Unlock 1 के 14वें दिन मौतों के मामले में सर्वाधिक प्रभावित देशों की सूची में भारत 9वें स्थान पर
महाराष्ट्र में कोविड-19 के 3,390 नए मामलों के साथ राज्य में संक्रमित हुए लोगों की संख्या बढ़कर 1,07,958 हो गयी है। राज्य के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि संक्रमण से अभी तक 3,950 लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने बताया कि रविवार को 120 लोग कोविड-19 से मरे।
भारत में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के एक दिन में सर्वाधिक 11,929 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,20,922 हो गई, वहीं 311 और लोगों की मौत हो जाने से मृतकों की संख्या 9,195 पर पहुंच गई। कोरोना वायरस संक्रमण से मौत के मामले में भारत सर्वाधिक प्रभावित देशों की सूची में नौंवे स्थान पर है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि बीते 24 घंटे में, रविवार सुबह तक देश में संक्रमण के कारण 311 लोगों की मौत हुई। हालांकि करीब 50 फीसदी संक्रमित लोग ठीक भी हुए। मंत्रालय के सुबह अद्यतन किए गए आंकड़ों के मुताबिक देश में 1,49,348 लोग संक्रमित हैं, वहीं 1,62,378 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं और एक मरीज विदेश चला गया है। दुनियाभर से कोविड-19 का डेटा एकत्रित करने वाले जॉन हॉपकिन्स विश्वविद्यालय ने संक्रमण से मौत के लिहाज से भारत को नौंवे स्थान पर रखा है और संक्रमण के कुल मामलों को देखते हुए सर्वाधिक प्रभावित देशों में चौथे स्थान पर रखा है। यह लगातार तीसरा दिन है जब देश में कोरोना वायरस संक्रमण के 10 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि रविवार सुबह आठ बजे तक कोविड-19 के 8,049 मरीज ठीक हो गए। ठीक होने वाले मरीजों की दर 50.60 फीसदी है जो संक्रमित लोगों की तुलना में अधिक है। मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 के नमूने जांचने की आईसीएमआर की क्षमता लगातार बढ़ाई जा रही है। 646 सरकारी तथा 247 निजी प्रयोगशालाओं समेत कुल 893 प्रयोगशालाओं में सुबह नौ बजे तक 56,58,614 नमूनों की जांच की गई, इनमें से 1,51,432 नमूनों की जांच बीते 24 घंटे में की गई। कोरोना वायरस से जान गंवाने वाले कुल 9,195 लोगों में से 3,830 लोग महाराष्ट्र से हैं जबकि गुजरात में 1,448 लोगों की और दिल्ली में 1,271 लोगों की संक्रमण से मौत हो चुकी है। पश्चिम बंगाल में 463, मध्य प्रदेश में 447, तमिलनाडु में 397 और उत्तर प्रदेश में 385 लोगों की मौत हो गई है। राजस्थान में 282, तेलंगाना में 182, आंध्र प्रदेश में 82, कर्नाटक में 81, हरियाणा में 78, पंजाब में 65, जम्मू-कश्मीर में 55, बिहार में 39, उत्तराखंड में 23 और केरल में 19 लोगों की संक्रमण से मौत हो चुकी है। ओडिशा में अब तक 10 लोगों की मौत हुई, झारखंड और असम में आठ-आठ, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश में छह-छह लोगों की मौत हो चुकी है। मंत्रालय के अनुसार चंडीगढ़ में पांच, पुडुचेरी में दो, मेघालय, त्रिपुरा और लद्दाख में एक-एक मरीज की मौत हुई है। मंत्रालय ने अनुसार कोविड-19 के कारण मरने वाले 70 फीसदी से अधिक मरीज अन्य रोगों से भी ग्रस्त थे। संक्रमण से मरने वाले 311 लोगों में से 113 लोग महाराष्ट्र से, 57 दिल्ली से, गजुरात से 33 और तमिलनाडु से 30 लोग शामिल हैं। उत्तर प्रदेश में 20 और लोगों की संक्रमण से मौत हुई है। पश्चिम बंगाल में 12, राजस्थान में दस, हरियाणा और तेलंगाना में आठ-आठ, मध्य प्रदेश में सात और बिहार में तीन लोगों की मौत हुई है। आंध्र प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, पंजाब और उत्तराखंड में दो-दो लोगों की मौत हुई है। संक्रमण के सर्वाधिक 1,04,568 मामले महाराष्ट्र में है। तमिलनाडु में कोरोना वायरस के 42,687, दिल्ली में 38,958, गुजरात में 23,038, उत्तर प्रदेश में 13,118, राजस्थान में 12,401 पश्चिम बंगाल में 10,698 और मध्य प्रदेश में 10,641 मामले सामने आए हैं। कर्नाटक में 6,824, हरियाणा में 6,749, बिहार में 6,290, आंध्र प्रदेश में 5,965, जम्मू-कश्मीर में 4,878, तेलंगाना में 4,737, ओडिशा में 3,723 और असम में 3,718 मामले सामने आए हैं। पंजाब में 3,063, केरल में 2,407, उत्तराखंड में 1,785 और झारखंड में 1,711 मामले सामने आए हैं। छत्तीसगढ़ में 1,512 मामले, त्रिपुरा में 1,046, गोवा में 523, हिमाचल प्रदेश में 502, मणिपुर में 449, लद्दाख में 437 और चंडीगढ़ में 345 मामले हैं। पुडुचेरी में 176, नगालैंड में 163, मिजोरम में 107, अरूणाचल प्रदेश में 87, सिक्किम में 63, मेघालय में 44 और अंडमान-निकोबार में संक्रमण के 38 मामले हैं। दादरा नगर हवेली और दमन-दीव में कुल 35 मामले सामने आए हैं। मंत्रालय की वेबसाइट पर बताया गया, ‘‘हमारे आंकड़ों का मिलान आईसीएमआर के आंकड़ों से किया जा रहा है।’’
