धन तेरस के दिन मनाया जाता है राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस, जानें इसे मनाने का कारण
राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस का आयोजन हर वर्ष धन्वंतरि जयंती यानी धन तेरस के मौके पर किया जाता है। धन तेरस के दिन को भारतीय पुराणों के अनुसार स्वास्थ्य के देवता का दिवस माना जाता है, जो भगवान धन्वंतरि है। वो आरोग्य, सेहत आयु और तेज के आराध्य है। बता दें कि सभी ग्रंथों में भगवान धन्वंतरि का उल्लेख है।
राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस का आयोजन हर वर्ष हिंदू पंचांग में पड़ने वाले धन तेरस के मौके पर किया जाता है। धन तेरस को धन्वंतरि जयंती के नाम से भी जाना जाता है। आयुष मंत्रालय ने साल 2016 में हर वर्ष राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मनाने की शुरुआत की थी। इस वर्ष देश सातवां आयुर्वेद दिवस मना रहा है। आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मनाया जाता है।
बता दें कि स्वास्थ्य समस्याओं के लिए आयुर्वेदिक दवाओं को कई वर्षों से बेहतर माना जाता रहा है। आयुर्वेद ऐसी चिकित्सा पद्धति है जो प्राकृतिक रूप से मरीज की समस्या को जड़ से समाप्त करने में सक्षम होती है। आयुर्वेद के आमतौर पर साइड इफैक्ट देखने को नहीं मिलते है।
पौराणिक मान्यता के मुताबिक धन तेरस के मौके पर स्वास्थ्य के देवता के दिवस के तौर पर मनाया जाता है। हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान धन्वंतरि आरोग्य, सेहत, आय और तेज के आराध्य के देवता माने जाते है। उन्हें आयुर्वेद जगत के प्रणेता और वैद्य शास्त्र का देवता माना जाता है। हिंदू धर्म के सभी ग्रंथों में भगवान धन्वंतरि का उल्लेख किया गया है। भगवान धन्वंतरि को भगवान विष्णु का रूप माना जाता है। ये भी माना जाता है कि भगवान धन्वंतरि की उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान हुई थी।
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जानें इस वर्ष का थीम
राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के मौके पर इस वर्ष आयुष मंत्रालय ने एआईआईए को नोडल एजेंसी बनाया है। इस वर्ष कार्यक्रम की थीम हर दिन हर घर आयुर्वेद रखी गई है। इस वर्ष की थीम के जरिए भारत के हर नागरिक तक आयुर्वेद की पहुंच सक्षम की जाएगी। हर दिन आयुर्वेद के जरिए आयुर्वेद के बारे में जागरूकता को बढ़ावा दिया जा रहा है। बता दें कि आयुर्वेद दिवस को 23 अक्तूबर को मनाया जाएगा। भारत सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों के साथ मिलकर इसे मनाया जाएगा।
जानें आयुर्वेद का महत्व
आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में आमतौर पर जड़ी बूटियों को सूचीबद्ध किया गया है। आयुर्वेद के उत्पाद शरीर को संक्रमण से बचाने में सफल साबित होते है। आयुर्वेद में मिलने वाली कई दवाइयां जड़ी बूटियों के मेल से बनती है। माना जाता है कि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति जीवनशैली से संबंधित बीमारियों का इलाज करने में लाभदायक सिद्ध होती है। आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा जैसी कई बीमारियों का इलाज करने में लाभदायक होती है।
बता दें कि आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के जरिए शरीर को मजबूती मिलती है। आयुर्वेद के जरिए शरीर को मजबूत बनाया जाता है, ताकि शरीर बीमारियों से लड़ने में सक्षम हो सके। शरीर को अधिक नुकसान होने से बचाने के लिए ये काफी कारगर होता है। आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में योगासन, प्राणायाम और सूर्य नमस्कार को शामिल किया जाता है।
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