ईद उल-अज़हा को लेकर दुनिया भर में रहती है धूम, जानें विभिन्न देशों में इसे कैसे मनाया जाता है

eid ul adha
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अंकित सिंह । Jul 6 2022 8:00PM

भारत में यह बकरीद के नाम से मशहूर है। भारत में इस दिन बकरी की बलि देने की परंपरा है। भारत के मुसलमान इसे बेहद ही उत्साह और उमंग के साथ मनाते हैं। इसकी तैयारी काफी दिन पहले से ही शुरू हो जाती है। सुबह सवेरे मुसलमान नए कपड़े पहन कर नमाज अदा करते हैं।

ईद उल-अज़हा जिसे बकरीद भी कहा जाता है। इस्लाम धर्म का दूसरा सबसे बड़ा त्यौहार है। इस साल यह त्यौहार 10 जुलाई यानी कि रविवार के दिन मनाई जाएगी। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार 12वां महीना ज़ु-अल-हज्जा होता है और इसी महीने की 10 तारीख को बकरीद मनाई जाती है। कैलेंडर के मुताबिक यह तारीख ईद-उल-फितर (ईद) के 70 दिनों बाद आती है। इसमें कुर्बानी देने की परंपरा है। 

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बलिदान का त्योहार

इस्लाम में बलिदान का बहुत अधिक महत्व है। इस्लाम धर्म में मान्यता है कि अपनी सबसे प्यारी चीज रब की राह में खर्च करो। रब की राह में खर्च करने का अर्थ नेकी और भलाई के कामों में खर्च करने से है। इस्लामिक मान्यता के अनुसार हजरत इब्राहिम अपने पुत्र हजरत इस्माइल को इसी दिन खुदा के हुक्म पर खुदा कि राह में कुर्बान करने जा रहे थे, तो अल्लाह ने उनके पुत्र को जीवनदान दे दिया जिसकी याद में भी यह पर्व मनाया जाता है।

इसको दुनिया के विभिन्न देशों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। हम आपको बता रहे हैं कि आखिर बकरीद को दुनिया के अलग-अलग देशों में किस तरीके से मनाया जाता है।

संयुक्त अरब अमीरात

ईद उल-अज़हा चंद्रमा के हिसाब से नहीं मनाया जाता है। यूएई सरकार साल में कम से कम 3 दिनों का सार्वजनिक अवकाश देती है जिसमें सबसे महत्वपूर्ण ईद उल-अज़हा से 1 दिन पहले होता है। इसे अराफात का दिन भी कहा जाता है। दिन की शुरुआत ईद की नमाज के साथ होती है और लोग एक दूसरे को गले लगाकर ईद मुबारक कहते हैं। भारत की ही तरह ईद के अवसर पर यूएई में भी ईदी देने की परंपरा है। इस दिन सभी नए कपड़े पहनते हैं और विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाते हैं।

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तुर्की

इस त्यौहार के पहले दिन प्रत्येक के परिवार के पुरुष पारंपरिक रूप से नमाज के लिए सुबह सवेरे मस्जिद जाते हैं। बलिदान किए जाने वाले बकरे को सजाया जाता है। हालांकि, तुर्की में अब कुछ लोगों ने जानवरों की बलि देने की बजाय चैरिटी संगठनों को दान देने की शुरुआत कर दी है। लोग अच्छे कपड़े पहनते हैं। अपने घरों में रिश्तेदारों का स्वागत करते हैं तथा दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलने भी जाते हैं।

मिस्र

मिस्र में इसे 'ईद-अल-किब्र' के रूप में जाना जाता है। यह वहां ईद उल फितर से अधिक महत्वपूर्ण है। दिन की शुरुआत काफी हद तक पारंपरिक रूप से होती है। नमाज के बाद लोग एक दूसरे से मिलते हैं और इस की शुभकामनाएं देते हैं। पैगंबर इब्राहिम का सम्मान करने के लिए कुर्बानी मांस को बड़ी उदारता के साथ दान दिया जाता है। गरीब और जरूरतमंद लोगों को मदद दी जाती है।

