Mahashivratri 2024: विशेष लाभ के लिए महाशिवरात्रि पर राशि अनुसार करें भगवान शिव की पूजा, मिलेगा लाभ ही लाभ
सनातन धर्म में भगवान शिव की उपासना के कई तरीके हैं। वहीं महाशिवरात्रि का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन को भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह के उत्सव के रूप में मनाया जाता है।
सनातन धर्म में भगवान शिव की उपासना के कई तरीके हैं। वहीं महाशिवरात्रि का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन को भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह हिंदू धर्म का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। महाशिवरात्रि के मौके पर लोग विशेष तरह से भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं। वहीं अगर आप भी महादेव की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको अपनी राशि के अनुसार भगवान शिव की पूजा-अर्चना करनी चाहिए।
मेष राशि
पहली राशि मेष ऊर्जा और शक्ति के ग्रह मंगल से जुड़ी एक अग्नि राशि है। इस राशि के जातक अपनी ऊर्जा को सकारात्मक तरीके से प्रसारित करने के लिए उपवास कर कठोर शारीरिक गतिविधियां नृत्य व योग आदि कर सकते हैं। इस दिन भगवान शिव को लाल पुष्प अर्पित कर घी का दीपक जलाकर मन में ध्यान करें।
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वृष राशि
वृष राशि प्रेम और सौंदर्य के ग्रह शुक्र से जुड़ी है। शिवरात्रि के दिन इस राशि के जातक भगवान शिव को सफेद फूल अर्पित कर चंदन का लेप चढ़ाएं। फिर भगवान शिव का स्मरण करते हुए शिवरात्रि का पर्व मनाएं। आप चाहें तो पारंपरिक व्यंजनों की स्वादिष्ट दावत अपने प्रियजनों के साथ साझा कर सकते हैं।
मिथुन राशि
मिथुन राशि भी बुद्धि और संचार के ग्रह बुध से जुड़ी हवाई राशि है। शिवरात्रि के मौके पर शिव पुराण या अन्य पवित्र ग्रंथों को पढ़कर और भगवान शिव की पौराणिक कथाओं और प्रतीकों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ ही 'ऊँ नम: शिवाय' मंत्र का जाप करें।
कर्क राशि
यह राशि चंद्रमा से जुड़ी एक जल राशि है। चंद्रमा को भावनाओं और अंतर्ज्ञान का ग्रह माना जाता है। ऐसे में इस राशि के जातकों को शिवरात्रि के मौके पर भगवान शिव को दूध और चावल अर्पित करने चाहिए। वहीं अपनी आत्मा को शुद्ध करने के लिए अनुष्ठान या शिवलिंग का अभिषेक कर सकते हैं।
सिंह राशि
सिंह, जीवन शक्ति और नेतृत्व के ग्रह, सूर्य से जुड़ी एक अग्नि राशि है। आप पारंपरिक पोशाक पहनकर और पूरी भक्ति और लगन के साथ भगवान शिव की पूजा करके शिवरात्रि मना सकते हैं। आप अपनी आभा और तेज को बढ़ाने के लिए भगवान शिव को गेंदे के फूल और अगरबत्ती भी चढ़ा सकते हैं।
कन्या राशि
यह राशि बुद्धि और संचार के ग्रह बुध से जुड़ी पृथ्वी राशि है। महाशिवरात्रि के मौके पर कन्या राशि के जातकों को भगवान शिव को ताजे फल व मिठाइयां अर्पित करनी चाहिए। वहीं घर के वातावरण को शुद्ध व सकारात्मक बनाने के लिए हवन कर सकते हैं। इसके अलावा यथासंभव दान करें।
तुला राशि
तुला राशि सौंदर्य और प्रेम के ग्रह शुक्र से जुड़ी राशि है। महाशिवरात्रि के मौके पर भगवान शंकर के लिए सुंदर सा मंदिर या वेदी बनाकर उनको कुछ सुगंधित पुष्प और इत्र अर्पित करें। सकारात्मकता और सद्भाव का आह्वान करने के लिए धूप-कपूर आदि भी जला सकते हैं।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि ऊर्जा और शक्ति के ग्रह मंगल से जुड़ी एक जल राशि है। शिवरात्रि के मौके पर वृश्चिक राशि के जातकों को सिंदूर पाउडर और शहद चढ़ाकर भगवान शिव की गहन भक्ति और श्रद्धा के साथ पूजा-अर्चना करनी चाहिए। वहीं नकारात्मकता से दूर रहने और समृद्धि की प्राप्ति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप कर सकते हैं।
धनु राशि
इस राशि के जातक साहसिक भावना और यात्रा के प्रति अपने प्रेम के लिए जाने जाते हैं। शिवरात्रि के मौके पर भगवान शिव के मंदिर जाकर इस पर्व के उत्सव में शामिल हो सकते हैं। वहीं महादेव के त्रिशूल का ध्यान करें। यह आपकी चेतना के तीनों पहलुओं यानी जाग्रत, स्वप्न और गहरी नींद का प्रतिनिधित्व करता है। इस दिन शिवलिंग पर मीठा दूध अर्पित करें।
मकर राशि
इस राशि के जातक मेहनती और दृढ़ संकल्प वाले होते हैं। शिवरात्रि पर शिव से जुड़े सांप का ध्यान करें। यह आपकी आध्यात्मिक ऊर्जा के जागरण का प्रतिनिधित्व करता है। 'ऊँ नम: शिवाय' मंत्र का जाप करें और भगवान शिव को तिल व गुड़ का भोग अर्पित करें।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातक स्वतंत्र और अपरंपरागत स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। शिवरात्रि के मौके पर इस राशि के जातक लिंग के प्रतीक पर ध्यान देकर भगवान शिव को मना सकते हैं। जो दिव्य मर्दाना और स्त्री ऊर्जा के मिलन का प्रतीक होता है। वहीं 'ऊँ नम: शिवाय' मंत्र का जाप करें। भगवान शिव को नीले फूल अर्पित करें, क्योंकि यह महादेव का प्रिय प्रसाद है।
मीन राशि
इन राशि के लोग दयालु और सहानुभूतिपूर्ण स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। महाशिवरात्रि के मौके पर इनको कमल के प्रतीक का ध्यान कर महादेव का उत्सव मना सकते हैं। साथ ही 'ऊँ नम: शिवाय' मंत्र का जाप करें। भगवान शिव को दूध और शहद अर्पित करें।
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