कोविड-19 के हालात की समीक्षा की
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को दिल्ली के तीनों नगर निगमों के उच्च अधिकारियों, उप-राज्यपाल अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ बैठक कर राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 के हालात का जायजा लिया। कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि होने के मद्देनजर दिन में यह दूसरी उच्च स्तरीय बैठक थी। इससे पहले शाह ने बैजल, केजरीवाल, दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, केंद्रीय स्वास्थ्य और गृह मंत्रालय के साथ ही दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी। एक अधिकारी ने कहा कि दूसरी बैठक का मुख्य उद्देश्य वायरस के प्रसार की रोकथाम को लेकर तीनों निगम की तरफ से उठाए जा रहे कदमों के साथ ही तैयारियों की समीक्षा करना था। इस बैठक में शाह के अलावा बैजल, केजरीवाल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, दिल्ली के उत्तरी और पूर्वी नगर निगमों के महापौर क्रमश: अवतार सिंह और अंजू कमलकांत के साथ ही तीनों निगमों के आयुक्त भी शामिल हुए। दक्षिण दिल्ली नगर निगम का एक प्रतिनिधि भी बैठक में मौजूद रहा। इससे पहले दिन में, अमित शाह ने दिल्ली में कोरोना वायरस के मामले बढ़ने को लेकर एक बैठक की अध्यक्षता करने के बाद कहा कि शहर में अगले दो दिनों में कोविड-19 की जांच की संख्या दोगुनी की जाएगी और इसके बाद इसे तीन गुना किया जाएगा। शाह ने उपराज्यपाल बैजल और मुख्यमंत्री केजरीवाल के साथ बैठक के बाद कुछ कदमों की घोषणा की। गृह मंत्री ने कहा कि दिल्ली के निषिद्ध क्षेत्रों में हर मतदान केंद्र पर कोविड-19 की जांच शुरू की जाएगी और संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने के लिए अधिक प्रभावित क्षेत्रों यानी हॉटस्पॉट्स में घर-घर जाकर व्यापक स्वास्थ्य सर्वेक्षण कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के मरीजों के लिए बिस्तरों की कमी के मद्देनजर केंद्र दिल्ली को 500 रेलवे बोगियां भी उपलब्ध कराएगा, जो सभी सुविधाओं से लैस होंगी। शाह ने कहा कि निजी अस्पतालों द्वारा कम दामों पर 60 फीसदी बिस्तरों की उपलब्धता सुनिश्चित करने और कोरोना वायरस की जांच एवं इलाज का शुल्क तय करने के मद्देनजर नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है। यह समिति सोमवार तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। दिल्ली में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 39,000 के करीब पहुंच गई है और 1,200 से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं।
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संपर्क की पहल
कोरोना वायरस एक बहुत अजीब बीमारी है। यह न सिर्फ शरीर को कमजोर करती है, बल्कि मरीजों को सबसे दूर करके पृथक-वास में ले जाती है जो असहनीय होता है। मगर दिल्ली का एक अस्पताल कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की सिर्फ बीमारी से लड़ने में ही मद्द नहीं कर रहा है, बल्कि फोन कॉल और चैट के जरिए अकेलेपन में उनसे संपर्क भी स्थापित कर रहा है। पूर्वी दिल्ली स्थित राजीव गांधी सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल (आरजीएसएसएच) के डॉक्टर एवं नर्सें नियमित रूप से मरीजों से मुखातिब होते हैं और सुनिश्चित करते हैं कि सामाजिक दूरी और पृथक रहने के समय में "वे जिदंगी में हार नहीं मानें।" आरजीएसएसएच के निदेशक डॉ. बीएल शेरवाल ने कहा, ''हमने इस परियोजना को करीब डेढ़ महीने पहले शुरू किया था और इसे 'संपर्क से दूर लोगों से संपर्क' नाम दिया गया है। इस विचार का मकसद था कि मरीजों