Ramayan Ki Kahani: असली नहीं बल्कि छाया सीता का रावण ने किया था हरण, जानिए क्यों देनी पड़ी थी अग्नि परीक्षा

Ramayan Ki Kahani
Creative Commons licenses

जब माता सीता द्वारा अग्नि परीक्षा से गुजरने के लिए भाई के खिलाफ लक्ष्मण ने विद्रोह की धमकी तक दे डाली। तब श्रीराम मे लक्ष्मण को बताया कि वह ऐसा कर असली सीता को हासिल कर रहे हैं। क्योंकि रावण ने असली मां सीता की जगह उनकी छाया का अपहरण किया था।

धार्मिक कथाओं के मुताबिक अयोध्यापति प्रभु श्रीराम को मर्यादा पुरुषोत्तम भी कहा जाता है। राजा राम की तरह वह अपनी प्रजा के समर्पण के लिए सबसे ज्यादा जाने जाते थे। वहीं जब लंकापति रावण की कैद में लंबे समय तक रहने के बाद माता सीता वापस लौटीं, तो उनको अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ा था। वहीं जब श्रीराम के भाई लक्ष्मण को माता सीता द्वारा अग्नि परीक्षा दिए जाने की बात पता चली तो वह प्रभु राम से खफा हो गए। 

लक्ष्मण ने माता सीता द्वारा अग्नि परीक्षा से गुजरने के लिए भाई के खिलाफ विद्रोह की धमकी तक दे डाली। जिसके बाद प्रभु राम ने लक्ष्मण के गुस्से को शांत करते हुए बताया कि वह ऐसा कर असली सीता को हासिल कर रहे हैं। क्योंकि रावण ने माता सीता का नहीं बल्कि उनकी छाया का अपहरण किया था। तो आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि माता सीता को आखिर किन कारणों से अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ा था।

इसे भी पढ़ें: Ayodhya Ram Mandir: देश के सबसे लंबे केस में शामिल है श्रीराम जन्मभूमि, जानिए विवाद, विध्वंस से लेकर निर्माण तक की कहानी

जानिए क्या कहता पद्म पुराण

पद्म पुराण के अनुसार, रामायण में एक नहीं बल्कि दो सीता का वर्णन मिलता है। इसमें एक असली मां सीता थीं और दूसरी माया की सीता थी। एक बार जब कंदमूल फल लेने के लिए लक्ष्मण वन को गए हुए थे। तब प्रभु राम ने माता सीता से कहा कि अब उनके नर लीला करने का समय आ गया है। इसलिए जब तक वह असुरों व राक्षसों का नाश करेंगे। तब तक सीता अग्नि में निवास करें। ऐसा कहकर प्रभु श्रीराम ने अग्नि देवता को माता सीता को सौंप दिया।

असली माता सीता को अग्नि देव को सौंपने के बाद माया की सीता प्रकट हुईं। ऐसे में जब रावण ने सीता का अपहरण किया, तो वह माया की सीता थीं। वहीं जब रावण के साथ प्रभु राम का युद्ध समाप्त हो गया। तो माता सीता को वापस आने के बाद जब प्रभु श्रीराम ने उन्हें अग्नि परीक्षा देने के लिए कहा। जिसके बाद माया वाली सीता अग्नि कुंड में समा गईं। वहीं अग्नि कुंड में माया की सीता के समाने के बाद अग्नि से बाहर असली माता सीता आ गईं। इस तरह से माता सीता द्वारा अग्नि परीक्षा का यही एक मुख्य कारण था।

रावण ने छाया सीता का किया था हरण

सीता माता को अग्निदेव ने अपने सुरक्षाचक्र में रखकर कुटिया से गायब कर दिया। असली माता सीता के स्थान पर उनके प्रतिबिंब को रखा गया था। असल में लंकापति रावण ने माता सीता का नहीं बल्कि उनके प्रतिबिंब का हरण किया था। क्योंकि जब लंकापति ने माता सीता को जबरन पकड़कर रथ में बिठाया, तो माता सीता के पतिव्रता के कारण रावण को फौरन जलकर भस्म हो जाना चाहिए। लेकिन ऐसा इसलिए नहीं किया, क्योंकि रावण के साथ असली माता सीता नहीं बल्कि उनका प्रतिबिंब थी।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़