क्या आप जानते हैं उस मंदिर के बारे में जहां रूकी थी भगवान शिव की बारात
उत्तराखंड राज्य के पवित्र धार्मिक स्थलों में ऋषिकेश का स्थान अति महत्वपूर्ण है। ऋषिकेश स्थित भूतनाथ मंदिर की ही बात करें तो यह स्वर्गाश्रम क्षेत्र में पड़ता है और यह मंदिर भगवान शंकर को समर्पित है।
देवताओं में भगवान शिव के विवाह का प्रसंग आपने जरूर सुना होगा। भगवान शिव के विवाह से जुड़ी तमाम किवदंतियां और धार्मिक कथाओं का वर्णन हमें सुनने को मिलता है। ऐसी ही एक कथा प्रचलित है उत्तराखंड के ऋषिकेश स्थित भूतनाथ मंदिर को लेकर। भूतनाथ मंदिर अपनी सुंदरता और विचित्रता के लिए जाना जाता है, लेकिन उससे कहीं ज्यादा अपने विचित्र और आध्यात्मिक-पौराणिक महत्त्व ने इस मंदिर को चर्चित किया है।
आइये जानते हैं भोले भंडारी से जुड़े इस महत्वपूर्ण मंदिर की अनोखी कथा को...
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क्या है मंदिर की कथा?
जब भगवान शंकर अपनी पत्नी माता 'सती' से विवाह करने बारात लेकर निकले थे, तो कहा जाता है कि उनके ससुर राजा दक्ष ने इसी भूतनाथ मंदिर में भगवान शिव को उनकी बारात के साथ ठहराया था। भगवान शिव ने अपनी बारात में शामिल सभी देव, गण, भूत और तमाम जानवरों के साथ यहीं पर रात बितायी थी। इस अलौकिक मंदिर को लेकर एक और बात बेहद प्रचलित है और वह समस्त दर्शनार्थियों को बेहद आश्चर्य में डाल देती है।
वस्तुतः यहां स्थित भगवान शिवलिंग के चारों तरफ 10 घंटियाँ लगी हुई हैं और 10 घंटियों में से अलग-अलग ध्वनि निकलती है। एक साथ बजने पर भी अलग ध्वनि निकलने वाले इन घंटियों को देख कर लोग आश्चर्य में पड़ जाते हैं।
कैसी है मंदिर की संरचना?
उत्तराखंड राज्य के पवित्र धार्मिक स्थलों में ऋषिकेश का स्थान अति महत्वपूर्ण है। ऋषिकेश स्थित भूतनाथ मंदिर की ही बात करें तो यह स्वर्गाश्रम क्षेत्र में पड़ता है और यह मंदिर भगवान शंकर को समर्पित है।
यह मंदिर तीन तरफ से राजाजी नेशनल पार्क से घिरा हुआ है, जिसकी वजह से इसकी तरफ फैली हरियाली लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करती है। भूतनाथ मंदिर सात मंजिली इमारत है और इसकी पहली मंजिल पर आपको भगवान शंकर से जुड़ी कथाओं का वर्णन, चित्रों के माध्यम से मिलेगा।
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इसके साथ ही हनुमान और नंदी तथा समस्त देवी-देवताओं के चित्र आपको इस मंदिर की हर एक मंजिल पर देखने को मिलेंगे। वहीं सबसे अंतिम, यानी सातवीं मंजिल पर जब आप पहुंचेंगे, तो वहां आपको छोटा सा शिव मंदिर देखने को मिलेगा, जिसके प्रांगण में भगवान शिव और उनके भूतों की बारात का वर्णन चित्रों के माध्यम से किया गया है। इस मंदिर की सातवें मंजिल से ऋषिकेश का नजारा आप अगर देखेंगे तो बेहद ही रमणीय और मनमोहक नज़र आयेगा।
कैसे पहुंचें भूतनाथ मंदिर?
भूतनाथ मंदिर ऋषिकेश में स्थित है और यहां पहुंचने के लिए आपको पहले हरिद्वार आना होगा। हरिद्वार से इसकी दूरी मात्र 25 किलोमीटर है। हरिद्वार आने के लिए आपको ट्रेन, बस किसी भी शहर से मिल जायेगी। हरिद्वार से आपको हर की पौड़ी से टैक्सी या बस मिल जाएगी जो आपको ऋषिकेश पहुंचाएगी।
भारतवर्ष यूं भी आध्यात्मिक रूप से समृद्ध रहा है, किन्तु प्रत्येक जगह किसी न किसी जीवंत कथा से जुड़ी है, जो आपको उस समृद्ध इतिहास से भी अवगत कराती है।
- विंध्यवासिनी सिंह
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