World Arthritis Day: जानें इस दिन से जुड़े कुछ तथ्यों के बारे में, क्यों है ये दिन इतना महत्वपूर्ण?

World Arthritis Day
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आजकल अर्थराइटिस रोग तेजी से बढ़ रहा है और इसका प्रमुख कारण है आज का बदलता लाइफस्टाइल, मोटापा और गलत खानपान। पहले यह बीमारी ज्‍यादातर बड़ी उम्र के लोगों या बुजुर्गों को ही होती थी परन्तु अब यह युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रही है।

दोस्तों, हर साल विश्वभर में 12 अक्टूबर को 'World Arthritis day' यानि कि 'विश्व अर्थराइटिस डे' मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मकसद है इस बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करना ताकि समय रहते वे इस बीमारी से अपना बचाव कर सके। डॉक्टर्स के अनुसार कुछ खाद्य पदार्थ जैसे कि गेहूं, जौ और जई आदि जैसे अनाज में ग्लूटेन नाम का एक प्रोटीन मौजूद होता और ग्लूटन भी इन्फ्लेमेशन की समस्या को बढ़ाता है। ऐसे में शरीर में ये खाद्य पदार्थ इनफ्लेमशन को बढ़ाकर आर्थराइटिस को और भी ज्यादा गंभीर बना सकते हैं इसलिए आर्थराइटिस के मरीजों को ऐसी सभी चीजों से दूर रहना चाहिए।  अर्थराइटिस जिसे गठिया भी कहा जाता है। यह जोड़ों में दर्द या इन्फ्लेमेशन होने की एक जटिल समस्या है। एक रिपोर्ट के अनुसार, 40 प्रतिशत पुरुष और 47 प्रतिशत महिलाएं अर्थराइटिस बीमारी का शिकार होती है। आइए जानते है इस दिन से जुड़े कुछ तथ्यों के बारे में:-

उद्देश्य है लोगों को जागरूक करना 

पहली बार 12 अक्टूबर, 1996 को विश्व अर्थराइटिस दिवस मनाया गया था।  तब से लेकर अब तक यह दिन हर साल मनाया जाता है। गठिया नाम की बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए इस दिन की शुरुआत की गई थी। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि आर्थराइटिस दुनिया भर में तेजी से बढ़ती हुई बीमारियों में से एक है, जहां एक ओर यह युवाओं को भी तेजी से अपना शिकार बना रही है तो वहीं ज्‍यादा वजन वाले या मोटे लोगों को इससे ज्‍यादा खतरा है। ऐसे में यह दिन हमें ना केवल इस बीमारी के प्रति जागरूक करता है बल्कि इस रोग से बचने के लिए भी प्रेरित करता है। इस दिन लोगों को जागरूक करने के लिए कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। विश्व गठिया दिवस चिकित्सा समुदाय, मरीजों और आम लोगों के बीच इस बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने और इसके बचाव के उद्देश्य से मनाया जाता है।

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किस कारण से होती है यह बीमारी ?

आजकल अर्थराइटिस रोग तेजी से बढ़ रहा है और इसका प्रमुख कारण है आज का बदलता लाइफस्टाइल, मोटापा और गलत खानपान। पहले यह बीमारी ज्‍यादातर बड़ी उम्र के लोगों या बुजुर्गों को ही होती थी परन्तु अब यह युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रही है। यह बेहद ही तकलीफदेह बीमारी होती है, जिसकी वजह से शरीर के जोड़ों में असहनीय दर्द होता है और चलना-फिरना तक मुश्किल हो जाता है। यह बीमारी एक जॉइंट या शरीर के कई जोड़ों को भी प्रभावित कर सकती है।

अर्थराइटिस के लक्षण 

- बुखार आना 

- लिम्फ नोड्स में सूजन होना

- वजन कम होना

- लगातार थकान महसूस होना

- उठने-बैठने में परेशानी होना 

- हाथ-पैरों का ठीक से काम न कर पाना

- चलने में दिक्कत होना 

- नींद ना आना 

- जोड़ों का दर्द होना 

- जोड़ों में सूजन आना 

- जोड़ों के आसपास की त्वचा लाल होना

- किसी भी काम को करने में कठिनाई होना 

- पेन किलर लेने के बावजूद भी जोड़ों के दर्द में आराम ना आना 

ऐसे बचें इस बीमारी से

हम कुछ उपायों को अपनाकर इस बीमारी से बच सकते है। यदि अपनी जीवनशैली में थोड़ा बदलाव किया जाए, बाहर के खाने या फ़ास्ट फ़ूड खाने से बचें और जंक फूड का जितना हो सके कम ही सेवन करें। इसके साथ ही नियमित तौर पर व्यायाम और योग करें, वजन को ना बढ़ने  दें और पौष्टिक आहार का सेवन करें तो इस बीमारी से कुछ हद तक बचा जा सकता है लेकिन ज्यादा दिक्कत होने पर डॉक्टर्स को ज़रूर दिखाएँ।

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