Sadbhavana Diwas 2024: हर साल 20 अगस्त को मनाया जाता है सद्भावना दिवस, जानिए इतिहास और महत्व

Sadbhavana Diwas 2024
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देश के सातवें प्रधानमंत्री रहे राजीव गांधी के सम्मान में हर साल 20 अगस्त को सद्भावना दिवस मनाया जाता है। बता दें कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की मृत्यु के एक साल बाद कांग्रेस द्वारा सद्भावना दिवस की स्थापना की गई।

देश के सातवें प्रधानमंत्री रहे राजीव गांधी के सम्मान में हर साल 20 अगस्त को सद्भावना दिवस मनाया जाता है। बता दें कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की मृत्यु के एक साल बाद साल 1992 से कांग्रेस ने राजीव गांधी सद्भावना पुरस्कार की स्थापना की थी। राष्ट्रीय सद्भावना और सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सद्भावना दिवस मनाया जाता है। आइए जानते हैं इसका इतिहास और महत्व के बारे में... 

सद्भावना दिवस का इतिहास

बता दें कि राजीव गांधी साल 1984 से लेकर 1989 तक भारत के प्रधानमंत्री बने थे। वह देश को आधुनिक बनाने और सामाजिक न्याय संबंधी चिंताओं से निपटने के लिए किए जाने वाले प्रयासों के लिए जाने जाते हैं। राजीव गांधी के प्रशासन के तहत शिक्षा, शांति और प्रौद्योगिकी में सुधार की पहल को लागू किया गया था। उन्होंने कई बाधाओं को पार करते हुए सांप्रदायिक सद्भाव और राष्ट्रीय एकीकरण को बढ़ावे को बल दिया। उनके इस समर्पण का प्रभाव लंबे समय तक रहा। राजीव गांधी के मूल्यों को बनाए रखने के लिए प्रेरित करने और उनकी दृष्टि का सम्मान करने के लिए सद्भावना दिवस की स्थापना की गई।

महत्व

सद्भावना दिवस को मनाए जाने का लक्ष्य राष्ट्रीय सामंजस्य और एकीकरण की मजबूत भावना को बढ़ावा देना है। इस दिन को सेलिब्रेट करने के लिए लोगों को एक ऐसा समाज बनाने की दिशा में काम करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, जो समावेशी होने के साथ सामंजस्यपूर्ण हो। साथ ही उन्हें भारतीयों के रूप में उनकी आम पहचान के बारे में याद दिलाया जाता है। इस दिन देश के पूर्व पीएम की सेवाओं का सम्मान किया जाता है। खासकर राजीव गांधी के सामाजिक अन्याय को संबोधित करने और प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने के काम को। 

कौन थे राजीव गांधी

बता दें कि राजीव गांधी देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री थे। राजीव गांधी 40 साल की उम्र में प्रधानमंत्री बने थे। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी साल 1984 से लेकर 1989 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। देश के विकास में उन्होंने बहुत योगदान दिया था। साल 1986 में देशभर में उच्च शिक्षा कार्यक्रमों के आधुनिकीकरण और विस्तार के लिए राष्ट्रीय नीति की घोषणा की। समाज के ग्रामीण वर्ग के उत्थान के लिए साल 1986 में जवाहर नवोदय विद्यालय प्रणाली नामक एक केंद्र सरकार आधारित संस्था की स्थापना की। जो कक्षा 6 से लेकर 12वीं तक फ्री आवासीय शिक्षा देती है।

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