को इलाज के दौरान एकांतवास से निपटने में मदद की जाए और हमारी रोगी देखभाल व्यवस्था में सुधार के लिए प्रतिपुष्टि (फीडबैक) भी ली जाए।" आरजीएसएसएच में 500 बेड हैं। यह अस्पताल मार्च से ही महामारी से प्रभावित मरीजों का इलाज कर रहा है। यह शुरू से ही कोविड-19 समर्पित अस्पताल है। अस्पताल में कोरोना वायरस से संक्रमित उन मरीजों को भर्ती किया जाता है जिनकी हालत गंभीर होती है। शेरवाल ने बताया, ''पहल के तहत, डॉक्टरों और नर्सों की एक टीम पृथक वार्ड में भर्ती मरीजों को नियमित कॉल करती हैं और उनकी सामान्य खैरियत के बारे में जानकारी लेती है। मैंने भी उनमें से कई से बात की है और उन्होंने मुझसे अपनी कहानियां साझा की हैं।" वरिष्ठ डॉक्टर का कहना है कि मरीज को एक फोन कॉल बहुत फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि कई मामलों में मरीज शरीर को कमजोर कर देने वाली बीमारी से उम्मीद नहीं खोता है, बल्कि पृथक-वास में रहने के दौरान अकेलपन से परेशान हो जाता है। अस्पताल के शिकायत निवारण प्रणाली की डॉक्टर प्रभारी मरीजों को फोन करते हैं और खैरियत पूछते हैं और उनकी शिकायतें सुनते हैं। पूछा गया कि यह व्यवस्था लाने के लिए उन्हें किसने प्रोत्साहित किया तो शेरवाल ने कहा कि तबलीगी जमात प्रकरण के दौरान सोशल मीडिया पोस्टों के कारण इसकी शुरूआत हुई। उस वक्त बड़ी संख्या में जमात के सदस्यों को निजामुद्दीन इलाके से अस्पताल लाया गया था, जहां एक धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ था। उन्होंने कहा, ''पृथक-वास में एक सामान्य व्यक्ति अलग तरह से व्यवहार करता है और उसे हम समझते हैं। उस समय सोशल मीडिया पर कई वीडियो डाली गईं जो वार्डों को दिखाती थी। हमने इन्हें दो तरीकों से लिया। हमने देखा कि अगर हमारी व्यवस्था में कोई खामी पाई जाती है तो उसमें सुधार किया जाए और वीडियो में लगाए गए आरोपों का विरोध किया।" शेरवाल ने कहा कि लिहाजा रोगी देखभाल व्यवस्था में सुधार शुरू हुआ। अस्पताल कोरोना वायरस से पूरी तरह से ठीक होने के बाद अपने 1000वें मरीज को जल्द छुट्टी देगा। अमेरिका की कोरोना वायरस से संक्रमित 65 वर्षीय महिला को भी तीन दिन पहले अस्पताल से छुट्टी दी गई है। उन्होंने अस्पताल का आभार व्यक्त किया है। शेरवाल ने कहा कि तबलीगी जमात के कार्यक्रम के बाद अस्पताल में कई विदेशी नागरिकों को लाया गया था और यह महिला पहली अमेरिकी नागरिक हैं जिनका अस्पताल में उपचार किया गया। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में शनिवार को सबसे ज्यादा 2134 मामले आए थे। इसके बाद शहर में संक्रमितों की तादाद 38,000 के पार चली गई। वहीं मृतकों की संख्या 1271 हो गई है।
सभी राजनीतिक दलों से चर्चा करेंगे
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा के लिए सोमवार को दिल्ली के सभी राजनीतिक दलों की सोमवार को बैठक बुलाई है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। इस बैठक के लिए भाजपा, कांग्रेस, आप और बसपा को आमंत्रित किया गया है। दिल्ली में कोविड-19 के मामलों की संख्या लगभग 39 हजार पर पहुंच गई है और इस महामारी से 1,200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि शाह राजनीतिक दलों के साथ कोविड-19 से निपटने के उपायों पर चर्चा करेंगे। गृह मंत्री ने महामारी से निपटने के लिए रणनीति को मजबूत बनाने के वास्ते रविवार को दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, दिल्ली के तीन नगर निगमों के महापौरों और आयुक्तों के साथ दो उच्च-स्तरीय बैठकें की। बैजल और केजरीवाल के साथ बैठक के बाद वायरस को फैलने से रोकने के लिए उपायों की घोषणा करते हुए शाह ने कहा कि शहर में अगले दो दिनों में कोविड-19 की जांच की संख्या दोगुनी की जाएगी और इसके बाद इसे तीन गुना किया जाएगा। गृह मंत्री ने कहा कि कुछ दिनों में दिल्ली के निषिद्ध क्षेत्रों में हर मतदान केंद्र पर कोविड-19 की जांच शुरू की जाएगी और संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने के लिए अधिक प्रभावित क्षेत्रों यानी हॉटस्पॉट्स में घर-घर जाकर व्यापक स्वास्थ्य सर्वेक्षण कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के मरीजों के लिए बिस्तरों की कमी के मद्देनजर केंद्र दिल्ली को 500 रेलवे बोगियां भी उपलब्ध कराएगा। शाह ने कहा कि नीति आयोग के एक सदस्य वी के पॉल की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज के लिए कम से कम दरों पर निजी अस्पतालों द्वारा 60 प्रतिशत बिस्तरों की उपलब्धता को सुनिश्चित किया जा सके। यह समिति सोमवार तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
