Rahul Gandhi ने PM Modi के लिए किया था Panauti शब्द का इस्तेमाल, जानें संकटों की देवी से क्या है इसका नाता?
राहुल गांधी ने बालोतरा में एक रैली में कहा था, 'अच्छा भला हमारे लड़के वहां विश्व कप जीतने वाले थे, पर पनौती ने हरवा दिया। टीवी वाले ये नहीं कहेंगे मगर जनता जानती है।' राहुल के बोलने के बाद से 'पनौती' शब्द सुर्खियों में है। 21 नवंबर के बाद से ये शब्द लगातार ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है।
राजस्थान में एक रैली के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए उनकी तुलना 'जेबकतरे' से की थी। इससे पहले एक रैली में राहुल ने पीएम मोदी को 'पनौती' कहा था। पीएम मोदी के लिए 'पनौती' और 'जेबकतरे' जैसे शब्दों के इस्तेमाल करने पर गुरुवार को चुनाव आयोग ने राहुल को कारण बताओ नोटिस जारी किया। चुनाव आयोग ने अपने नोटिस में कहा कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के अनुसार, "पनौती" का उपयोग भ्रष्ट आचरण की परिभाषा के अंतर्गत आता है। गांधी को शनिवार शाम तक इस नोटिस का जवाब देने का निर्देश दिया गया है।
राहुल गांधी ने बालोतरा में एक रैली में कहा था, 'अच्छा भला हमारे लड़के वहां विश्व कप जीतने वाले थे, पर पनौती ने हरवा दिया। टीवी वाले ये नहीं कहेंगे मगर जनता जानती है।' राहुल के बोलने के बाद से 'पनौती' शब्द सुर्खियों में है। 21 नवंबर के बाद से ये शब्द लगातार ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है। ऐसे में चलिए आज इस शब्द के बारे में थोड़ा विस्तार से जान लेते हैं।
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पनौती शब्द का मतलब अपशगुन होता है। आमतौर पर इस शब्द का इस्तेमाल उस व्यक्ति के लिए किया जाता है, जिसके आस-पास होने से कोई काम रुक जाता है या ख़राब हो जाता है। 'पनौती' शब्द का इस्तेमाल करते तो सब है, लेकिन क्या आपको पता है ये शब्द असल में मुसीबतों की देवी का नाम है?
एक ज्योतिषी ने बताया कि पनौती की भगवान ब्रह्मा की मन कन्या है। हिंदू पौराणिक कथाओं में उन्हें संकटों की देवी माना जाता है। भगवान हनुमान साढ़ेसाती और पनौती के प्रभावों से मुक्ति दिलाते हैं। इसलिए हनुमान जी के पैरों में संकटों की देवी को देखा जाता है।
पनौती शब्द असल में उस मुश्किल समय के लिए इस्तेमाल होता है, जो शनि की चाल के कारण किसी व्यक्ति के जीवन में शुरू होता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, कुछ विशिष्ट स्थितियों में जब शनि लोगों की राशियों में प्रवेश करता है, तब उनके जीवन पर पनौती (पनुति) और साढ़े साती लग जाती है। पनौती (पनुति) और साढ़े साती एक व्यक्ति के जीवन के सबसे कष्टदायी समय माने जाते हैं।
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बड़ौदा से ज्योतिष में पीएचडी करने वाले दीपक ने बताया कि शनि को आमतौर पर दंड या दुर्भाग्य से जोड़ा जाता है, जो गलत है। दरअसल, शनि इस जीवन या पिछले जीवन में किए गए बुरे कर्मों के लिए न्याय देता है। शनि ने एक बार अपने पिता सूर्य से झगड़े के बाद अपना घर छोड़ दिया। फिर उन्होंने भगवान शिव से प्रार्थना की कि उन्हें सभी लोगों को उनकी गलतियों के लिए न्याय देने की अनुमति दी जाए। यह वरदान दिया गया।
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