प्रदूषित शहरों में कुछ दिन रहने पर भी हो सकते हैं बीमार: अध्ययन
‘जर्नल ऑफ ट्रवेल मेडिसीन’ में प्रकाशित निष्कर्ष में कहा गया है कि विश्व पर्यटन संगठन के मुताबिक 2030 तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यात्रियों की संख्या बढ़कर 1.8 अरब हो जाएगी।
न्यूयार्क। अत्यधिक प्रदूषण वाले शहरों में कुछ दिन गुजारने पर भी सांस की समस्या पैदा हो सकती है और इससे उबरने में कम से कम एक सप्ताह का वक्त लग सकता है। भारत, पाकिस्तान और चीन के बारे में किए गए एक अध्ययन से यह तथ्य सामने आया है। अमेरिका में न्यूयार्क यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसीन में अनुसंधानकर्ताओं ने विदेश की यात्रा करने वाले तंदुरुस्त वयस्क लोगों में प्रदूषण से होने वाले कफ और सांस की दिक्कतों तथा घर लौटने पर ठीक होने में लगने वाले समय का विश्लेषण किया।
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‘जर्नल ऑफ ट्रवेल मेडिसीन’ में प्रकाशित निष्कर्ष में कहा गया है कि विश्व पर्यटन संगठन के मुताबिक 2030 तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यात्रियों की संख्या बढ़कर 1.8 अरब हो जाएगी। प्रोफेसर टेरी गोर्डन ने कहा, ‘‘हमारे पास कई ऐसी रिपोर्ट हैं कि प्रदूषित शहरों की यात्रा के दौरान पर्यटक बीमार हो जाते हैं।
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इसलिए हमारे लिए यह समझना महत्वपूर्ण हो गया है कि हमारे स्वास्थ्य का क्या हो रहा है।’’ शोधकर्मियों ने न्यूयार्क शहर से कम से कम एक सप्ताह के लिए दूसरे देश गए 34 पुरुषों और महिलाओं के श्वसन तंत्र और हृदय के हाल का छह स्तर पर अध्ययन किया। गोर्डन ने कहा कि प्रदूषित शहरों में जाने से पहले मास्क लगाना चाहिए या पहले ही डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
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