मिलकर कोरोना वायरस का मुकाबला करेंगे
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ अपनी बैठक को “बेहद उपयोगी” करार देते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस का मिलकर मुकाबला करेंगी। सूत्रों ने कहा कि शाह द्वारा बुलाई गई बैठक में कोरोना वायरस की स्थिति के हर पहलू पर चर्चा हुई। राष्ट्रीय राजधानी में लॉकडाउन का मुद्दा हालांकि नहीं उठा। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में कोरोना वायरस की स्थिति पर चर्चा के लिए केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी जो ‘‘बहुत उपयोगी’’ रही। केजरीवाल ने बैठक के बाद ट्वीट किया, ‘‘दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार की बैठक अत्यंत उपयोगी रही। कई अहम फैसले लिए गए। हम कोरोना वायरस से मिलकर लड़ेंगे।’’ इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और उपराज्यपाल अनिल बैजल भी शामिल हुए। दिल्ली में संक्रमण के मामले बढ़कर करीब 39,000 हो गए हैं जिनमें से 1,200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। महाराष्ट्र और तमिलनाडु के बाद कोरोना वायरस संक्रमण के मामले में दिल्ली देश में तीसरे स्थान पर है। बैठक के बाद ट्विटर पर शाह ने कहा अगले दो दिनों में दिल्ली में कोरोना वायरस जांच की संख्या दोगुनी की जाएगी और छह दिनों बाद इसे तीन गुना तक बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के मरीजों के लिए बिस्तरों की कमी के मद्देनजर केंद्र दिल्ली को 500 रेलवे बोगियां भी उपलब्ध कराएगा जो सभी सुविधाओं से युक्त होंगी। इसके अलावा महामारी से जान गंवाने वालों के अंतिम संस्कार के लिये भी विस्तृत दिशानिर्देश जारी किये जाएंगे। इस बीच शहर की सरकार ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि कोविड-19 के मरीजों को भर्ती करने के लिये 20,000 और बिस्तरों की व्यवस्था करें।
केदारनाथ के रक्षक भैरव की पूजा
श्री केदारनाथ धाम में रविवार को तीर्थ पुरोहित समाज एवं चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के तत्वाधान में कोरोना वायरस महामारी के संकट की समाप्ति की लोक मंगल कामना को लेकर भैरवनाथ जी की पूजा हुई तथा यज्ञ में आहुतियां दी गयी। प्रत्येक वर्ष आषाढ़ संक्रांति के दिन केदारनाथ धाम के रक्षक भकुंड भैरव की पूजा एवं हवन यज्ञ किया जाता है। इसी क्रम में तीर्थ पुरोहितों ने भगवान भैरवनाथ के मंदिर में पूजा-अर्चना की। केदारनाथ मंदिर के सामने बने हवनकुंड में प्रात: आठ बजे यज्ञ शुरू हुआ और दिन में दो बजे उसका समापन हुआ। यह जानकारी देते हुए देवस्थानम बोर्ड के जनसंपर्क अधिकारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि बोर्ड की ओर से केदारनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी शिवशंकर लिंग, वेदपाठी यशोधर मैठाणी आदि शामिल हुए।
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बोर्ड बचे हुए विषयों की परीक्षा ना ले
देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों के मद्देनजर तमाम अभिभावकों का कहना है कि वे एक जुलाई से होने वाली सीबीएसई और सीआईसीएसई के बचे हुए विषयों की परीक्षाओं को लेकर चिंतित हैं। उनकी मांग है कि परीक्षाएं रद्द कर दी जाएं और अभी तक हुई परीक्षाओं या स्कूलों में हुई परीक्षाओं के आधार पर परिणाम घोषित किए जाएं। अभिभावकों ने ‘स्टूडेंट्स लाइव्स मैटर’ (छात्रों का जीवन मायने रखता है), ‘लाइव्स ओवर एग्जाम’ (परीक्षा से बढ़कर जीवन) और ‘कैंसल बोर्ड एग्जाम्स’ (बोर्ड परीक्षाएं रद्द करें) हैशटैग से ऑनलाइन अभियान शुरू किया है। चार अभिभावकों ने तो उच्चतम न्यायालय को अर्जी देकर अनुरोध किया है कि कोविड-19 के मद्देनजर बोर्ड परीक्षाएं रद्द कर दी जाएं। रविवार तक देश भर में कोरोना वायरस से 3.20 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हुए हैं और इस संक्रमण से 9,000 से ज्यादा लोग की मौत हुई है। एक अभिभावक निशांत अक्शर ने कहा, ‘‘हमारे बच्चों की सुरक्षा कौन सुनिश्चित करेगा? एक बच्चा या परीक्षक, जो कोरोना वायरस से संक्रमित है, लेकिन उसमें लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं, पूरी कक्षा के बच्चों को संक्रमित कर सकता है। चार घंटे तक एक ही कमरे में रहने से संक्रमण का खतरा भी बहुत ज्यादा रहेगा।’’ दसवीं कक्षा के एक छात्र की मां रोहिणी भूमिहार का कहना है, ‘‘जरूरी साजो-सामान की कमी के अलावा, अगर हालात और खराब हो गए तो क्या होगा? बच्चे फिर से तैयारी करेंगे और अंतिम समय में परीक्षा (फिर से) रद्द हो जाएगी। हमारे बच्चों के दिमाग पर इसका क्या असर होगा?’’ यह देखते हुए कि हालात में सुधार की गुंजाइश कम है, पंजाब, तेलंगाना और तमिलनाडु ने इस वर्ष छात्रों की 10वीं की परीक्षाएं रद्द कर दी हैं।
1,974 नये मामले सामने आए
तमिलनाडु में रविवार को कोविड-19 से और 38 लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही राज्य में महामारी के दौरान जान गंवाने वालों की संख्या 435 तक पहुंच गई है। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि इस अवधि में कोरोना वायरस से संक्रमण के 1,974 मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी दैनिक बुलेटिन में बताया गया कि 1,974 नये मामलों को मिलाकर अबतक राज्य में 44,661 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी है। बुलेटिन के मुताबिक रविवार को 1,138 लोगों को संक्रमण मुक्त होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दी गई। अबतक राज्य में 24,547 लोग ठीक हो चुके हैं। विभाग ने बताया कि 19,676 मरीज उपचाराधीन हैं। बुलेटिन के मुताबिक रविवार को सामने आए नये मामलों में 1,415 संक्रमित मरीज चेन्नई के हैं। चेन्नई के बाद सबसे अधिक मामले पड़ोसी जिले चेंगलपेट में आए हैं। यहां पर 178 नये मामले सामने आए हैं।
मंदिर की परंपरागत घंटी को बनाया गया सेंसर युक्त
कोविड-19 लॉकडाउन में ढील के बाद धर्मस्थलों को खोले जाने के बाद मध्य प्रदेश के मंदसौर में प्रसिद्ध अष्टमुखी श्री पशुपतिनाथ महादेव मंदिर में घंटी को इस संक्रमण के मद्देनजर स्पर्श से बचाने के लिए सेंसर युक्त कर दिया है। इससे यहां आने वाले भक्त अब पहले की तरह मंदिर की घंटी बजा सकेंगे और इसके लिए अब उन्हें इस घंटी को छूने की जरूरत भी नहीं होगी। मंदिर में फिर से घंटी बजने से अब भक्त खुश हैं। इस घंटी को बजाने के लिए उसे 62 वर्षीय एक मुसलमान ने सेंसर सुविधा से लैस किया है। मध्य प्रदेश में मंदिर कड़े दिशानिर्देश के तहत खुले हैं और दिशानिर्देश के अनुसार श्रद्धालु घंटी नहीं बजा सकते हैं। अष्टमुखी श्री पशुपतिनाथ महादेव मंदिर में घंटी को सेंसर युक्त करने वाले 62 वर्षीय नाहरु खान मेव ने रविवार बताया, 'लॉकडाउन के बाद धार्मिक स्थल खुलने के बाद जब मैंने देखा कि मस्जिदों में अजान हो सकती है तो मंदिरों में भी घंटी बजनी चाहिए। इसी बात को ध्यान में रख कर मैंने इन्दौर से सेंसर मंगवाया और अपने यहां कारखाने पर करीब 6,000 रूपये की लागत से एक यंत्र तैयार कर उसे इस मंदिर में भक्तों के द्वारा हाथ से बजाए जाने वाली घंटी पर लगा दिया।' उन्होंने कहा, 'भक्त जैसे ही इस घंटी के नीचे करीब डेढ़ फीट हाथ ले जाएंगे तो सेंसर की मदद से घंटी बज उठती है। इसके साथ ही भक्त यदि ऊपर देखे या हाथ जोड़ कर भी खड़ा होगा तब भी यह घंटी बजने लगेगी।' कक्षा दूसरी तक पढ़े मेव ने बताया, 'मैंने यह यंत्र अष्टमुखी श्री पशुपतिनाथ महादेव मंदिर को भेंट किया है।' उन्होंने कहा कि इससे इस मंदिर में आने वाले भक्त खुश हैं, क्योंकि वे बिना छुए मंदिर में लगे इस घंटी को बजा सकते हैं। मंदसौर के जिलाधिकारी और मंदिर न्यास के अध्यक्ष मनोज पुष्प ने कहा, ''इस घंटे से न केवल धार्मिक उद्देश्य की पूर्ति होती है बल्कि केंद्र के दिशानिर्देश भी पूरे होते हैं।’’ मेव ने बताया, 'मैं चाहता हूं कि देश के अन्य मंदिरों में भी इस प्रकार के सेंसर युक्त घंटियां लगें, ताकि मंदिरों में आने वाले भक्त कोरोना वायरस के इस दौर में भी मंदिरों में घंटियां बजा सकें।' अष्टमुखी श्री पशुपतिनाथ महादेव मंदिर कोरोना वायरस के संकट के कारण 76 दिन बंद रहने के बाद भक्तों के लिए आठ जून को फिर से खुला है।
