Pakistan के हाथ सच में लगा अलादीन का चिराग? दुनिया का चौथा सबसे बड़ा तेल रिजर्व, सच में ऐसा कुछ हुआ भी है या फिर...
इन भंडारों में देश की किस्मत बदलने की क्षमता है। हालाँकि, कुछ लोगों का कहना है कि यह दावा करना जल्दबाजी होगी कि पाकिस्तान को बड़े पैमाने पर तेल और गैस भंडार मिला है।
आपने अपने बचपन में अलादीन और जादुई चिराग की कहानी तो खूब सुनी होगी। अलादीन का चिराग एक हिंदी का प्रचलित मुहावरा भी है जिसके कहने का अर्थ कोई ऐसी चीज का हाथ लगना जिससे आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाए। जैसे काश मेरे पास कोई अलादीन का चिराग होता तो मै गरीबी को दुनिया से दूर कर देता। लेकिन अब एक ऐसी खबर आई है जो अगर सच हो तो भारत के पड़ोसी देश की गरीबी जरूर दूर हो सकती है। पाकिस्तान को अलादीन सरीखा चिराग हाथ लग गया है। समुद्री सीमा में तेल और गैस का बहुत बड़ा भंडार मिला है। कहा ये जा रहा है कि ये तेल और गैस का भंडार दुनिया का चौथा सबसे बड़ा भंडार हो सकता है। ये खबरें ऐसे समय में आई हैं जब दक्षिण एशियाई देश आर्थिक संकट से जूझ रहा है। पाकिस्तान के एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने डॉन न्यूज़ टीवी को बताया है कि इन भंडारों में देश की किस्मत बदलने की क्षमता है। हालाँकि, कुछ लोगों का कहना है कि यह दावा करना जल्दबाजी होगी कि पाकिस्तान को बड़े पैमाने पर तेल और गैस भंडार मिला है।
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समुद्री सीमा क्या होती है?
ऐसे देश जो समुद्र से अपना बॉर्डर शेयर कर रहे होते हैं उनके कुछ हिस्सों पर उनके मछुआरे से लेकर बाकी सारे उद्दोग किए जाते हैं। बंदरगाह भी बनाए जाते हैं। फिर वो चाहते हैं कि कुछ दूरी तक का आधिपथ्य उनके पास हो। इसको लेकर काफी विवाद भी हुए। बहुत सारे देश कई बार एकदम करीब करीब आते थे। फिर इसको लेकर एक इंटरनेशनल ट्रीटी साइन हुई। कोई भी देश उसके तट से लेकर 80 किलोमीटर तक 100 प्रतिशत कंट्रोल उसी देश की रहेगी। 200 किलोमीटर तक उसका एक और बॉर्डर होगा जिसमें आधिपथ्य तो उसी देश का होगा लेकिन इस दायरे में अगर दूसरे अन्य देशों को आना होगा तो इनके सहमति से वो आवागमन कर सकते हैं। पाकिस्तान की समुद्री सीमा में गैस और तेल का भंडार पाया गया है। इस ऑयल रिजर्व को लेकर बात हो रही है कि अगर ये ठीक ठीक उतना ही पाया जाता है, जितना अनुमान लगाया जा रहा है तो ये दुनिया का चौथा सबसे बड़ा ऑयल रिजर्व हो सकता है।
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पाकिस्तान को मिला खजाना
डॉन न्यूज टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने एक मित्र देश के साथ मिलकर तीन साल का सर्वेक्षण किया, जिसके बाद तेल और गैस भंडार का पता चला। इस सर्वेक्षण से पाकिस्तान ने जमाव का स्थान खोज लिया है। वेनेजुएला के पास 3 बिलियन बैरल से अधिक के साथ सबसे अधिक मात्रा में तेल भंडार है, इसके बाद सऊदी अरब, ईरान, कनाडा और इराक हैं। ऐसा माना जाता है कि संयुक्त राज्य अमेरिका के पास सबसे अधिक अप्रयुक्त शेल तेल भंडार है।
कैसे बदल सकता है कंगाल मुल्क का मुकद्दर
पाकिस्तान उच्च ऊर्जा और ईंधन की कीमतों का खामियाजा भुगत रहा है। देश अपने विदेशी मुद्रा भंडार का एक बड़ा हिस्सा अकेले पेट्रोलियम आयात पर खर्च करता है। तेल भंडार की कोई भी बड़ी खोज देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद कर सकती है, जिससे मुद्रास्फीति से प्रभावित आबादी के लिए ईंधन और गैस सस्ता हो जाएगा। पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार को भी बचाएगा, जो इस जून में दो साल के उच्चतम $9.4 बिलियन तक पहुंचने से पहले फरवरी 2023 में घटकर $2.9 बिलियन रह गया था। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने पिछले साल ऊर्जा आयात पर 17.5 अरब डॉलर खर्च किए। सात साल में इसके दोगुना होकर 31 अरब डॉलर होने की संभावना है। वर्तमान में, देश 29 प्रतिशत गैस, 85 प्रतिशत तेल, 20 प्रतिशत कोयला और 50 प्रतिशत तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) आवश्यकताओं को आयात के माध्यम से पूरा करता है। पाकिस्तान को नीली अर्थव्यवस्था से लाभ हो सकता है। तेल और गैस के अलावा, मूल्यवान खनिज और तत्व समुद्र से निकाले जा सकते हैं। हालाँकि, कुएँ खोदने और तेल निकालने में कई साल लग सकते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, भंडार से जुड़ी रिसर्च पूरी करने में करीब 42 हजार करोड़ का खर्च आएगा। इसके बाद समुद्र की गहराई से इसे निकालने में 4-5 साल लग सकते हैं। अगर रिसर्च सफल रही तो तेल और गैस को निकालने के लिए कुएं लगाने और बाकी इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने में और ज्यादा पैसे की जरूरत होगी।
सच में पाकिस्तान में ऐसा हुआ भी है या फिर...
वे कहते हैं कि अपनी मुर्गियों को अंडों से निकलने से पहले न गिनें। विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान को उत्साहित होना चाहिए, लेकिन अभी तक कुछ भी तय नहीं हुआ है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को अपने तेल भंडार से लाभ मिलने में कई साल लग सकते हैं। डॉनन्यूज टीवी से बात करते हुए, तेल और गैस नियामक प्राधिकरण (ओगरा) के पूर्व सदस्य मुहम्मद आरिफ ने कहा कि देश को आशावादी होना चाहिए लेकिन यह कभी भी 100 प्रतिशत गारंटी नहीं है कि भंडार उम्मीद के मुताबिक खोजा जाएगा। उन्होंने कहा कि क्या ये भंडार पाकिस्तान की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होंगे, यह आकार और उत्पादन की वसूली दर पर निर्भर करता है। यदि यह गैस भंडार है, तो यह एलएनजी आयात का स्थान ले सकता है और यदि यह तेल भंडार है, तो आयातित तेल का स्थान ले सकते हैं। पिछले महीने, पाकिस्तान सरकार ने तेल और गैस की खोज के लिए 20 अपतटीय ब्लॉकों की नीलामी करने की अपनी मंशा की घोषणा की थी। इससे पहले जुलाई में, प्रधान मंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने कहा था कि देश में तेल और गैस भंडार की खोज सरकार की "सर्वोच्च प्राथमिकता" थी। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, इसके लिए दक्षिण एशियाई देश को अगले तीन वर्षों में स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों से 5 अरब डॉलर का निवेश हासिल करने की उम्मीद है।
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