलांयस के पदार्पण से प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, ग्राहक फायदे में होंगे
पई ने कहा कि लगता है कि रिलायंस नयी पीढ़ी का ऑनलाइन खुदरा बाजार पेश करने की तैयारी में है। इससे देश की तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था में खुदरा कारोबार की दिशा बदलने की संभावना है।
बेंगलूरू। उद्यम पूंजी निवेशक और इन्फोसिस टेक्नोलॉजीज के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी मोहन पई का मानना है कि ऑनलाइन बाजार परिचालन के क्षेत्र में रिलायंस इंडस्ट्रीज के कदम रखने से डेटा के औपनिवेशीकरण का डर खत्म होगा, लागत घटेगी और उपभोक्ताओं को बड़ा लाभ होगा। पई ने कहा, ‘‘इससे एक बात तय है कि ग्राहकों और भारत को बड़ा फायदा होगा। भारत की रिलायंस जैसी विशाल इकाई के ऑनलाइन खुदरा का परिचालन करने से देश के ग्राहकों का डाटा विदेशी हाथों में जाने (डिजिटल उपनिवेशीकरण) का भय दूर होगा।’’
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पई ने कहा कि लगता है कि रिलायंस नयी पीढ़ी का ऑनलाइन खुदरा बाजार पेश करने की तैयारी में है। इससे देश की तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था में खुदरा कारोबार की दिशा बदलने की संभावना है। उन्होंने कहा, “इससे लागत में काफी अधिक कमी आएगी, आपूर्ति श्रृंखला की कमजोरी कम होगी, नुकसान कम होगा और डिलीवरी बेहतर होगी। इससे उपभोक्तओं को बहुत अधिक लाभ होगा।’’
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रिलायंस समूह के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने शुक्रवार को गुजरात में निवेशकों के अंतराष्ट्रीय सम्मेलन में ऑनलाइन-से-ऑफलाइन (ई-वाणिज्य से परम्परागत किराना स्टोर तक फैला) मंच प्रस्तुत करने की योजना संबंधी वक्तव्य दिया था। उसके बाद पई ने यह बात कही है। अंबानी ने कहा कि वैश्विक कंपनियों द्वारा डाटा पर कब्जा बढ़ रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि सरकार डिजिटल औपनिवेशीकरण को खत्म करने के कदम उठाए।
उन्होंने डेटा औपनिवेशीकरण के खिलाफ कदम उठाने की जरूरत पर बल देते हुए राजनीतिक उपनिवेशवाद के खिलाफ महात्मा गांधी के सत्याग्रह आंदोलन का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत के लोगों के आंकड़ों पर भारत के ही लोगों का अधिकार होना चाहिए।
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