शालिग्राम की पूजा से घर में मां लक्ष्मी का होता है वास, जानिए क्या है इसका धार्मिक महत्व
हिंदू धर्म में भगवान के विग्रह स्वरूप शालिग्राम की पूजा किए जाने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। यह भगवान विष्णु का विग्रह रूप माना जाता है। शालिग्राम की नियमित पूजा से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
हिंदू धर्म में शालिग्राम की पूजा का विशेष महत्व होता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, जगत के पालनहार भगवान श्री हरि विष्णु के विग्रह स्वरूप को शालिग्राम कहा जाता है। यह एक काले रंग के गोल चिकने पत्थर के स्वरूप का होता है। मान्यता के मुताबिक देवी तुलसी के साथ शालिग्राम का विवाह हुआ था। वहीं हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों के घर में पूजा स्थान पर शालिग्राम स्थापित होते हैं। कहा जाता है कि जिन लोगों के घर में नियमित तौर पर शालिग्राम की पूजा की जाती है, उस घर पर और परिवार के सदस्यों पर हमेशा भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है।
धार्मिक महत्व
बता दें कि शालिग्राम एक प्रकार का जीवाश्म पत्थर है। परमेश्वर के प्रतिनिधि के तौर पर और भगवान विष्णु के आह्वान करने के लिए लिए इसका प्रयोग किया जाता है। मूलरूप से शालिग्राम नेपाल में स्थिति दामोदर कुंड से निकलने वाली गंडकी नदी में काफी पाया जाता है। गंडकी नदी में मिलने के कारण शालिग्राम को गंडकी नंदन भी कहा जाता है। गंडकी नदी में पाए जाने वाले गोल, चिकने और काले रंग के एमोनोइड जीवाश्म को शालिग्राम के रूप में पूजा जाता है। मान्यता के मुताबिक देवी वृंदा के श्राप के कारण भगवान विष्णु को शालिग्राम नाम मिला था।
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भगवान के विग्रह स्वरूप
शालिग्राम को सालग्राम के रूप में भी पूजा जाता है। बताया जाता है कि शालिग्राम का संबंध सालग्राम नामक गांव से है। यह गांव नेपाल के गंडकी नदी के पास बसा हुआ है। बता दें कि भगवान शिव के शिवलिंग और शालिग्राम को भगवान के विग्रह का रूप माना जाता है। पुराणों में बताया गया है कि भगवान के विग्रह स्वरूपों की पूजा की जानी चाहिए। वैसे तो आपने शिवलिंग के लाखों मंदिर देखें होंगे, लेकिन शालिग्राम का केवल एक ही मंदिर मौजूद है। नेपाल में शालिग्राम का इकलौता मंदिर मुक्तिनाथ मंदिर है। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए कठिन यात्रा करनी पड़ती है।
पूजा का महत्व
भगवान विष्णु का विग्रह स्वरूप होने के कारण शालिग्राम मां लक्ष्मी को अतिप्रिय होते हैं। शालिग्राम को तुलसी के पेड़ के पास ही रखना चाहिए। जिस घर में शालिग्राम स्थापित होते हैं, उन्हें प्रतिदिन उनका जलाभिषेक करना चाहिए। शालिग्राम की पूजा करने से घर पर हमेशा मां लक्ष्मी और भगवान श्रीहरि का वास होता है। इनकी पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने के साथ ही वास्तुदोष भी दूर होते हैं। एकादशी के दिन देवी तुलसी के साथ शालिग्राम का विवाह करवाले वाले को शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
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