उड़नतश्तरियों पर दृष्टि बनाए रखने को प्रेरित करता है ‘विश्व यूएफओ दिवस'
बता दें कि यूएफओ देखे जाने का दावा सबसे पहले चीन के एक खगोल विज्ञानी ने ईसा पूर्व 410 वर्ष में किया था। तब से आज तक इंसानों की दिलचस्पी यूएफओ में जरा भी कम नहीं हुई है। यूएफओ पर दुनियाभर में कई फिल्में बन चुकी हैं और सैकड़ों किताबें लिखी जा चुकी हैं।
आसमान में उड़कर अन्य ग्रहों पर जाने की कल्पना सिर्फ हम इंसान ही नही करते माना जाता है कि ब्रह्माण्ड में कई दूसरे ग्रहों पर भी जीवन हो सकता है, वहां भी लोग रहते होंगे और हो सकता है वे हमसे भी अधिक स्मार्ट होंगे, उनकी तकनीकी हमसे अधिक विकसित भी हो सकती है इतनी कि वह अपने बनाए यान से हमारी पृथ्वी पर सैर करने आते हों। कल्पनाएं कई हो सकती हैं और कल्पनाएं कई बार सच भी हो सकती हैं। पृथ्वी को ही लीजिए, पृथ्वी से कई अंतरिक्ष यान दूसरे ग्रहों तक जा चुके हैं तो संभव है कि किन्ही अन्य ग्रहों पर भी बस्ती हो और वहां के यान भी पृथ्वी तक आ चुके होंगे।
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धरती पर अन्य ग्रहों के यान या एलियन की कल्पनाओं के चलते कई बार हमारी निगाहें आसमान पर टकटकी लगाए एलियन्स के विमान यूएफओ यानि अन आइडेंटीफाइड फ्लांइग ऑब्जेक्ट जिसे हिन्दी में उड़न तश्तरी कहा जाता है को देखने का प्रयास करती हैं। माना जाता है कि दूसरे ग्रह के लोग यूएफओ से पृथ्वी पर आते हैं। पृथ्वी पर यूएफओ का देखा जाना मात्र कल्पना नहीं कहा जा सकता, धरती के आसमान पर यूएफओ देखे जाने की घटनाएं अमेरिका, फ्रांस, रूस, चीन, ऑस्ट्रेलिया सहित भारत में भी दर्ज की जा चुकी है। भारत में गुजरात के जामनगर में, लद्दाख और अरुणाचल में यूएफओ देखे जाने का दावा किया गया है। इतना ही नहीं भारत सहित दुनियाभर में कई जगह तो लोग एलियंस को भी देखे जाने का दावा करते हैं। यूएफओ को आकाश में उड़ता देखने का दावा दुनिया में पहले जहां गिने चुने लोग ही करते थे वहां इन चीजों को देखे जाने का दावा करने वालों की संख्या अब हजारों में है।
धरती पर ऐसे लोग जो एलियन के अस्तित्व को स्वीकारते हैं के लिए हर साल 2 जुलाई को ‘विश्व यूएफओ दिवस’ सैलिब्रेट किया जाता है। ये लोग मानते हैं कि ब्रह्माण्ड में हम पृथ्वीवासी अकेले नहीं हैं बल्कि पृथ्वी के अलावा कई अन्य ग्रहों पर भी जीवन है, वहां एलियन्स बसते हैं जो कभी-कभार पृथ्वी पर भी आने की कोशिश करते है। विश्व यूएफओ दिवस एलियन और दूसरी दुनिया से पृथ्वी की ओर आने वाली अज्ञात उड़न तश्तरियों या कोई ऐसी ही अन्य चीजों के पृथ्वी की ओर आने पर दृष्टि बनाए रखने को प्रेरित करता है।
बता दें कि यूएफओ देखे जाने का दावा सबसे पहले चीन के एक खगोल विज्ञानी ने ईसा पूर्व 410 वर्ष में किया था। तब से आज तक इंसानों की दिलचस्पी यूएफओ में जरा भी कम नहीं हुई है। यूएफओ पर दुनियाभर में कई फिल्में बन चुकी हैं और सैकड़ों किताबें लिखी जा चुकी हैं। यूएफओ देखे जाने की घटनाओं के राज जानने के लिए अमेरिका, फ्रांस, स्वीडन, रूस आदि देशों ने इस पर अध्ययन के लिए कई समितियां भी गठित की हुई हैं
अमेरिका में एलियंस देखे जाने का दावा कुछ समय पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एक टीवी शो के दौरान किया था उन्होंने बताया कि वे अज्ञात उड़ती वस्तु देख चुके हैं। वहीं अमेरिकन नेवी के पूर्व लेफ्टिनेंट रायन ग्रेव्स ने भी ऐसा ही दावा किया था। यह भी कहा जाता है कि नेवादा के एरिया-51 में तो प्रयोग के लिए एलियंस को कैद कर रखा है और यह बात दुनिया से छुपाई जा रही है। एलियंस के बारे में यह बात अमेरिका में लोगों के बीच साल 1950 से की जा रही है। जून 1959 में पहली बार इस बात की चर्चा मीडिया में भी की गई कि नेवादा के