आलोचकों से ''नाराज और दुखी’ थी सिंधू, चैंपियनशिप जीत कर दिया सबको जवाब
पीवी सिंधू ने कहा कि पिछले दो विश्व चैंपियनशिप फाइनल में खिताब नहीं जीतने के कारण हो रही आलोचना से वह ‘नाराज और दुखी’ थी और हाल में संपन्न विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक उन आलोचकों को जवाब है जिन्होंने उन पर सवाल उठाया था। दो बार की रजत पदक विजेता सिंधू ने रविवार को पहली बार विश्व चैंपियनशिप का खिताब जीता।
बासेल (स्विट्जरलैंड)। पीवी सिंधू ने कहा कि पिछले दो विश्व चैंपियनशिप फाइनल में खिताब नहीं जीतने के कारण हो रही आलोचना से वह ‘नाराज और दुखी’ थी और हाल में संपन्न विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक उन आलोचकों को जवाब है जिन्होंने उन पर सवाल उठाया था। दो बार की रजत पदक विजेता सिंधू ने रविवार को पहली बार विश्व चैंपियनशिप का खिताब जीता।
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जापान की नोजोमी ओकुहारा के खिलाफ खिताब जीत के बाद विश्व बैडमिंटन महासंघ (बीडब्ल्यूएफ) की आधिकारिक वेबसाइट ने सिंधू के हवाले से कहा कि यह मेरा उन लोगों को जवाब है जो बार-बार सवाल पूछ रहे थे। मैं सिर्फ अपने रैकेट से जवाब देना चाहती थी और इस जीत के साथ मैं ऐसा करने में सफल रही। उन्होंने कहा कि पहले विश्व चैंपियनशिप फाइनल के बाद मुझे काफी बुरा लग रहा था और पिछले साल मैं नाराज थी, दुखी थी। मैं भावनाओं से गुजर रही थी, खुद से पूछ रही थी ‘सिंधू तुम यह एक मैच क्यों नहीं जीत पा रही हो’? लेकिन आज मैंने खुद से अपना स्वाभाविक खेल दिखाने और चिंता नहीं करने को कहा और यह काम कर गया।
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हैदराबाद की 24 साल की सिंधू बेहद एकतरफा फाइनल में जापान की नोजोमी ओकुहारा को 21-7 21-7 से हराकर खिताब जीतने में सफल रही। सिंधू ने फाइनल में तीसरी बार खेलते हुए खिताब जीता। इससे पहले 2017 में उन्हें ओकुहारा और 20 में ओलंपिक चैंपियन स्पेन की कैरोलिना मारिन के खिलाफ हार से रजत पदक से संतोष करना पड़ा था। यह विश्व चैंपियनशिप में सिंधू का पांचवां पदक है। इससे पहले 2013 और 2014 में उन्होंने कांस्य पदक जीते थे। सिंधू विश्व चैंपियनशिप के महिला एकल में सर्वाधिक पदक जीतने के मामले में चीन की झेंग निंग के साथ शीर्ष पर है। निंग ने 2001 से 2007 के बीच एक स्वर्ण, दो रजत और दो कांस्य पदक जीते।
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सिंधू ने कहा कि सभी लोग चाहते थे कि मैं यह जीत दर्ज करूं। रियो ओलंपिक में रजत पदक के बाद मेरे से काफी उम्मीदें थी। जब भी मैं किसी टूर्नामेंट में जाती थी तो लोग मेरे स्वर्ण पदक जीतने की उम्मीद करते थे। उन्होंने, ‘‘एक साल बाद मैंने भी सोचा कि मैं क्या कर सकती हूं और अन्य के बारे में सोचने की जगह मैंने सोचा कि मुझे सिर्फ अपने लिए खेलना चाहिए और अपना शत प्रतिशत देना चाहिए और मैं स्वत: ही जीत जाऊंगी क्योंकि अन्य के बारे में सोचने से मेरे ऊपर अतिरिक्त दबाव बनता है।’’
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विश्व चैंपियनशिप के बाद तोक्यो ओलंपिक 2020 के संदर्भ में सिंधू ने कहा कि लोग पहले ही पूछने लगे हैं सिंधू तोक्यो 2020 में स्वर्ण पदक को लेकर क्या विचार है?’’ उन्होंने कहा कि ओलंपिक काफी दूर नहीं है लेकिन इस समय मैं कदम दर कदम आगे बढ़ना चाहती हूं। मुझे पता है कि ओलंपिक क्वालीफिकेशन चल रहा है लेकिन उम्मीद करती हूं कि मैं अच्छा प्रदर्शन करूंगी लेकिन फिलहाल मैं सिर्फ इसका लुत्फ उठाना चाहती हूं और किसी और चीज के बारे में नहीं सोचना चाहती।
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