ईरान

ईरानी मुसलमान औपचारिक रूप से ईद की नमाज़ के लिए तैयार होते हैं, जिसे नमाज़ ईद के रूप में जाना जाता है, जो मस्जिदों और देश भर के खुले क्षेत्रों में आयोजित की जाती है। धार्मिक ग्रंथों के पाठ भी प्रसारित किए जाते हैं। ईरान में, व्यंजनों की एक बड़ी विविधता की वजह से इसे 'नमकीन ईद' के रूप में भी जाना जाता है। 

भारत 

भारत में यह बकरीद के नाम से मशहूर है। भारत में इस दिन बकरी की बलि देने की परंपरा है। भारत के मुसलमान इसे बेहद ही उत्साह और उमंग के साथ मनाते हैं। इसकी तैयारी काफी दिन पहले से ही शुरू हो जाती है। सुबह सवेरे मुसलमान नए कपड़े पहन कर नमाज अदा करते हैं। इसके बाद भेड़ या बकरे की बलि दी जाती है और मांस को परिवार के सदस्यों, पड़ोसियों और गरीबों के साथ मिल बांटकर खाया जाता है। इस दिन भारत में भी छुट्टी दी जाती है। परिवार के मौके पर लोग एक दूसरे से मुलाकात करते हैं और उन्हें शुभकामनाएं देते हैं।

पाकिस्तान 

पाकिस्तान में इस त्यौहार को लेकर खूब धूम देखने को मिलती है। पाकिस्तान में इसको लेकर 4 दिवसीय धार्मिक अवकाश पर दिया जाता है। सभी दुकानें बंद रहती हैं। लोग नमाज अदा करते हैं और कुर्बानी देते हैं। भारत की ही तरह कुर्बानी के बाद मांस को दोस्तों, रिश्तेदारों और गरीबों में बांटा जाता है। अन्य देशों की तरह यहां भी परिवार एक दूसरे के साथ भोजन साझा करते हैं और उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं।

बांग्लादेश

बांग्लादेश में इस त्यौहार को ‘कुर्बानिर ईद’ या ‘बकरी ईद’ के नाम से जाना जाता है। इस त्यौहार को लेकर 1 महीने पहले से ही मिठाई की दुकान और उपहार की दुकान सज जाती हैं। कपड़ा विक्रेताओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिलता है। बांग्लादेश में इस दिन कुर्बानी के लिए आमतौर पर गायों, बकरियों और भैंसों को चुना जाता है।

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कनाडा

कनाडा के मुस्लिम एसोसिएशन (एमएसी) ईद अल फितर और ईद उल-अज़हा को मनाने के लिए ईद त्यौहार आयोजित करता है। इसमें मजेदार सवारी, शो, खेल टूर्नामेंट और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय व्यंजनों के कार्निवल की पेशकश होती है। प्रमुख नेताओं सहित हजारों लोग अक्सर इन कार्यक्रमों में शामिल होते हैं और कुछ राजनेता सार्वजनिक रूप से त्योहार मनाने वालों को अपनी शुभकामनाएं देते हैं, जो कुछ दिनों तक चल सकता है। हालांकि इस दिन कनाडा में सार्वजनिक अवकाश नहीं होता। 

अमेरिका

संयुक्त राज्य अमेरिका में मुसलमान ईद उल-अज़हा के दिन नमाज अदा करते हैं और सामाजिक समारोहों में शामिल होते हैं। विभिन्न देशों से आए मुस्लिम जो अमेरिका में बस चुके हैं, वह अपने-अपने तरीके से इस त्योहार को मनाते हैं। मुस्लिम समाज इस दिन बढ़िया व्यंजन तैयार करता है और दोस्तों तथा रिश्तेदारों के साथ मिल बांट कर खाता है।


यूनाइटेड किंगडम 

मुसलमान इस दिन नए कपड़े पहनते हैं और नमाज अदा करते हैं। एक दूसरे से गले लगते हैं और शुभकामनाएं देते हैं। बच्चों को उपहार और दोस्तों तथा रिश्तेदारों से मिलने की एक परंपरा सी है। इस अवसर पर ब्रिटेन के कुछ शहरों में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन होता है जहां मुस्लिम समाज के लोग जाते हैं।

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