इस बार मार्च में ही क्यों होने लगा है जून सा एहसास? किस वजह से बढ़ने लगा है तापमान, विश्व मौसम संगठन का क्या है अनुमान
नई दिल्ली में रविवार को 38 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान दर्ज किया गया, जो राष्ट्रीय राजधानी के लिए अब तक का सबसे गर्म तापमान है। मुंबई में भी 40 डिग्री की तपिश महसूस की जाने लगी है।
मार्च के महीने में ही देश के विभिन्न हिस्से गर्मी से बेहाल हो उठे हैं। गुजरात हो या महाराष्ट्र या फिर उत्तर भारत के हिस्से में गर्मी का तपन बढ़ता ही जा रहा है। राजस्थान के कई इलाकों में मार्च के पहले और दूसरे सप्ताह में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस पहुंचने लगा है। नई दिल्ली में रविवार को 38 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान दर्ज किया गया, जो राष्ट्रीय राजधानी के लिए अब तक का सबसे गर्म तापमान है। मुंबई में भी 40 डिग्री की तपिश महसूस की जाने लगी है। आखिर मौसम के इस तेवर की वजह क्या है? वो कौन सी वजहें हैं जिसकी वजह से साल 2022 कहीं ज्यादा गर्म रहने वाला है।
हीटवेव क्लाइमेटोलॉजी
शीत ऋितु बाद मार्च के महीने से भारत में अधिकतम तापमान में वृद्धि की प्रवृत्ति अमूमन दिखाई देती है, जो दक्षिणी भागों से शुरू होती है और उसके बाद मध्य और उत्तरी भारत में आती है। मार्च भारत में गर्मी के मौसम की शुरुआत है। इस महीने के दौरान, अधिकतम तापमान क्षेत्र ओडिशा और गुजरात के बीच मध्य भारत के क्षेत्रों में रहता है। इधर मार्च में गर्मियां शुरू हो जाती हैं। अप्रैल और मई में अधिकतम तापमान चरम पर होता है और भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पश्चिम मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, महाराष्ट्र में विदर्भ के हिस्सों में हीटवेव ज़ोन के रूप में पहचाना जाता है। उत्तर पश्चिम भारत के रेगिस्तानों से आने वाली गर्म हवाएं भी मध्य भारत के क्षेत्रों में बढ़ते तापमान में योगदान करती हैं। हालांकि, अत्यधिक उत्तर, उत्तर-पूर्व और दक्षिण-पश्चिमी भारत के क्षेत्रों में हीटवेव की संभावना कम होती है।
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मार्च हीटवेव
इस सालहीटवेव स्पेल का भौगोलिक विस्तार असामान्य रूप से बढ़ गया। जम्मू, कच्छ-सौराष्ट्र, राजस्थान सहित उत्तर और उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में मध्य प्रदेश और उत्तराखंड ने पिछले सप्ताह लू का सामना करना पड़ा। इतने बड़े क्षेत्र के हीटवेव के प्रभाव में होने के अलावा ये लंबे समय तक चलने वाला है। मुख्य तौर पर मौसम के जानकार इसे एंटी सायक्लोन की स्थिति से जोड़कर देख रहे हैं। मार्च में अक्सर हवा के ऊपरी हिस्से की स्थिति में बदलाव होता है, जो हवा के बहाव पर काफी ज्यादा असर डालता है। हवाएं तेजी से नीचे की धकेली जाने लगती हैं, इसमें गरम हवाएं होती हैं, जो गरमी बढ़ाती हैं। हालांकि मैदानी इलाकों में भी अप्रैल से तापमान का बढ़ना सामान्य बात है लेकिन इस बात समुद्रतटीय इलाकों में ऐसा हो रहा है जो कुछ अनपेक्षित है।
मार्च में भारत में क्षेत्रवार वर्षा (1 से 21 मार्च, आईएमडी डेटा)
1) उत्तर पश्चिम भारत: शून्य से 86 प्रतिशत
2) पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत: शून्य से 92 प्रतिशत
3) मध्य भारत: शून्य से 84 प्रतिशत
4) दक्षिण प्रायद्वीप: शून्य से 40 प्रतिशत
विश्व मौसम संगठन का क्या है अनुमान
वर्ल्ड मेटरोलॉजिकल आर्गनाइजेशन ने इस साल 2021 की तुलना में ओवरआल तापमान में 1.1 डिग्की सेल्सियस का इजाफा होने का अनुमान लगाया है। मतलब ये साल पिछले साल की तुलना में अधिक ताप वाला होगा। साल 2021 पिछले 90 सालों में सबसे गरम सालों में था। जून में दिल्ली में तापमान 44 डिग्री तक था।
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