Kumbh Mela Prayagraj 2025: जनवरी 2025 में महाकुंभ में दिखेगा आस्था और आध्यात्म का अद्भुत संगम, जानिए खासियत

Kumbh Mela Prayagraj 2025
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महाकुंभ में देश-दुनिया से करीब 25 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। इसलिए इसको यूपी के भव्य ब्रैंड के मौके के तौर पर देखा जा रहा है। यही वजह है कि बुनियादी सुविधाओं के साथ ही इस उत्सव के रंग को गाढ़ा करने की तैयारी है।

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अगले साल जनवरी में प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ को भव्य बनाने की तैयारियां तेज कर दी हैं। इस दौरान प्रयागराज को आध्यात्म व संस्कृति के मेगा शो केस के तौर संस्कृति ग्राम के रूप में बसाया जाएगा। वहीं 5 एकड़ में बसने वाले इस संस्कृति ग्राम में करीब 45 दिनों तक तमाम आयोजन होंगे। इसमें सनातन परंपरा की झलक देखने को मिलेगी। संस्कृति ग्राम में वर्चुअल रियलिटी और ऑग्मेंटेड रियलिटी के माध्यम से श्रद्धालुओं को महाकुंभ के विभिन्न सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक पहलुओं दिखाया जाएगा। इस मेला में 30 भव्य थीम आधारिक द्वारों का निर्माण होगा। 

पहुंचेंगे करोड़ों श्रद्धालु

महाकुंभ में देश-दुनिया से करीब 25 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। इसलिए इसको उत्तर प्रदेश के भव्य ब्रैंड के मौके के तौर पर देखा जा रहा है। यही वजह है कि बुनियादी सुविधाओं के साथ ही इस उत्सव के रंग को गाढ़ा करने की तैयारी है। पर्यटन विभाग ने संस्कृति ग्राम के लिए एजेंसी के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसमें 20 स्टॉल भी प्रदर्शित किए जाएंगे, जिसमें शिल्प और स्थानीय हस्तकला को तरहीज दी जाएगी।

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महाकुंभ के संस्कृति ग्राम को ऑग्मेंटेड रियलिटी वर्चुअल रिएलिटी का हब बनाया जाएगा। महाकुंभ के आध्यात्मिक, पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व को दर्शाया जाएगा। महाकुंभ की यात्रा को विभिन्न कालखंडों में इन माध्यमों से दिखाया जाएगा। संस्कृति ग्राम को विभिन्न जोन जैसे- पौराणिक कथाओं, ऐतिहासिक अभिलेख, प्राचीन संस्कृति, ज्योतिष, कला एवं संवाद के अलग-अलग जोन में बाटा गया था।

राजा हर्षवर्धन के दान और चरक संहिता भी दिखेगी

महाकुंभ के संस्कृति ग्राम में कन्नौज के राजा हर्षवर्धन द्वारा अपनी समस्त संपत्ति की दान किए जाने का चित्रण भी मिलेगा। महाकुंभ से जुड़े सभी स्थलों की विशेषता, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संदर्भों को 360 डिग्री वर्चुअल एक्सपीरियंस, मल्टीमीडिया डिस्प्ले और इंटरैक्टिव कियोस्क के माध्यम से जाना जाएगा। वेद, पुराण और चरक संहिता व प्राचीन ज्योतिष शास्त्रों का प्रदर्शनी स्थल पर उल्लेख किया जाएगा। साथ ही भारत के सभी प्राचीन विश्वविद्यालय का भी जिक्र किया जाएगा। मेन स्टेज पर रोजाना संगीत, शास्त्रीय और लोकनृत्य की प्रस्तुतियां होंगी। इसके अलावा नाटक, फूड स्टॉल्स, क्राफ्ट वर्कशॉप, डांस-म्यूजिक वर्कशॉप और कुकिंग आदि का भी आयोजन होगा। वहीं महाकुंभ घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए गाइड और सूचना केंद्र की भी सुविधा होगी।

देवताओं और मंथन पर आधारित द्वार

बता दें कि महाकुंभ मेला में यूपी पर्यटन विभाग 30 बेहद भव्य द्वारों का निर्माण कराएगा। इनके द्वारों के नाम स्वास्तिक द्वार, डमरू द्वार, शंख द्वार, कामधेनु द्वार, लक्ष्मी द्वार, ओम द्वार, शिवलिंग द्वार, चंद्र द्वार, कलश द्वार, महाकुंभ लोगो द्वार, त्रिशूल द्वार, महाकुंभ 2025 द्वार, सूर्य द्वार, देव दल द्वार, कमल द्वार, गदा द्वार, धनुष द्वार, गंगा द्वार, कौस्तुभ द्वार, नंदी द्वार, संगम द्वार, नाग वासुकी द्वार, सुदर्शन चक्र द्वार, 14 रत्न कथा द्वार, कच्छप द्वार, कल्पवृक्ष द्वार, ऐरावत द्वार, समुद्र मंथन द्वार, रुद्राक्ष द्वार व अश्व द्वार हैं। साथ ही इन सभी द्वारों पर लैंप पोस्ट, सेल्फी प्वाइंट और पोर्टेबल टूरिस्ट इंफॉर्मेशन सेंटर का निर्माण किया जाएगा। थीम के अनुरूप ही सभी द्वार निर्मित किए जाएंगे। यह द्वार थीम के महत्व को दर्शाएंगे और यह पर्यटकों के आकर्षण का भी केंद्र होगा।

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