उड़ान योजना की निगरानी के लिये समिति गठित की गयी

[email protected] । Apr 11 2017 5:28PM

उड़ान योजना के तहत देश के उन हिस्सों को हवाई संपर्क मार्ग से जोड़ा गया है जहां हवाई संपर्क या तो था ही नहीं या फिर बहुत कम उड़ानें होतीं हैं।

सरकार ने क्षेत्रीय वायुसेवा संपर्क योजना उड़ान की निगरानी के लिये एक अंतर-मंत्रालयी समिति गठित की है। इस योजना के तहत देश के उन हिस्सों को हवाई संपर्क मार्ग से जोड़ा गया है जहां हवाई संपर्क या तो था ही नहीं या फिर बहुत कम उड़ानें होतीं हैं। अंतर-मंत्रालयी समिति योजना के तहत राज्य सरकारों सहित सभी संबंद्ध पक्षों के बीच समन्वय बिठाने का काम करेगी ताकि योजना को समयबद्ध ढंग से लागू किया जा सके।

उड़े देश का आम नागरिक (उड़ान) योजना के तहत नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने पहले ही स्पाइस जेट और एयर इंडिया की अनुषंगी सहित पांच एयरलाइनों को 70 हवाई अड्डों से संपर्क करते हुये 128 वायु मार्गों पर उड़ान की अनुमति दी है। एक अधिसूचना के अनुसार नागरिक उड्डयन सचिव की अध्यक्षता वाली इस अंतर मंत्रालयी-सह- समन्वय समिति में वित्त, रक्षा, गृह मंत्रालय के साथ ही पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।

इसके अलावा भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (एएआई) के चेयरमैन, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए), नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) के साथ साथ विमानन कंपनियों और संबंधित राज्यों के अधिकारी भी इसमें शामिल होंगे। नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार यदि जरूरत हुई तो समिति के चेयरपर्सन किसी भी अधिकारी अथवा विशेषज्ञ को अपने साथ शामिल कर सकते हैं। इस उड़ान योजना के तहत करीब 50 प्रतिशत सीटों पर 2,500 रुपये प्रति सीट प्रति घंटा की किराया सीमा तय होगी।

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