पंड्या और राहुल को राहत, प्रशासकों की समिति ने निलंबन हटाया
इस मामले में हालांकि जांच होगी जिसके लिये उच्चतम न्यायालय को लोकपाल नियुक्त करना है। शीर्ष अदालत ने इस मामले को पांच फरवरी को अस्थायी रूप से सूचीबद्ध किया है।
नयी दिल्ली। प्रशासकों की समिति (सीओए) ने भारतीय क्रिकेटर हार्दिक पंड्या और केएल राहुल का निलंबन गुरुवार को तुरंत प्रभाव से हटा दिया। इन दोनों को एक टीवी कार्यक्रम के दौरान आपत्तिजनक टिप्पणियां करने के कारण निलंबित कर दिया गया था और उन्हें आस्ट्रेलिया दौरे के बीच से स्वदेश बुलाया गया था। बीसीसीआई सूत्रों ने कहा कि 25 साल के पंड्या अब जल्द से जल्द न्यूजीलैंड दौरे पर गयी टीम से जुड़ सकते है जबकि राहुल घरेलू क्रिकेट या भारत ए की तरफ से इंग्लैंड लायन्स के खिलाफ खेल सकते हैं। बीसीसीआई द्वारा जारी सीओए के बयान में कहा गया है, ‘‘उपरोक्त फैसला न्यायमित्र पी एस नरसिम्हा की सहमति से लिया गया है। इसे देखते हुए 11 जनवरी के निलंबन आदेशों को लोकपाल की नियुक्ति और उनके द्वारा फैसला लिये जाने तक तुरंत प्रभाव से हटा दिया गया है।
CoA: The matter and decision has been taken with the concurrence of Amicus Curiae, P.S. Narasimha. In view of the above, the suspension orders dated 11.01.2019 is immediately lifted pending appointment and adjudication of the allegations by the BCCI Ombudsman https://t.co/24ydnzzJn7
— ANI (@ANI) January 24, 2019
इस मामले में हालांकि जांच होगी जिसके लिये उच्चतम न्यायालय को लोकपाल नियुक्त करना है। शीर्ष अदालत ने इस मामले को पांच फरवरी को अस्थायी रूप से सूचीबद्ध किया है। अगर कर्नाटक रणजी ट्राफी फाइनल में जगह बनाता है तो 26 वर्षीय राहुल उस मैच में मयंक अग्रवाल के साथ पारी की शुरूआत कर सकते हैं। पंड्या और राहुल ने ‘काफी विद करण’ कार्यक्रम के दौरान कई महिलाओं के साथ संबंध बनाने की बात की थी जिसके लिये उनकी कड़ी आलोचना हुई थी। सीओए की सदस्या डायना इडुल्जी चाहती थी कि इन दोनों क्रिकेटरों के भाग्य का फैसला करने में बीसीसीआई के किसी अधिकारी को शामिल होना चाहिए लेकिन सीओए प्रमुख विनोद राय ने उनका सुझाव नामंजूर कर दिया था क्योंकि यह बोर्ड के संविधान का उल्लंघन होता।
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सीओए ने कहा कि इन दोनों खिलाड़ियों को निलंबित करने का फैसला ‘‘बीसीसीआई के संविधान के नियम 46 के तहत लिया गया जो कि खिलाड़ियों के व्यवहार से संबंधित है।’’ खिलाड़ियों पर से निलंबन हटाने के लिये बीसीसीआई के कार्यकारी अध्यक्ष सी के खन्ना ने पहल की थी। उनका मानना था कि जांच लंबित रहने तक निलंबन हटाया जाना चाहिए। खन्ना ने असल में बीसीसीआई की विशेष आम बैठक (एसजीएम) बुलाने से इन्कार कर दिया था जिसकी 14 मान्यता प्राप्त इकाइयों ने मांग की थी। पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ और सौरव गांगुली ने भी कहा था कि यह आगे बढ़ने का समय है क्योंकि दोनों ने अपनी गलतियों से सबक लिया होगा। यह विवादास्पद साक्षात्कार करने वाले करण जौहर ने भी इन दोनों का निलंबन हटाने का आग्रह किया था।
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