डोंट मेस विथ क्वीन! महिला शासकों ने राजाओं की तुलना में अधिक बार छेड़ा युद्ध

Women rulers
prabhasakshi
अभिनय आकाश । Jul 2 2022 1:03PM

पुरुष शासकों की तुलना में महिला शासकों ने पूरे इतिहास में कहीं अधिक युद्ध छेड़े हैं। रिसर्च बताता है कि पिछले 500 वर्षों में पुरुष शासकों की तुलना में रानियों के युद्ध छेड़ने की संभावना अधिक रही है। उनके नए क्षेत्र जीतने की महत्वाकांक्षाओं ने सीमाओं का उल्लंघन किया है।

युद्ध की क्या परिभाषा हो सकती है? इंसान को इंसान से बेपनाह नफरत सिखाने की पाठशाला। मानवता को दुत्कारने का खुला निरंकुश मंच या एक जादुई मशीन जिसमें एक तरफ से मनुष्य डालों तो दूसरी तरफ से कसाई निकलता है। युद्ध को वैसे को पुरूषों का पसंदीदा शगल माना जाता है। लेकिन अध्ययनों से पता चलता है कि पुरुष शासकों की तुलना में महिला शासकों ने पूरे इतिहास में कहीं अधिक युद्ध छेड़े हैं। रिसर्च बताता है कि पिछले 500 वर्षों में पुरुष शासकों की तुलना में रानियों के युद्ध छेड़ने की संभावना अधिक रही है। उनके नए क्षेत्र जीतने की महत्वाकांक्षाओं ने सीमाओं का उल्लंघन किया है।

इसे भी पढ़ें: भारत-पाक बॉर्डर पर भटके गये 3 साल बच्चे को BSF ने पाकिस्तान को वापस लौटाया

शिकागो विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की एक टीम ने 1480 और 1913 के बीच यूरोपीय शासकों का अध्ययन किया। उनके निष्कर्ष बताते हैं कि यूरोप की रानियों के युद्ध करने की उसके राजाओं की तुलना में 27 प्रतिशत अधिक संभावना थी। विवाहित रानियाँ विशेष रूप से युद्धप्रिय पाई गईं। उदाहरण के लिए, कैस्टिले की इसाबेला, जिसे गुलनार की साम्राज्ञी के रूप में भी जाना जाता है। रानी इसाबेला ने अपने दम पर एक शक्तिशाली शासक के रूप में अपनी क्षमताओं को साबित कर दिया। 

प्रसिद्ध महिला शासक

इंग्लैंड की एलिजाबेथ प्रथम: 1588 में स्पेनिश आर्मडा की हार को लंबे समय से इंग्लैंड की सबसे बड़ी सैन्य उपलब्धियों में से एक माना जाता है। इस तरह के अभूतपूर्व आक्रमण के खिलाफ राज्य की सफल रक्षा ने महारानी एलिजाबेथ प्रथम की प्रतिष्ठा को बढ़ाने का काम किया। 

इसाबेला प्रथम: रानी इसाबेला ने अपने दम पर एक शक्तिशाली शासक के रूप में अपनी क्षमताओं को साबित किया। उन्होंने 1476 में पहली वैश्विक महाशक्ति के रूप में स्पेन के उदय की शुरुआत की, जो एक सदी से अधिक समय तक पूरे यूरोप पर हावी रहा।

बौदिका: बौदिका आधुनिक पूर्वी एंग्लिया की इकेनी जनजाति की सेल्टिक रानी थी, जिसने 60/61 सीई में रोम के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व किया था। 

मारग्रेट थेचर: वे उन नेताओं की फेहरिस्त में आखिरी थीं जो इतिहास की धारा में बह जाने की बजाए अपनी शख्सियत से उसे मोड़ देने का माद्दा रखते थे। आयरन लेडी कही जाने वाली इस शख्सियत ने तमाम फौलादी अवरोधों को तोडऩे के लिए संघर्ष किया। ग्रैंथम के एक परचून वाले की लड़की जब ब्रिटेन की सबसे ज्यादा साल तक राज करने वाली पहली महिला प्रधानमंत्री बनी, तब देश में राज करने के हालात नहीं थे। अप्रैल 1982 में उस समय चरम पर पहुंच गई जब उन्होंने फॉकलैंड द्वीप पर अर्जेंटीना के हमले का करारा जवाब दिया। इस वजह से अर्जेंटीना को पीछे हटना पड़ा।

इसे भी पढ़ें: कश्मीर में होने वाली जी-20 बैठक पर चीन ने मिलाया पाकिस्तान के सुर में सुर, अलापा UN वाल राग

गोल्डा मेयर: 1969 को 70 साल की गोल्डा मेयर इजराइल की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी थीं। 1973 में संयुक्त अरब फौजों ने इजराइल पर अचानक हमला बोल दिया। इस लड़ाई में इजरायल युद्ध जीत गया।

इंदिरा गांधी: इंदिरा गांधी भारत की ऐसी प्रधानमंत्री थीं, जिसने पाकिस्तान को ऐसा दर्द दिया, जिसे वो कभी नहीं भूल सकता। 3 दिसंबर 1971 को जब पाकिस्तानी एयरफोर्स ने भारत पर हमलों की शुरुआत की तो भारत ने भी पलटवार शुरू कर दिया। लेकिन उस समय पाकिस्तान के कूटनीतिक दोस्त अमेरिका ने भारत पर ही दबाव बनाना शुरू कर दिया। हालांकि, अमेरिकी दबाव के बावजूद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पाकिस्तान पर एक्शन के अपने फैसले पर अटल रहीं और भारत के अभिन्न मित्र रूस के आक्रामक रवैये ने अमेरिका का ये दांव भी फेल कर दिया। 

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़