बिना तीखा बोले, प्यार से ही काजल अग्रवाल ने दिखा दिया बॉलीवुड इंडस्ट्री को आइना, Bollywood और Tollywood का कोई मेल नहीं?
काजल अग्रवाल दक्षिण उद्योग में एक बड़ा नाम हैं और अभिनेत्री ने विभिन्न भाषाओं की फिल्मों में काम किया है, मुख्यतः तमिल और तेलुगु उद्योगों में। वह हिंदी फिल्म उद्योग का भी हिस्सा रही हैं और उन्होंने बॉलीवुड की कई फिल्में भी की हैं। स्पेशल 26 में उनके अभिनय की सभी ने प्रशंसा की थी।
काफी समय से बॉलीवुड सवालों के घेरे में हैं। कभी बॉलीवुड पर जानबूझ कर हिन्दू धर्म को टारगेट करने का आरोप लगता है तो कभी हमारे इतिहास को गलत तरीके से प्रजेंट करने का। इंडस्ट्री के अंदर काम करने वाले आरोप लगाते हैं कि बॉलीवुड में नेपोटिस्म को बढ़ावा दिया जाता हैं। स्टार किड्स को आसानी से फिल्में दी जाती हैं, बड़े स्तर पर लॉन्च किया जाता है वहीं आउटसाइडर के अंदर काबिलियत होने के बाद भी काम नहीं मिलता हैं। कंगना रनौत ने तो खुलकर करण जौहर को बॉलीवुड का मूवी माफिया कहा हैं। अब हाल ही में एक्ट्रेस काजल अग्रवाल ने भी बॉलीवुड पर कंमेट किया हैं और वजह बताई है कि आखिर वह हिंदी फिल्मों से ज्यादा साउथ की फिल्में करना क्यों पसंद करती हैं।
बॉलीवुड पर क्या बोलीं काजल अग्रवाल
काजल अग्रवाल दक्षिण उद्योग में एक बड़ा नाम हैं और अभिनेत्री ने विभिन्न भाषाओं की फिल्मों में काम किया है, मुख्यतः तमिल और तेलुगु उद्योगों में। वह हिंदी फिल्म उद्योग का भी हिस्सा रही हैं और उन्होंने बॉलीवुड की कई फिल्में भी की हैं। स्पेशल 26 में उनके अभिनय की सभी ने प्रशंसा की थी। एक्ट्रेस ने बताया कि हिन्दी फिल्मों को भले ही बड़े स्तर पर स्वीकार किया जाता है लेकिन उनमें ईको-सिस्टम, नैतिकता, मूल्यों, अनुशासन की कमी होती हैं। एक्ट्रेस ने कहा 'हिंदी हमारी मातृभाषा रही है। हम हिंदी फिल्में देखते हुए बड़े हुए हैं। मैं यह भी स्वीकार करती हूं कि बॉलीवुड मुझपर मेहरबान भी रहा हैं लेकिन मैं दक्षिण उद्योग के ईको-सिस्टम, नैतिकता, मूल्यों, अनुशासन को पसंद करती हूं, मुझे लगता है कि हिंदी सिनेमा में इन चीजों की कमी है। उन्होंने कहा कि यहां (साउथ में) आपको कई तरीके की फिल्में और रोल मिलते हैं, साथ ही यहां वर्क एथिक की बहुत अहेमियत है, फिर चाहे आप कितने भी बड़े स्टार हों।
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साउथ फिल्म इंडस्ट्रीज पर काजल अग्रवाल
काजल ने भी दक्षिण उद्योग की प्रशंसा की और कहा, दक्षिण निश्चित रूप से बहुत स्वीकार्य है। इसमें किसी भी तरह का कोई शॉर्टकट नहीं है। कड़ी मेहनत करनी होती हैं। सफलता को पाने का भी आसान तरीका नहीं है। उन्होंने आगे कहा, “ऐसे बहुत से लोग हैं जो हिंदी में अपना करियर शुरू करना चाहते हैं क्योंकि यह एक अधिक राष्ट्रव्यापी मान्यता प्राप्त भाषा है। उन्होंने कहा कि दक्षिण एक बहुत ही अनुकूल उद्योग है, यह बहुत स्वीकार्य है। दक्षिण में शानदार तकनीशियन हैं, अद्भुत निर्देशक और अभूतपूर्व सामग्री है जो सभी चार भाषाओं- तेलुगु, तमिल, मलयालम और कन्नड़ में उत्पन्न होती है।
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काजल अग्रवाल के अपकमिंग प्रोजेक्ट्स
काजल को आखिरी बार तमिल फिल्म घोस्टी में देखा गया था, जो इस महीने की शुरुआत में रिलीज हुई थी। स्टार इंडियन 2 पर काम कर रही है, जो पहली बार कमल हासन के साथ उनके सहयोग को चिह्नित करेगी। अनिल रविपुदी द्वारा निर्देशित एनबीके 108 में काजल नंदमुरी बालकृष्ण के साथ भी नजर आएंगी। फिल्म में श्रीलीला भी अहम भूमिका में हैं। काजल की किटी में एक बॉलीवुड फिल्म, उमा भी है।
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