अंडर-20 विश्व एथलेटिक्स में शैली सिंह ने भारत को दिलाया सिल्वर मेडल, सिर्फ एक सेंटीमीटर से चूकीं गोल्ड
दिग्गज लंबी कूद खिलाड़ी अंजू बॉबी जॉर्ज की शिष्या शैली प्रतियोगिता के आखिरी दिन तीसरे दौर के बाद तालिका में शीर्ष पर थी लेकिन स्वीडन की 18 साल की खिलाड़ी ने चौथे दौर में उनसे एक सेंटीमीटर का बेहतर प्रदर्शन किया, जो निर्णायक साबित हुआ।
नैरोबी। लंबी कूद की प्रतिभाशाली खिलाड़ी शैली सिंह रविवार को यहां अंडर-20 विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक के साथ इतिहास रचने से एक सेंटीमीटर से चूक गयी लेकिन उन्होंने रजत पदक हासिल किया। सत्रह साल की इस भारतीय खिलाड़ी ने 6.59 मीटर की कूद के साथ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया। स्वीडन की मौजूदा यूरोपीय जूनियर चैम्पियन माजा अस्काग ने 6.60 मीटर के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया। दिग्गज लंबी कूद खिलाड़ी अंजू बॉबी जॉर्ज की शिष्या शैली प्रतियोगिता के आखिरी दिन तीसरे दौर के बाद तालिका में शीर्ष पर थी लेकिन स्वीडन की 18 साल की खिलाड़ी ने चौथे दौर में उनसे एक सेंटीमीटर का बेहतर प्रदर्शन किया, जो निर्णायक साबित हुआ।
World Athletics U20 C'ships: India's Shaili Singh clinches silver in women's long jump
— ANI Digital (@ani_digital) August 22, 2021
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यूक्रेन की मारिया होरिएलोवा ने 6.50 मीटर की छलांग के साथ कांस्य पदक जीता। शैली स्पर्धा के बाद अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख सकीं और उन्होंने नम आंखों के साथ कहा, ‘‘ मैं 6.59 मीटर से भी बेहतर कूद सकती थी और स्वर्ण जीत सकती थी। मेरी मां ने मुझे स्वर्ण पदक के बाद स्टेडियम में गाए जाने वाले राष्ट्रगान के बारे में बताया था (लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सकी)।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मैं 17 साल की हूं, मैं अगली अंडर 20 विश्व चैम्पियनशिप (काली, कोलंबिया) में स्वर्ण पदक जीतना चाहती हूं। अगले साल एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन होना है और मैं उन प्रतियोगिताओं में अच्छा करना चाहती हूं।’’ उनके कोच बॉबी जॉर्ज कहा कि छलांग लगाने के बाद नीचे आते समय उससे मामूली तकनीकी चूक हो गयी , नहीं तो वह स्वर्ण जीत सकती थी। उन्होंने कहा, ‘‘ वह स्पर्धा के बाद रो रही थी, उसे पता था कि वह स्वर्ण जीत सकती थी। छलांग से नीचे आते समय कुछ तकनीकी समस्या हो गयी नहीं तो वह 6.65 से 6.70 मीटर की दूरी तय कर सकती थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह किसी प्रतियोगिता में पहली बार है जब उसने स्वर्ण नहीं जीता है। वह रजत पदक को पसंद नहीं करती है और नीरज चोपड़ा के बाद एथलेटिक्स में वह देश की अगली बड़ी खिलाड़ी बन सकती है।’’
पदकों की संख्या के मामले में इन खेलों में यह भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है जहां उसने दो रजत और एक कांस्य पदक जीता। इससे पहले हालांकि ओलंपिक चैंपियन भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा (2016) और फर्राटा धाविका हिमा दास (2018) ने 400 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीता था। मौजूदा सत्र में इससे पहले मिश्रित चार गुणा 400 मीटर रिले टीम ने बुधवार को कांस्य पदक जीता जबकि पैदल चाल खिलाड़ी अमित खत्री ने 10,000 मीटर स्पर्धा में रजत पदक जीता था। शैली ने रविवार को अपने पहले प्रयास में 6.34 मीटर की छलांग लगायी। उन्होंने दूसरे प्रयास में भी इसी प्रदर्शन को दोहराया लेकिन उनका तीसरा प्रयास सर्वश्रेष्ठ रहा। उनके अगले दोनों प्रयास अवैध रहे। शैली को भारतीय एथलेटिक्स में उभरते सितारों में से एक माना जाता है। उन्होंने शुक्रवार को क्वालीफिकेशन दौर में 6.40 मीटर की सर्वश्रेष्ठ छलांग लगाकर शीर्ष स्थान हासिल किया था। झांसी में जन्मी इस एथलीट की मां दर्जी का काम करती है।
शैली फिलहाल बेंगलुरु में अंजू बॉबी जॉर्ज की अकादमी में प्रशिक्षण ले रही है। जहां अंजू के पति बॉबी जॉर्ज उनके कोच है। उन्होंने जून में राष्ट्रीय (सीनियर) अंतर-राज्य चैंपियनशिप में महिलाओं की लंबी कूद स्पर्धा में 6.48 मीटर के प्रयास से जीत हासिल की थी, जो उनका पिछला व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। वह वर्तमान अंडर-18 विश्व रैंकिंग में दूसरे स्थान पर है, जबकि अंडर 20 का राष्ट्रीय रिकॉर्ड उनके नाम है। रविवार को अन्य स्पर्धाओं में त्रिकूद में डोनाल्ड माकिमैराज तीन सेंटीमीटर से कांस्य पदक से चूक गये। उन्होंने 15.82 मीटर का अपना व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया लेकिन चौथे स्थान पर रहे। इस स्पर्धा में स्वीडन के गैब्रियल वालमार्क (16.43 मीटर) ने स्वर्ण और जमैका के जायडॉन हिब्बर्ट (16.05 मीटर) ने रजत जबकि और फ्रांस के सिमोन गोर (15.85 मीटर) ने कांस्य पदक हासिल किये।
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