आसपास के लोग हरी चमक के साथ कुछ रहस्यमयी चीजों को उड़ता देख चुके हैं। हालांकि, अमेरिकी सरकार इन सारे आरोपों को नकारती रही है वह एलियंस और यूएफओ से जुड़ी बातों को काल्पनिक बताती है। लगभग 3.7 किलोमीटर में फैले इस क्षेत्र के बारे में हाल ही में यूएस मिलिट्री ने बताया है कि ये लड़ाई के मैदान की नकल है, जहां अलग-अलग तरह के युद्ध की तैयारी और अभ्यास होता है। अमेरिकी सेना अत्याधुनिक विमानों को विकसित करने के लिए एरिया 51 का उपयोग करती है। इस काम के लिए यहां लगभग 1500 लोग तैनात हैं।
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आज विश्व यूएफओ दिवस है। एलियंस हैं या नहीं इस पर असमंजस अभी भी बना हुआ है दुनिया के इतिहास में ऐसी कई घटनाएं हैं जब यूएफओ जैसी अजीब चीजों को पृथ्वी पर आते देखे जाने का दावा किया गया है। आइए नजर डालते हैं कुछ ऐसी ही घटनाओं पर जिनमें दूसरी दुनिया की कुछ अज्ञात चीजों के धरती पर आने के दावे किए जा चुके हैं-
- जर्मनी के नूरेमबर्ग में पहली बार अप्रेल 1561 में आसमान में बड़े ग्लोब्स, विशालकाय क्रॉस और अजीबोगरीब प्लेट जैसी चीजें देखे जाने का दावा किया गया था।
- टेक्सास के लोगों ने 1897 में सिगार के आकार की कोई बड़ी चीज आसमान से आती देखी थी जो कथित तौर पर विंडमिल से टकराई थी और इससे बड़ा हादसा हुआ था। इस घटना पर कुछ लोगों ने तो यह भी कहा था कि इसके मलबे से एक ऐलियन के शव को निकाला गया था और किसी अनजान जगह पर उसे दफना दिया गया।
- अमेरिका के न्यू मेक्सिको, राॅसवेल में 1947 को एक व्यक्ति ने क्रैश हुए प्लेन जैसी चीज का मलबा देखा। कुछ लोगों ने बताया कि उन्हें साफ लग रहा था कि यह स्पेसक्राफ्ट किसी दूसरी दुनिया से आया है। हालांकि एयर फोर्स ने 1994 में अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि मलबा प्रयोग में लाए जा रहे सर्विलांस बैलूंस का था।
- 24 जून 1947 को अमेरिकी एविएटर केनेथ अर्नाल्ड वॉशिंगटन में माउंट रेनियर के आसपास उड़ान पर थे। वहीं पहाड़ों के पास उन्होंने 9 अनचान चीजें उड़ते हुए देखी थीं। जिनके बारे में कहा गया कि वे यूएफओ थे। अमेरिकी वायुसेना के रिकॉर्ड में यह दिन पहली बार यूएफओ देखे जाने के तौर पर दर्ज है।
- 1951 में भारत, नई दिल्ली में 15 मार्च को तब खलबली मच गई जब एक फ्लाइिंग क्लब के 25 सदस्यों ने सिगार के आकार की कोई चीज देखी, जो करीब 100 फुट लंबी थी जो अचानक कुछ देर बाद आंखों से ओझल हो गई।
- जुलाई 1952 में अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डी. सी. के ऊपर आसमान में भी लगातार कई अनजान चीजें उड़ती देखी गईं। हालांकि बाद में इस घटना को तापमान बढ़ने से जोड़ा गया। तर्क दिया गया कि गर्म हवा कभी-कभी ऐसी सीलिंग तैयार कर देती है जिससे रेडार प्रभावित हो जाते हैं। कहा गया कि ऐसे में जमीन पर चलती कारें, टेलिफोन के खंभे जैसी चीजें हवा में हजारों फुट ऊपर दिखने लगती हैं।
- 2008 में कोलकाता में सुबह 3.30 से 6.30 बजे के बीच आसमान में तेजी से एक बड़ी चीज जाती दिखी जिसे एक हैंडीकैम से फिल्माया गया। इस अजीबोगरीब चीज से कई रंग निकलते दिखाई दिए। कई लोगों ने इसे देखा और इस यूएफओ को देखने के लिए यहां के म्.ड. बाइपास पर सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा हो गई। एक न्यूज चैनल पर इसका फुटेज भी जारी किया गया था।
यूएफओ सत्य में एलियन के यान हैं अथवा एलियंस धरती पर कभी आए या नहीं जैसी कई जिज्ञासाओं का आधिकारिक रूप में समाधान होना तो अभी बाकी है, आज विश्व यूएफओ दिवस पर चलिए हम अपनी दुनिया से कुछ कदम और आगे बढा़कर एलियंस की दुनिया को समझने का प्रयास करें।
- अमृता गोस्वामी
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