तोक्यो पैरालिंपिक में विनोद कुमार की डिस्कस थ्रो कांस्य पर रोक, होल्ड पर रखा गया रिजल्ट
बता दें कि F52 वर्गीकरण बिगड़ा हुआ मांसपेशियों की शक्ति, आंदोलन की प्रतिबंधित सीमा, अंग की कमी या पैर की लंबाई के अंतर वाले एथलीटों के लिए है, जिसमें एथलीट बैठने की स्थिति में प्रतिस्पर्धा करते हैं।
भारत के विनोद कुमार ने विकार के क्लासिफिकेशन निरीक्षण में ‘अयोग्य’ पाये जाने के बाद पैरालंपिक में पुरूषों की एफ52 चक्का फेंक स्पर्धा का कांस्य पदक गंवाया। विनोद ने तोक्यो पैरालिंपिक में कांस्य पदक जीता था लेकिन रविवार को उनके विकलांगता वर्गीकरण के विरोध के बाद रिजल्ट को होल्ड पर रख दिया है।
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बता दें कि F52 वर्गीकरण बिगड़ा हुआ मांसपेशियों की शक्ति, आंदोलन की प्रतिबंधित सीमा, अंग की कमी या पैर की लंबाई के अंतर वाले एथलीटों के लिए है, जिसमें एथलीट बैठने की स्थिति में प्रतिस्पर्धा करते हैं। इसको लेकर अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि, किस आधार पर वर्गीकरण को चुनौती दी गई है। खेलों के आयोजकों ने एक बयान में कहा कि, प्रतियोगिता में वर्गीकरण अवलोकन के कारण इस आयोजन के परिणामों की समीक्षा की जा रही है।
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— SAI Media (@Media_SAI) August 29, 2021
Tokyo 2020 #Paralympics Discus Throw F52 Final event result is currently on hold due to classification review.
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