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नगालैंड में पांच नए मामले सामने आए
नगालैंड में रविवार को कोविड-19 के पांच नए मामले सामने आए जिसके साथ ही राज्य में संक्रमितों की संख्या 168 हो गई। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री एस. पांगन्यू ने यह जानकारी दी। राज्य में उपचार के बाद रविवार को 12 और मरीज ठीक हो गए। राज्य में अब तक कुल 88 मरीज ठीक हो चुके हैं। एस. पांगन्यू ने ट्वीट किया, ‘‘232 नमूनों की जांच की गयी थी जिनमें से पांच में संक्रमण की पुष्टि हुई। तीन मरीज मोन क्यूसी से और दो पेरन क्यूसी से हैं।’’ अधिकारियों ने बताया कि कुल 168 मरीजों में से 88 संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं जबकि 80 उपचाराधीन हैं। उन्होंने बताया कि सभी संक्रमित मरीजों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है जबकि ठीक हो चुके लोगों को देखभाल और निगरानी के लिए कोविड देखभाल केंद्र में रखा गया है। राज्य में मरीजों के स्वस्थ होने की दर 52.38 फीसदी है। प्रदेश में सर्वाधिक 121 मामले दीमापुर जिले में सामने आए हैं जबकि कोहिमा में 29, मोन में नौ,तुयेनसंग में पांच और पेरन में चार मामले सामने आए हैं।
दिल्ली के बाजार फिलहाल खुले रहेंगे
व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने रविवार को कहा है कि दिल्ली के बाजार फिलहाल खुले रहेंगे। कैट ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रत्यक्ष हस्तक्षेप और दिल्ली के उपराजयपाल अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ बैठक के बाद गृह मंत्री अमित शाह द्वारा घोषित कदमों को देखते हुए फिलहाल बाजार को खोलने का फैसला किया गया है। कैट के महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि अगर कोरोना वायरस के कारण किसी बाजार में कोई चिंताजनक स्थिति बनती है, तो ऑड-ईवन व्यवस्था अथवा सप्ताह में चार दिन बाजार खोलने और तीन दिन दुकाने बंद करने या एक दिन छोड़कर दुकानें खोलने के बारे में स्थानीय व्यापारी संगठन निर्णय ले सकते हैं। दिल्ली के व्यापारी नेताओं की रविवार को वीडियो कॉन्फ्रंसिंग के जरिये हुई बैठक में बाजारों को फिलहाल खोलने का फैसला किया गया। खंडेलवाल ने कहा की दिल्ली में बढ़ते कोरोना मामलों और चिकित्सा जांच की दयनीय स्थिति पर नियंत्रण के लिए गृह मंत्री द्वारा उठाए गए कदमों से दिल्ली के व्यापारियों को बहुत उम्मीद है की जल्द ही दिल्ली में स्थिति सुधरेगी।
उत्तराखंड में मिले 31 नए मरीज
उत्तराखंड में रविवार को 31 और लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि होने के साथ राज्य में इस महामारी के पीडितों का आंकडा 1816 हो गया जबकि पिछले 24 घंटे में एक और मरीज ने दम तोड दिया। राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार देहरादून में सर्वाधिक 11 नये मरीज सामने आए हैं जबकि टिहरी में नौ, हरिद्वार में पांच, उत्तरकाशी में तीन तथा चमोली नैनीताल और उधमसिंह नगर जिले में एक—एक व्यक्ति में कोविड-19 की पुष्टि हुई है। राज्य में अब तक 1078 व्यक्ति उपचार के बाद ठीक हो चुके हैं और उपचाराधीन मरीजों की संख्या 705 है। इस बीच, एम्स ऋषिकेश में एक और कोरोना संक्रमित ने दम तोड दिया जिसके बाद राज्य में इस बीमारी से मरने वालों का आंकडा 24 तक पहुंच गया है।
गुजरात में मास्क नहीं पहनने वालों से जुर्माना
गुजरात सरकार ने एक परिपत्र जारी कर कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर मास्क नहीं पहनने वालों लोगों से जुर्माना वसूलने की जिम्मेदारी नगरीय निकायों के बजाय पुलिस को सौंप दी है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। राज्य में सार्वजनिक स्थानों पर मास्क नहीं पहनने पर 200 रुपये का जुर्माना वसूला जाता है। अब तक यह जुर्माना नगर निगमों या स्थानीय निकायों द्वारा वसूला जा रहा था। शनिवार को जारी परिपत्र में कहा गया है, "अब जुर्माना नगरपालिका आयुक्त, कलेक्टर, नगर पालिका और स्थानीय निकायों के बजाय पुलिस आयुक्त और पुलिस अधीक्षक अपने संबंधित क्षेत्राधिकार में एकत्र करेंगे।" अहमदाबाद नगर निगम ने शनिवार को कहा था कि वह स्मार्ट सिटी अहमदाबाद डेवलपमेंट लिमिटेड के सेफ एंड सिक्योर अहमदाबाद प्रोजेक्ट के तहत लगाए गए सीसीटीवी कैमरों के प्रयोग से बिना मास्क घूम रहे लोगों के बारे में पता लगा रहा है। अधिकारियों ने कहा कि एएमसी ने अब तक 280 ई-चालान जारी किए हैं।
