अंबानी सबसे अमीर भारतीय, Ambani धनाढ्यों की सूची में 23वें स्थान पर खिसके
एम3एम हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट के अनुसार, पिछले साल से अगर तुलना की जाए तो अडाणी को इस वर्ष हर सप्ताह औसतन 3,000 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है और कुल मिलाकर उनका नेटवर्थ उच्चतम स्तर से 60 प्रतिशत घट गया है।
कंपनी संचालन और बही-खाते में गड़बबड़ी को लेकर चिंता के बीच उद्योगपति गौतम अडाणी के नेटवर्थ में 60 प्रतिशत का नुकसान हुआ है और वह दुनिया के अरबपतियों की सूची में खिसकर 23वें स्थान पर पहुंच गये हैं। वहीं रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुकेश अंबानी उनसे आगे निकलते हुए सबसे अमीर भारतीय बन गये हैं। एम3एम हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट के अनुसार, पिछले साल से अगर तुलना की जाए तो अडाणी को इस वर्ष हर सप्ताह औसतन 3,000 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है और कुल मिलाकर उनका नेटवर्थ उच्चतम स्तर से 60 प्रतिशत घट गया है।
इसके साथ मार्च के मध्य में उनकी कुल संपत्ति 53 अरब डॉलर रह गयी। रिपोर्ट के अनुसार, अंबानी को भी इस दौरान नुकसान हुआ। लेकिन इसके बावजूद वह अडाणी को पीछे छोड़ते हुए सबसे धनाढ़्य भारतीय बन गये। उनका नेटवर्थ इस दौरान 20 प्रतिशत घटकर 82 अरब डॉलर पर आ गया। उल्लेखनीय है कि अमेरिकी वित्तीय शोध और निवेश कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने जनवरी के अंतिम सप्ताह में रिपोर्ट प्रकाशित कर अडाणी समूह पर बही-खाते और शेयरों में गड़बड़ी का आरोप लगाया था। हालांकि, समूह ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। लेकिन इससे समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई।
संपत्ति में गिरावट के साथ अडाणी और अंबानी दोनों वैश्विक स्तर पर धनाढ़्यों की सूची में नीचे आये हैं। जहां अडाणी दुनिया के धनवानों की सूची में खिसकर 23वें स्थान पर आ गये वहीं अंबानी नौवें स्थान पर आ गए हैं। उल्लेखनीय है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने से पहले अडाणी कुछ समय के लिये दुनिया के दूसरे सबसे धनाढ़्य व्यक्ति बने थे। हालांकि, अगर 10 साल पहले से तुलना की जाए तो दोनों उद्योगपतियों की संपत्तियों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। जहां अडाणी का नेटवर्थ 1,225 प्रतिशत बढ़ा है, वहीं अंबानी की संपत्ति 356 प्रतिशत बढ़ी है।
सूची के अनुसार भारत में 187 धन कुबेर रह रहे हैं। यह पिछले साल के मुकाबले 15 प्रतिशत अधिक है। इसमें देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में सर्वाधिक 66 अरबपति निवास करते हैं। अगर वैश्विक स्तर पर भारतीय मूल के लोगों को देखें तो ऐसे धनवानों की संख्या 217 बैठती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया में धनाढ़्यों की कुल संपत्ति में भारत की हिस्सेदारी पांच प्रतिशत है। वहीं अमेरिका की हिस्सेदारी 32 प्रतिशत है। वैश्विक स्तर पर चीन में सबसे ज्यादा धन कुबेर हैं और यह भारत के अरबपतियों की संख्या का पांच गुना है। क्षेत्रवार देखा जाए, तो भारतीय अरबपति अगुवा हैं। स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में पुणे के सीरम इंस्टिट्यूट के साइरस पूनावाला 27 अरब डॉलर के साथ सबसे धनवान व्यक्ति हैं।
इसी तरह, एशियन पेंट्स के अश्विन दानी का परिवार 7.1 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ अपने क्षेत्र के सबसे अमीर उद्यमी हैं। रिपोर्ट के अनुसार, बायजू रवींद्रन 3.3 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ सबसे धनी शिक्षा उद्यमी हैं। हुरुन की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 10 महिला अरबपति हैं। इसमें अपने दम पर आगे बढ़ने वाली राधा वेम्बु चार अरब डॉलर की संपत्ति के साथ सॉफ्टवेयर और सेवा क्षेत्र से दुनिया की दूसरी सबसे अमीर महिला हैं।
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