Nagasaki Day 2024: जापान के नागासाकी शहर में फैट-मैन ने मचाई थी तबाही, काल के गाल में समा गए थे हजारों लोग
सेकेंड वर्ल्ड वॉर के दौरान जापान ने जो तबाही का भयावह मंजर देखा था, उसके निशान आज भी मौजूद हैं। बता दें कि अमेरिका ने आज ही कि दिन यानी की 09 अगस्त जापान के नागासाकी में परमाणु हमला कर कभी न भूलने वाला दर्द दिया था।
सेकेंड वर्ल्ड वॉर के दौरान जापान ने जो तबाही का भयावह मंजर देखा था, उसके निशान आज भी मौजूद हैं। बता दें कि अमेरिका ने आज ही कि दिन यानी की 09 अगस्त जापान के नागासाकी में परमाणु हमला कर कभी न भूलने वाला दर्द दिया था। इससे पहले 06 अगस्त को अमेरिका ने हिरोशिमा में परमाणु बम गिराया था और फिर 09 अगस्त को नागासाकी में। इस हमले में लाखों लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी। अमेरिका द्वारा नागासाकी शहर पर किए गए हमले को आज 79 साल हो गए हैं। लेकिन इस बड़े स्तर के नरसंहार को इतिहास में भुलाया नहीं जा सकता है।
इतिहास
दरअसल, सेकेंड वर्ल्ड वॉर के दौरान जापान लगातार हमले कर रहा था। उस दौरान भी जापान को शक्तिशाली देश माना जाता था। साल 1939 में शुरू हुए सेकेंड वर्ल्ड वॉर को 6 साल हो चुके थे। लेकिन 6 सालों बाद भी यह जंग थमने का नाम नहीं ले रही थी। ऐसे में अमेरिका ने 06 अगस्त 1945 को जापान के हिरोशिमा शहर और फिर तीन दिन बाद 09 अगस्त को नागासाकी में परमाणु बम गिराकर जापान को घुटनों के बल लाकर खड़ा कर दिया।
बता दें कि नागासाकी में अमेरिका द्वारा जो परमाणु बम गिराया गया था, उसका नाम फैट-मैन था। 09 अगस्त को सुबह 11 बजे के आसपास नागासाकी में परमाणु विस्फोट हुआ। इसका असर इतना घातक रहा कि लोगों को सोचने तक का समय नहीं मिला कि आखिर हुआ क्या और हजारों की संख्या में लोग मौत के मुंह में समा गए। पहाड़ों से घिरा होने के कारण नागासाकी शहर के करीब 6.7 वर्ग किलोमीटर के इलाके में तबाही का भयावह मंजर देखने को मिला। इस दौरान करीब 75 हजार लोगों की मौत हो गई थी।
क्यों मनाया जाता है नागासाकी डे
हर साल 09 अगस्त को नागासाकी डे मनाने का मुख्य उद्देश्य पीड़ितों को याद करना, अधिक युद्धों से बचना, शांति को बढ़ावा देना और परमाणु हथियारों की विनाशकारी क्षमता के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। साथ ही यह दिन बमबारी के पीड़ितों और बचे लोगों के प्रति सम्मान दिखाने का तरीका है और यह दिन सीख देता है कि हम सभी यह सुनिश्चित करें कि भविष्य में ऐसी त्रासदी फिर कभी न हो।
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