हिंदू राव को कोविड-19 अस्पताल घोषित किया
दिल्ली सरकार ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा संचालित हिंदू राव अस्पताल को रविवार को कोविड-19 समर्पित अस्पताल घोषित किया। हिंदू राव राष्ट्रीय राजधानी में नगर निगम द्वारा संचालित सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है। दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग ने एक आदेश में कहा, ''कोविड-19 के मामले बढ़ने के अनुमान के मद्देनजर और बिस्तरों की क्षमता बढ़ाने की जरूरत को देखते हुए.... उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा संचालित बाड़ा हिंदू राव अस्पताल को कोविड-19 अस्पताल घोषित किया जाता है।’’ इसमें कहा गया है कि चिकित्सा अधीक्षक को तय नियमों के अनुसार कोविड-19 मरीजों को भर्ती करने के लिए अस्पताल के बेड 16जून से मुहैया कराने के निर्देश दिए गए हैं।
उत्तर प्रदेश में 14 और मरीजों की मौत
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण से 14 और मरीजों की मौत के साथ राज्य में इस संक्रमण से मरने वालों की संख्या 399 पहुंच गई है। पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में कोविड-19 संक्रमण के 499 नए मामले भी सामने आए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा देर शाम जारी बुलेटिन के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में कोविड-19 संक्रमित 14 और लोगों की मौत हो गई जिनमें मेरठ में सबसे ज्यादा छह मरीजों ने जान गंवायी। इसके अलावा आगरा और संभल में दो-दो तथा बुलंदशहर, आजमगढ़, रायबरेली और हरदोई में एक-एक मरीज की मौत हुई है। राज्य में अब तक कोविड-19 संक्रमण से 399 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य में पिछले 24 घंटों के दौरान कोविड-19 संक्रमण के 499 नए मामले सामने आए हैं। इनमें सबसे ज्यादा 83 नये मरीज गौतम बुद्ध नगर में आए हैं। इसके अलावा गाजियाबाद में 30, लखनऊ में 29, मेरठ तथा जौनपुर में 27-27 नये मरीज आए हैं। इसके पूर्व, राज्य के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि यह उत्साहजनक बात है कि उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण से उबरने का प्रतिशत 60 से ऊपर चल रहा है और वर्तमान यह 60.72 प्रतिशत है। प्रसाद ने बताया राज्य में कल 15762 नमूनों की जांच की गई और अब रोजाना 15000 से ज़्यादा नमूनों की जांच की जा रही है और 30 जून तक इसे 20000 तक ले जाने की कोशिश की जा रही है। उनके अनुसार उत्तर प्रदेश में अब तक 456213 नमूनों की जांच की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि बहुमंजिला इमारतों में अब अगर एक व्यक्ति संक्रमित पाया जाता है तो पूरे टावर को अब 21 की जगह 14 दिन के लिए सील किया जाएगा। इसके अलावा अब किसी एक ही घर में दो-तीन लोग संक्रमित हो जाते हैं तो उस स्थिति में भी केवल ढाई सौ मीटर का इलाका ही निषिद्ध बनाया जाएगा।
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अध्ययन
भारत में कोविड-19 महामारी मध्य नवंबर में अपने चरम पर पहुंच सकती है, जिस दौरान ‘आईसीयू बेड’ और ‘वेंटिलेटर’ की कमी पड़ सकती है। एक अध्ययन में यह दावा किया गया है। अध्ययन के मुताबिक लॉकडाउन के कारण कोविड-19 महामारी आठ हफ्ते देर से अपने चरम पर पहुंचेगी। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा गठित ‘ऑपरेशंस रिसर्च ग्रुप’ के शोधकर्ताओं द्वारा किये गये अध्ययन में कहा गया है कि लॉकडाउन ने महामारी के चरम पर पहुंचने को संभवत: 34 से 76 दिनों तक आगे बढ़ा दिया। साथ ही, इसने संक्रमण के मामलों में 69 से 97 प्रतिशत तक कमी कर दी, जिससे स्वास्थ्य प्रणाली को संसाधन जुटाने एवं बुनियादी ढांचा मजबूत करने में मदद मिली। लॉकडाउन के बाद जन स्वास्थ्य उपायों को बढ़ाये जाने और इसके 60 प्रतिशत कारगर रहने की स्थिति में महामारी नवंबर के प्रथम सप्ताह तक अपने चरम पर पहुंच सकती है। इसके बाद 5.4 महीनों के लिये आइसोलेशन बेड, 4.6 महीनों के लिये आईसीयू बेड और 3.9 महीनों के लिये वेंटिलेटर कम पड़ जाएंगे। अध्ययन में यह अनुमान लगाया गया