AEPC की सलाह, निर्यात बढ़ाने को मानव निर्मित धागा आधारित उत्पादों में विविधता लाए उद्योग

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परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) ने यह भी कहा कि उसने नोएडा को निर्यात के प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित करने के मकसद से क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित करने के लिए विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) के साथ साझेदारी की है।

परिधान निर्यात निकाय एईपीसी ने बृहस्पतिवार को उद्योग जगत से मुक्त व्यापार समझौतों का लाभ उठाने और मानव निर्मित धागा (एमएमएफ) आधारित उत्पादों में विविधता लाने को कहा ताकि वैश्विक मांग को पूरा किया जा सके और निर्यात को बढ़ाया जा सके। परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) ने यह भी कहा कि उसने नोएडा को निर्यात के प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित करने के मकसद से क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित करने के लिए विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) के साथ साझेदारी की है।

कार्यक्रम में अतिरिक्त डीजीएफटी गंगाधर पांडा ने कहा कि सरकार की सहायक नीतियां, एफटीए और आपूर्ति श्रृंखला के पुनर्विन्यास के कारण बाजार की बड़ी मांग को पूरा करने में मदद कर सकती हैं। एईपीसी के अध्यक्ष नरेन गोयनका ने कहा कि यह देखना आशाजनक है कि इन नई टिकाऊ प्रथाओं को अपनाने के लिए मूल्य श्रृंखला में कई अंशधारकों द्वारा कई पहल की जा रही हैं।

एईपीसी के महासचिव मिथिलेश्वर ठाकुर ने कहा कि समान स्तर के निवेश के साथ परिधान क्षेत्र में रोजगार सृजन क्षमता अन्य क्षेत्रों की तुलना में छह गुना से अधिक है। उन्होंने व्यापार और उद्योग के सदस्यों से ‘‘हाल ही में सरकार द्वारा हस्ताक्षरित एफटीए का लाभ उठाने और वैश्विक मांग को पूरा करने और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए मानव निर्मित धागे (एमएमएफ) आधारित उत्पादों में विविधता लाने का अनुरोध किया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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