भारतपे ने पूर्व सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर के साथ विवाद सुलझाया, 88 करोड़ की हेराफेरी मामले में हुआ समझौता
यही नहीं अश्नीर ग्रोवर अब कंपनी के शेयरधारिता का हिस्सा भी नहीं होंगे। इस समझौते के साथ ही दोनों के बीच के सभी संबंध खत्म हुए है। ये समझौता होते ही दोनों पक्षों के बीच के कानूनी और सार्वजनिक विवाद खत्म हुए है।
फिनटेक भारतपे और कंपनी के पूर्व सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर के बीच एक निर्णायक समझौता किया है। भारत पे और अशनीर ग्रोवर के बीच कई वर्षों से विवाद जारी है। इस विवाद को खत्म कर लिया गया है। इस विवाद को खत्म करने के उद्देश्य से एक समझौता किया गया है। इस समझौते के मुताबिक अशनीर ग्रोवर किसी भी क्षमता में भारतपे से जुड़ी नहीं रहेंगे।
यही नहीं अश्नीर ग्रोवर अब कंपनी के शेयरधारिता का हिस्सा भी नहीं होंगे। इस समझौते के साथ ही दोनों के बीच के सभी संबंध खत्म हुए है। ये समझौता होते ही दोनों पक्षों के बीच के कानूनी और सार्वजनिक विवाद खत्म हुए है। समझौते के तहत ही अश्नीर के खिलाफ सभी कानूनी विवाद भी कंपनी ने वापस ले लिए है।
मनीकंट्रोल के अनुसार भारतपे के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि अशनीर ग्रोवर के कुछ शेयर भारतपे के लाभ के लिए रेजिलिएंट ग्रोथ ट्रस्ट को हस्तांतरित किए जाएंगे और उनके शेष शेयरों का प्रबंधन उनके पारिवारिक ट्रस्ट द्वारा किया जाएगा। दोनों पक्षों ने दायर मामलों को आगे न बढ़ाने का फैसला किया, उन्होंने कहा, "हम श्री ग्रोवर को शुभकामनाएं देते हैं। भारतपे अपने व्यापारियों और ग्राहकों को उद्योग-अग्रणी समाधान प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखता है, जिससे लाभप्रदता के साथ विकास होता है।"
बता दें कि फिनकेट कंपनी भारतपे ने अश्नीर ग्रोवर पर इल्जाम लगाया था कि उन्होंने 88 करोड़ से अधिक का गबन किया है। अश्नीर के अलावा उनके परिवार पर भी ये आरोप कंपनी ने लगाया था।
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