जयपुर के इस मंदिर में विराजमान हुए थे गोविंद देव जी, जानें इसके पीछे जुड़ी कई मान्यताएं
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राजस्थान के जयपुर में कई ऐतिहासिक इमारतें और प्राचीन मंदिर हैं। जयपुर के महाराजा जयसिंह के कनक घाटी को कनक नाम दिया। आपको बता दें कि, इस मंदिर को विक्रम संवत् 1714 में भगवान गोविंद देव जी की प्रतिमा को वृंदावन से लाकर यहां स्थापित किया गया था।
जयपुर में एक से बढ़कर एक ऐतिहासिक इमारतें, किलों और महलों के लिए सबसे ज्यादा जाना जाता है। हालांकि, यहां पर मंदिर भी काफी प्राचीन और फेमस है। बता दें कि, ऐसा ही फेमस मंदिर जयपुर के आमेर ही कनक घाटी में स्थित श्री राधा माधव जी का विशाल मंदिर है जो 17वीं सदी से पहले का बना हुआ है। इस मंदिर में जयपुर के आराध्य देव माने जाने वाले गोविंद देव जी यहां स्थापित किया गया था उसके बाद सिटी पैलेस में उनके लिए भव्य मंदिर बनवाया गया। दरअसल, आमरे की पहाड़ियों में बनी सुंदर कनक घाटी को कनक वृन्दावन के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर एक सुंदर बाग और नटवर लाल का मंदिर भी बना हुआ है।
17वीं शताब्दी में निर्माण हुआ यह मंदिर
इस मंदिर के पुजारी और यहां के स्थानीय लोगों के साथ ही इतिहास प्रमाणों के अनुसार जयपुर नगर के संस्थापक सवाई जयसिंह ने कनक घाटी को कनक वृन्दावन नाम दिया। वहीं, विक्रम संवत् 1714 में इस मंदिर में भगवान देव जी की प्रतिमा वृन्दावन से लाकर यहां स्थापित किया था। इसके साथ ही भगवान गोविंद देव वृन्दावन के प्रधान ठाकुर कहलाते हैं, इस वजह से मंदिर का नाम राधा माधव मंदिर पढ़ा। दूर-दूर से लोग इस मंदिर को देखने आते हैं।
सुंदर वास्तुकला से बना हुआ है यह मंदिर
सबसे पहले इस मंदिर को छोटे महल के रूप में तैयार किया गया था, जिसका निर्माण 1707 ई.वी में किया गया था। इस मंदिर में श्री राधा माधव जी का कक्ष और सुंदर बरामदा, मंदिर के चारों और बड़े आकार की छतरियां बनी हुई जो बेहद सुंदर हैं। इस मंदिर में जयपुर घूमने वाले पर्यटक सबसे ज्यादा आते हैं। बता दें कि, मंदिर सिर्फ सुबह-शाम ही खुलता हैं और दिन के समय मंदिर बंद रहता है। वहीं पास में सुंदर बाग बना हुआ है, जो प्राकृतिक सुंदरता में चार चांद लगाता है। बारिश के मौसम में सबसे ज्यादा आते हैं।
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