है। हालांकि, लॉकडाउन और जन स्वास्थ्य उपायों के बगैर स्थिति अत्यधिक गंभीर होने का अनुमान लगाया गया है। शोधकर्ताओं ने कहा कि बुनियादी ढांचा बढ़ाने के लिये सरकार द्वारा सतत कदम उठाये जाने और विभिन्न क्षेत्रों में संक्रमण की दर अलग-अलग रहने के कारण महामारी के प्रभावों को घटाया जा सकता है। यदि जन स्वास्थ्य उपायों के कवरेज को बढ़ा कर 80 फीसदी कर दिया जाता है, तो महामारी के प्रभाव में कमी लाई जा सकती है। भारत में कोविड-19 महामारी के मॉडल आधारित विश्लेषण के मुताबिक लॉकडाउन की अवधि के दौरान जांच, उपचार और रोगियों को पृथक रखने के लिये अतिरिक्त क्षमता तैयार करने के साथ चरम पर मामलों की संख्या 70 फीसदी तक कम हो जाएगी और संक्रमण के (बढ़ रहे) मामले करीब 27 प्रतिशत घट जाएंगे। विश्लेषण में यह प्रदर्शित हुआ है कि कोविड-19 से होने वाली मौतों के मामले में करीब 60 फीसदी मौतें टाली गई हैं और एक तिहाई मौतों को टाले जाने का श्रेय स्वास्थ्य सुविधा उपायों में वृद्धि को को जाता है। शोधकर्ताओं ने कहा कि कोविड-19 के प्रबंधन से नीतियों की उपयुक्त समीक्षा करने और स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने में मदद मिलेगी। इसमें कहा गया है, ‘‘लॉकडाउन महामारी के चरम पर पहुंचने में देर करेगा और स्वास्थ्य प्रणाली को जांच, मामलों को पृथक करने, उपचार और संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आये लोगों का पता लगाने के लिये जरूरी समय प्रदान करेगा। ये कदम कोविड-19 का टीका विकसित होने तक भारत में महामारी का प्रभाव घटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।’’ स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ कर रविवार को 3,20,000 हो गये, जबकि अब तक 9,195 लोगों की मौत हो चुकी है। भारत में लगातार तीसरे दिन 10,000 से अधिक नये मामले सामने आये और यह कोविड-19 से सर्वाधिक प्रभावित चौथा देश हो गया है।
मधुमेह के शिकार
इस महामारी के 17 विशेषज्ञों के एक अंतरराष्ट्रीय समूह ने दावा किया है कि कोविड-19 बीमारी स्वस्थ्य लोगों को मधुमेह से ग्रस्त कर सकती है और पहले से मधुमेह के रोगी में परेशानियां और जटिलताएं बढ़ा सकती हैं। ब्रिटेन के किंग्स कॉलेज लंदन की स्टेफनी ए. एमिल सहित सभी वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी तक किए गए नैदानिक विश्लेषणों के अनुसार, कोविड-19 और मधुमेह के बीच दोहरा या द्विपक्षीय संबंध है। न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित अनुसंधान में उन्होंने बताया है कि एक ओर मधुमेह से ग्रस्त व्यक्ति के कोरोना वायरस से संक्रमित होने और संक्रमण से मृत्यु का खतरा ज्यादा है। उनका कहना है कि कोविड-19 से मरने वाले लोगों में से 20 से 30 प्रतिशत मधुमेह से ग्रस्त थे। अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि दूसरी ओर कोरोना वायरस से संक्रमित हुए व्यक्ति को मधुमेह हो सकता है तथा उसकी पाचन क्रिया में गड़बड़ियां हो सकती हैं और वो जानलेवा भी हो सकती हैं। उनका हालांकि यह भी कहना है कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि कोरोना वायरस (सार्स सीओवी 2) का मधुमेह पर क्या असर होता है। पहले आए अनुसंधानों में यह कहा गया है कि कोरोना वायरस के साथ जुड़ने वाला और उसे मानव कोशिका में प्रवेश का रास्ता देने वाला एसीई-2 प्रोटीन सिर्फ फेफड़ों में नहीं बल्कि अन्य अंगों और ग्लूकोज के पाचन में शामिल उत्तकों, जैसे... अग्न्याशय, छोटी आंत, वसा उत्तक, यकृत और गुर्दे में भी होता है। अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि इन उत्तकों में प्रवेश करके वायरस ग्लूकोज के पाचन में जटिल गड़बड़ियां पैदा कर सकता है। वैज्ञानिकों का मानना है, यह संभव है कि कोरोना वायरस ग्लूकोज की पाचन प्रक्रिया को बदल दे जिससे पहले से मधुमेह से ग्रस्त लोगों में जटिलताएं बढ़ जाएं या फिर किसी नयी बीमारी का खतरा पैदा हो जाए। किंग्स कॉलेज लंदन में मेटाबॉलिक सर्जरी के प्रोफेसर फ्रांसेस्को रुबिनो ने कहा, ‘‘मधुमेह सबसे ज्यादा लोगों को प्रभावित करने वाली बीमारी है और दो महामारियों के कारण उत्पन्न जटिलताओं की दिक्कतें हमें अब समझ आ रही हैं।''
-नीरज कुमार दुबे
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