उदयपुर मर्डर केस में बड़ा खुलासा, दावत-ए-इस्लामी की स्लीपर सेल तैयार कर रहा था रियाज गैंग
एनआईए की जांच में खुलासा हुआ है कि रियाज मुस्लिम बहुल इलाकों में किराए का मकान लेता था और लोगों का ब्रेनवॉश करने के लिए अपना पता बार-बार बदलता था। रियाज लोगों से दावत-ए-इस्लामी में शामिल होने और उसी के लिए चंदा इकट्ठा करने के लिए कहता था और राजस्थान में स्लीपर सेल स्थापित करने के मिशन पर था
उदयपुर मर्डर केस में कई नए खुलासे हो रहे हैं, जिससे पूरे देश में हड़कंप मच गया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक जांच से पता चला है कि उदयपुर हत्याकांड के आरोपियों में से एक रियाज अटारी राजस्थान में दावत-ए-इस्लामी की स्लीपर सेल स्थापित करने के मिशन पर था। रियाज पाकिस्तान स्थित सुन्नी समूह दावत-ए-इस्लामी में शामिल होने के लिए लोगों को तरह-तरह का लालच देकर निशाना बनाता था। सूत्रों के मुताबिक मामले की जानकारी रखने वाले एक शख्स ने बताया कि रियाज अटारी और उसका गिरोह उदयपुर में दो और लोगों को निशाना बनाने की योजना बना रहा था।
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रियाज अटारी और घोष मोहम्मद को 28 जून को हुए उदयपुर हत्याकांड में मुख्य आरोपी के रूप में नामित किया गया है। राजस्थान के उदयपुर में एक हिंदू दुकानदार कन्हैयालाल की हत्या कथित तौर पर निलंबित भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा का समर्थन करते हुए एक सोशल मीडिया पोस्ट साझा करने के लिए कर दी गई थी। इस हत्या से पूरे देश में भारी आक्रोश फैल गया और गृह मंत्रालय (एमएचए) ने एनआईए को मामले की जांच करने का आदेश दिया।
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स्लीपर सेल स्थापित करने के मिशन पर रियाज
एनआईए की जांच में खुलासा हुआ है कि रियाज मुस्लिम बहुल इलाकों में किराए का मकान लेता था और लोगों का ब्रेनवॉश करने के लिए अपना पता बार-बार बदलता था। रियाज लोगों से दावत-ए-इस्लामी में शामिल होने और उसी के लिए चंदा इकट्ठा करने के लिए कहता था और राजस्थान में स्लीपर सेल स्थापित करने के मिशन पर था। दावत-ए-इस्लामी, पाकिस्तान में स्थित एक धार्मिक आंदोलन, पैगंबर मुहम्मद के संदेश का प्रचार करने वाली एक गैर-लाभकारी संस्था होने का दावा करती है। यह इस्लामी अध्ययन में ऑनलाइन पाठ्यक्रम प्रदान करता है और एक टेलीविजन चैनल भी चलाता है। दावत-ए-इस्लामी ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के माध्यम से लोगों को दावा (इस्लाम का निमंत्रण), धर्मांतरण और कट्टरपंथी बनाने के लिए विशेष प्रशिक्षण भी देता है।
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