योगी आदित्यनाथ का इतिहास पर सवाल, क्या सच मे महान था सिकंदर?

पश्चिम के इतिहास की किताबों में ईरानी साम्राज्य को जीतने वाले सिकंदर को एक महान विजेता बताया गया है। ईरान का इतिहास सिकंदर को अकेमेनिड साम्राज्य को तबाह करने वाले व्यक्ति के रूप में याद करता है। ईरानी दृष्टिकोण से देखें तो सिकंदर महानता से कोसों दूर था।
पिछले दिनों सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन को संबोधित करते हुए यूपी के सीएम योगी आदित्यनात ने कहा, ''इतिहास को किस तरह विकृत किया जाता है। इतिहास ने अशोक या चंद्रगुप्त मौर्य को महान नहीं बताया, किसे महान बताया? जो चंद्रगुप्त से हारा था, सिकंदर को महान बताया। कितना धोखा देश के साथ हुआ है। लेकिन इतिहासकार इस पर मौन हैं, कारण है, अगर सच्चाई भारतीयों के सामने आ गई तो समाज एक बार फिर खड़ा हो जाएगा। जब समाज खड़ा होगा तो देश खड़ा हो जाएगा। आज पीएम मोदी राष्ट्र को खड़ा कर रहे हैं।'' योगी आदित्यनाथ के इस बयान के बाद मीडिया और इतिहासकारों में सिकन्दर पर बहस छिड़ गई है। सिकंदर के मुद्दे पर इतिहासकार दो फाड़ में बंटे दिखे, भले ही सिकंदर चंद्रगुप्त से न हारा हो पर आइए जानते हैं क्या सच मे महान था सिकंदर?
सिकंदर पर क्या कहता है इतिहास
पश्चिम के इतिहास की किताबों में ईरानी साम्राज्य को जीतने वाले सिकंदर को एक महान विजेता बताया गया है। ईरान का इतिहास सिकंदर को अकेमेनिड साम्राज्य को तबाह करने वाले व्यक्ति के रूप में याद करता है। ईरानी दृष्टिकोण से देखें तो सिकंदर महानता से कोसों दूर था।
ईरान का इतिहास डेरियस और उसके बेटे ज़ेरक्सस को महान बताता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सिकंदर ने ईरान पर हमला बदला लेने के लिए किया था।
ईरानी इतिहासकार सिकंदर की आलोचना करते हुए कहते हैं कि उसने अपने साम्राज्य में सांस्कृतिक और धार्मिक स्थलों को नुक़सान पहुँचाने को बढ़ावा दिया। सिकंदर के समय में ईरानियों के प्राचीन धर्म, पारसी धर्म के मुख्य उपासना स्थलों पर हमले किए गए। ईरानी इतिहास सिकंदर को कितना भी आततायी बताए पर 32 वर्ष में मौत के मुंह मे चले जाने वाले सिकन्दर का ईरान के लोगों में भी एक आदर था। तथ्य बताते हैं कि उसे ईरान पर हमले के दौरान हुई तबाही का अफ़सोस भी था।
क्या सच मे सिकंदर को चंद्रगुप्त ने हराया था?
भारतीय इतिहास पर योगी आदित्यनाथ के दावे की बात करें तो चंद्रगुप्त मौर्य का युद्ध सिकंदर की मौत के बाद उसके सेनापति सेल्यूकस के साथ 301-305 ईसापूर्व में हुआ था। इस लड़ाई में मौर्य ने सेल्यूकस को हरा दिया था।
हालांकि, यह बात भी सच है कि चंद्रगुप्त और सेल्यूकस के युद्ध को चंद्रगुप्त मौर्य और सिकंदर के युद्ध के नाम से जाना जाता है। इसका कारण है कि वह साम्राज्य सिकंदर का ही था।
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