Famous Ganesh Temple: भगवान गणेश को समर्पित इन मंदिरों में पूरी होती हैं सभी मनोकामनाएं, आप भी जल्द कर लें दर्शन

Ganesh Temple
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भगवान गणेश को प्रथम पूज्य देवता माना जाता है। ऐसे में भगवान गणेश को समर्पित कई मंदिर हैं। इन मंदिरों में दर्शन मात्र से जातकों की मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। ऐसे में आप इन मंदिरों में जाकर भगवान गणेश के दर्शन कर सकते हैं।

भगवान गणेश को विघ्नहर्ता, गजानन, गणपति और मंगलमूर्ति आदि नामों से भी पुकारा जाता है। भगवान गणेश मां पार्वती और भगवान शिव के छोटे पुत्र हैं। बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन श्रीगणेश की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को शुभ फल प्राप्त होते हैं। वहीं भगवान गणेश को प्रथम पूज्य देवता माना जाता है। ऐसे में भगवान गणेश को समर्पित कई मंदिर हैं। इन मंदिरों में दर्शन मात्र से जातकों की मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। तो आइए जानते हैं भगवान गणेश के इन फेमस मंदिरों के बारे में...

सिद्धिविनायक मंदिर, मुंबई

भगवान गणेश का फेमस सिद्धिविनायक मंदिर महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में स्थित है। यह शहर के वैभवशाली मंदिरों में से एक है। लक्ष्मण विठु और देउबाई पाटिल ने मंदिर का निर्माण साल 1801 में कराया था। वहीं इस मंदिर में दर्शनों के लिए अभिनेता, नेता और अन्य गणमान्य आते हैं।

श्रीमंत दग्दूसेठ हलवाई मंदिर, पुणे

भगवान श्रीगणेश को समर्पित श्रीमंत दग्दूसेठ हलवाई मंदिर महाराष्ट्र का दूसरा सबसे फेमस मंदिर है। यह मंदिर पुणे में स्थित है। साथ ही यह मंदिर अपनी फेमस वास्तुकला के लिए भी जाना जाता है। बताया जाता है कि पूणे के दग्दूसेठ हलवाई के बेटे की प्लेग से मौत हो गई थी। जिसके बाद उस हलवाई ने साल 1893 में इस मंदिर का निर्माण करवाया था। भगवान गणेश को समर्पित इस में लाखों की संख्या में लोग दर्शन के लिए आते हैं।

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उच्ची पिल्लयार कोइल मंदिर, तमिलनाडु

भगवान गणेश को समर्पित उच्ची पिल्लयार कोइल मंदिर तमिलनाडु के तिरूचिरापल्ली में स्थित है। गणेश मंदिर 272 फीट ऊंचे पहाड़ पर है। मान्यता के मुताबिक भगवान गणपति ने वहां पर भगवान रंगनाथ की मूर्ति स्थापित की थी। पौराणिक मान्यता के मुताबिक श्रीराम ने रावण के वध के बाद विभीषण को भगवान रंगनाथ की मूर्ति भेंट की थी। तब प्रभु श्रीराम ने विभीषण से कहा था कि जहां भी इस मूर्ति को रखोगे, यह मूर्ति उसी स्थान पर स्थापित हो जाएगी।

वहीं विभीषण उस मूर्ति को लंका ले जाना चाहता था। लेकिन विभीषण की इच्छा रास्ते में कावेरी नदी में स्नान करने की हुई। लेकिन वह मूर्ति को जमीन पर भी नहीं रखना चाहते थे। ऐसे में श्रीगणेश वहां पर चरवाहे का रूप धारण कर आए। श्रीगणेश ने कहा कि वह उनको मूर्ति पकड़ा दें। इस पर चरवाहे रूप में आए गणेश जी को विभीषण ने रंगनाथ की मूर्ति दे दी और खुद स्नान करने चले गए। तब श्रीगणेश ने उस मूर्ति को जमीन पर रख दिया।

रणथम्बौर गणेश मंदिर, राजस्थान

राजस्थान के रणथम्बौर जिले में भगवान गणेश का फेमस मंदिर है। यहां पर श्रीगणेश के त्रिनेत्र स्वरूप के दर्शन होते हैं। इस मंदिर के पीछे एक रोचक कहानी है। बताया जाता है कि भगवान गणेश को समर्पित इस मंदिर को भगवान श्रीकृष्ण और रुकमणी के विवाह का निमंत्रण मिला था। जिसके बाद से देश भर से लोग अपनी शादी का निमंत्रण लेकर इस मंदिर में आते हैं। हर साल गणेश चतुर्थी के मौके पर गणेश मेला का आयोजन किया जाता है।

कनिपकम विनायक मंदिर, चित्तूर

भगवान गणेश को समर्पित विनायक मंदिर आंध्र प्रदेश में चित्तूर जिले में कनिपकम में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण कुलोथुंग चोला ने कराया था। फिर बाद में विजयनगर साम्राज्य के शासकों ने 14वीं सदी के प्रारंभ में इस मंदिर का विस्तार कराया। लाखों की संख्या में भक्त इस मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। गणेश चतुर्थी के मौके पर इस मंदिर में काफी ज्यादा भीड़ लगती है।

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