IOA कोषाध्यक्ष ने नरिंदर बत्रा के कदम को ‘संविधान का उल्लंघन’ करार दिया
आईओए महासचिव राजीव मेहता ने नैतिक आयोग को भंग करने के बत्रा के फैसले को ‘अवैध’ करार दिया था जिसके कुछ दिन बाद पांडे ने भी इस कदम की आलोचना की है। मेहता ने कहा था कि आईओए की आम सभ ने नैतिक आयोग की 2017-2021 के कार्यकाल के लिए नियुक्ति को स्वीकृति दी है।
नयी दिल्ली। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के कोषाध्यक्ष आनंदेश्वर पांडे ने हाल में उठाए अध्यक्ष नरिंदर बत्रा के कदमों को ‘आईओए संविधान का उल्लंघन’ करार दिया और देश में खेल की सर्वोच्च संस्था की कार्यकारी परिषद की जून में बैठक बुलाने की मांग की। आईओए महासचिव राजीव मेहता ने नैतिक आयोग को भंग करने के बत्रा के फैसले को ‘अवैध’ करार दिया था जिसके कुछ दिन बाद पांडे ने भी इस कदम की आलोचना की है। मेहता ने कहा था कि आईओए की आम सभ ने नैतिक आयोग की 2017-2021 के कार्यकाल के लिए नियुक्ति को स्वीकृति दी है और बत्रा उसे दो साल पहले भंग नहीं कर सकते।
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बत्रा, मेहता और खेल संस्था के अन्य सदस्यों को लिखे पत्र में पांडे ने कहा कि आईओए के साथ उनके 40 साल के जुड़ाव के दौरान उन्होंने संविधान, भरोसे और सद्भावना का इस तरह का उल्लंघन नहीं देखा। पांडे ने पत्र में कहा, ‘‘मैं यहां उठाए गए कदमों की अच्छाई या बुराई के बारे में बात नहीं कर रहा। मैं ऐसा सिर्फ कार्यकारी परिषद की बैठक में करूंगा जिसे बिना किसी विलंब के जून में बुलाया जाना चाहिए।’’ पिछले कुछ दिनों में बत्रा ने विभन्न समितियों और आयोग कई नियुक्तियां की हैं लेकिन पांडे ने कहा कि कार्यकारी परिषद की स्वीकृति मिलने पर ही ये प्रभावी होंगी। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे आपको सूचित करना है कि अध्यक्ष के विभिन्न पत्र सिर्फ प्रस्ताव हैं जिन पर कार्यकारी परिषद को विचार करना है। कार्यकारी परिषद की बैठक से पहले नई समिति/आयोग की कोई भी कार्रवाई आईओए संविधान का उल्लंघन होगी। ’’ बत्रा ने हाल में आईओए सदस्यों के वार्षिक अनुदान और मान्यता फीस की निगरानी करने वाली समिति, पूर्वोत्तर समिति, प्रायोजन, मार्केटिंग और प्रसारण जैसी समितियों का पुनर्गठन किया था।
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