माउंट एवरेस्ट के शिखर पर पहुंचा 5जी नेटवर्क, मिलेगी 1.66 Gbps की डाउनलोड स्‍पीड

5G

चीन की दिग्गज सरकारी दूरसंचार कंपनी चाइना मोबाइल के अनुसार यह बेस स्टेशन 6,500 मीटर की ऊंचाई पर बनाया गया है। यह दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट के आधुनिक आधार शिविर (बेस कैंप) में स्थित है। इसने बृहस्पतिवार से परिचालन शुरू कर दिया।

बीजिंग। चीन की तरफ से माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाले पर्वतारोही अब इसके शिखर पर पहुंचकर भी तेज गति वाली 5जी दूरसंचार सेवा का इस्तेमाल कर सकेंगे। चीन के सरकारी मीडिया ने शुक्रवार को खबर दी कि दूरवर्ती हिमालयी क्षेत्र में दुनिया के सबसे अधिक ऊंचाई वाले बेस स्टेशन ने परिचालन शुरू कर दिया है। चीन की दिग्गज सरकारी दूरसंचार कंपनी चाइना मोबाइल के अनुसार यह बेस स्टेशन 6,500 मीटर की ऊंचाई पर बनाया गया है। यह दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट के आधुनिक आधार शिविर (बेस कैंप) में स्थित है। इसने बृहस्पतिवार से परिचालन शुरू कर दिया।

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‘शिन्हुआ’ समाचार एजेंसी की खबर के अनुसार इस बेस स्टेशन के अलावा पहले से दो और बेस स्टेशन क्रमश: 5,300 मीटर और 5,800 मीटर पर बने हुए हैं। इनसे माउंट एवरेस्ट पर अब उत्तरी रिज के अलावा चोटी पर भी पूरा 5जी सिग्नल मिलेगा। चीन-नेपाल सीमा पर स्थित माउंट एवरेस्ट की चोटी 8,840 मीटर की ऊंचाई पर है। 5जी पांचवीं पीढ़ी की वायरलेस संचार प्रौद्योगिकी है। तेज रफ्तार के साथ यह बेहतर बैंडविड्थ और नेटवर्क क्षमता उपलब्ध कराती है। यह भविष्य की चालकरहित कार, इंटरनेट से जुड़े उपकरणों, वर्चुअल बैठकों और टेलिमेडिसिन के लिए हाई-डेफिनेशन कनेक्शनों का रास्ता तैयार करेगी। चाइना मोबाइल की तिब्बत शाखा के महाप्रबंधक छाओ मिन ने कहा कि इस सुविधा से पर्वतारोहण, वैज्ञानिक अनुसंधान, पर्यावरण निगरानीऔर हाई-डेफिनेशन लाइस्ट्रीमिंग के लिए दूरसंचार सेवा सुनिश्चित हो सकेगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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