व्हीलचेयर खरीदने के लिए पैसा नहीं होने के कारण प्रभावित हो रही है पैरा निशानेबाज मोना की तैयारी

Mona Agarwal
प्रतिरूप फोटो
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स्वर्ण पदक जीतने के बावजूद मोना अग्रवाल नई व्हीलचेयर खरीदने के लिए जरूरी धनराशि नहीं जुटा पा रही हैं जिससे उनकी पेरिस पैरालंपिक खेलों की तैयारी प्रभावित हो रही है। यह 37 वर्षीय खिलाड़ी पोलियो से ग्रस्त है और पैरा निशानेबाजी में 10 मीटर एयर राइफल (एसएच1) वर्ग में भाग लेती है।

पैरा निशानेबाजी विश्व कप में लगातार स्वर्ण पदक जीतने के बावजूद मोना अग्रवाल नई व्हीलचेयर खरीदने के लिए जरूरी धनराशि नहीं जुटा पा रही हैं जिससे उनकी पेरिस पैरालंपिक खेलों की तैयारी प्रभावित हो रही है। यह 37 वर्षीय खिलाड़ी पोलियो से ग्रस्त है और पैरा निशानेबाजी में 10 मीटर एयर राइफल (एसएच1) वर्ग में भाग लेती है। उन्होंने मार्च में नयी दिल्ली में पैरा निशानेबाजी विश्व कप में स्वर्ण पदक जीत कर भारत को पैरालंपिक खेलों के लिए नौवां और अंतिम कोटा दिलाया था।

दो बच्चों की मां मोना ने इसके बाद अप्रैल में कोरिया के चांगवोन में पैरा विश्व कप में एक और स्वर्ण पदक जीता था। प्रायोजकों से मिली सारी धनराशि उन्होंने राइफल खरीदने और कोरिया में खेली गई प्रतियोगिता में स्वयं के खर्चे पर जाने पर खर्च कर दी। अब उनके पास व्हीलचेयर खरीदने के लिए कोई धनराशि नहीं बची है। मोना ने जयपुर से पीटीआई से कहा,‘‘ दिल्ली में पैरा विश्व कप में सफलता के बाद मुझे लक्ष्य ओलंपिक पोडियम कार्यक्रम (टॉप्स) में शामिल किए जाने की उम्मीद थी लेकिन मैं नहीं जानती कि इतनी देरी क्यों हुई।’’

उन्होंने कहा,‘‘मैंने भारतीय खेल प्राधिकरण को कई मेल लिखे हैं और उन्हें सूचित किया है कि मुझे पैरालिंपिक के लिए कुछ उपकरण अपग्रेड करने हैं, इसलिए मुझे वित्तीय सहायता की जरूरत है।’’ इस निशानेबाज ने कहा,‘‘मुझे वर्तमान वर्ष के लिए अपने प्रायोजक से 15 लाख रुपए मिले थे जो मैंने राइफल खरीदने और कोरिया में प्रतियोगिता में भाग लेने पर खर्च कर दिए। कोरिया में खेले गए विश्व कप में मैं अपने खर्चे पर गई थी। मुझे नई व्हीलचेयर खरीदने के लिए लगभग छह लाख रुपए की जरूरत है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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