Antyodaya Diwas 2024: 25 सितंबर को मनाया जाता है अंत्योदय दिवस, जानिए क्या है इस दिन का इतिहास

Antyodaya Diwas 2024
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अंत्योदय दिवस पंडित दीनदयाल उपाध्याय को समर्पित किया गया है। हर साल 25 सितंबर को भारत में अंत्योदय दिवस मनाया जाता है। दरअसल, पं. उपाध्याय का मानना था कि समाज का कोई भी व्यक्ति विकास में पीछे न छूटे।

हर साल 25 सितंबर को भारत में अंत्योदय दिवस मनाया जाता है। इस दिन प्रमुख भारतीय राजनीतिक नेता और विचारक पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म हुआ था। ऐसे में अंत्योदय दिवस पंडित दीनदयाल उपाध्याय को समर्पित किया गया है। दरअसल, पं. उपाध्याय का मानना था कि समाज का कोई भी व्यक्ति विकास में पीछे न छूटे और हर व्यक्ति का उत्थान हो। उनके इस सपने और मिशन को सेलिब्रेट करने के उद्देश्य से हर साल 25 सितंबर को अंत्‍योदय दिवस मनाया जाता है। 

इतिहास

बता दें कि साल 2014 में पहली बार अंत्‍योदय द‍िवस मनाया गया था। साल 2014 में भारत सरकार ने पं. उपाध्याय की जयंती के मौके पर लोगों के उत्थान में उनके योगदान और सम्मान के तौर पर अंत्योदय दिवस मनाने का फैसला किया गया। उपाध्याय के 'अंत्योदय' की फिलॉसफी का मतलब अंतिम व्यक्ति का उत्थान था। उनका विजन पूरी तरह से समाज के वंचित वर्गों की जरूरतों पर ध्यान केंद्रित करना था।

महत्व

इस दिन को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य समाज के वंचित, गरीबों और पिछड़े वर्गों के प्रति जागरुकता फैलाने के साथ उनको मुख्यधारा में लाना है। साथ ही सरकारी और सामाजिक प्रयासों को बढ़ावा देता है। अंत्योदय दिवस का मुख्य लक्ष्य उन लोगों की सहायता करना है, जिन्हें समाज में सहायता की सबसे अधिक जरूरत है। जिससे कि उनका जीवन स्तर सुधर सके और वह आत्मनिर्भर बन सकें। अंत्योदय दिवस हमें याद दिलाता है कि देश और समाज का विकास तभी संभव है, जब समाज के हर वर्ग और व्यक्ति को समान अवसर मिलें।

अंत्योदय दिवस हमें यह भी याद दिलाता है कि हम सभी को समाज के उस गरीब वर्ग पर ध्यान देने की आवश्यकता है, जो भारत के विकास के रास्ते में या तो पीछे छूट गए हैं, या जिनको हम भूल गए हैं। पंडित दीन दयाल उपाध्याय ने एक ऐसे देश की कल्पना की थी, जहां पर राष्ट्र निर्माण में हर व्यक्ति अपना योगदान दे सके।

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