विश्व चैम्पियनशिप से पैरालंपिक में जगह बनाने पर लगी पैरा बैडमिंटन खिलाड़ियों की निगाहें

Mansi Joshi And palak
प्रतिरूप फोटो
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पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी मानसी जोशी, मंदीप कौर और पलक कोहली की निगाहें 20 से 25 तक पटाया में होने वाली विश्व चैम्पियनशिप में शानदार प्रदर्शन से इस साल के अंत में होने वाले पैरालंपिक में जगह बनाने पर लगी हैं। भारत ने पिछले साल हांगझोउ पैरा एशियाई खेलों में ऐतिहासिक 111 पदकों में से 21 पदक बैडमिंटन में हासिल किये थे।

भारतीय पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी मानसी जोशी, मंदीप कौर और पलक कोहली की निगाहें 20 से 25 तक पटाया में होने वाली विश्व चैम्पियनशिप में शानदार प्रदर्शन से इस साल के अंत में होने वाले पैरालंपिक में जगह बनाने पर लगी हैं। भारत ने पिछले साल हांगझोउ पैरा एशियाई खेलों में ऐतिहासिक 111 पदकों में से 21 पदक बैडमिंटन में हासिल किये थे जिसमें मानसी और मंदीप ने एकल में कांस्य पदक जीते थे।

महिलाओं की एसएल3-एसयू5 युगल स्पर्धा में मानसी ने टी मुरूगेसन के साथ रजत पदक और मंदीप ने मनीषा रामदास के साथ कांस्य पदक जीता था। मानसी ने प्रायोजक द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में पीटीआई से कहा, ‘‘हम सभी विश्व चैम्पियनशिप में खेलेंगे जिसके लिए हम 17 फरवरी को जा रहे हैं। यह फाइनल है, यह पैरालंपिक क्वालीफिकेशन वर्ष का अंत है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘क्वालीफिकेशन प्रक्रिया 31 मार्च को खत्म हो रही है, इस दिन से हमारी रैंकिंग और ‘रेस टू पेरिस’ यही पर रूक जायेगी। इसलिये यह विश्व चैम्पियनशिप हम सभी के लिए महत्वपूर्ण है। ’’ मंदीप ने कहा, ‘‘हमें पैरा एशियाई खेलों से पहले ट्रेनिंग करने का ज्यादा समय नहीं मिला था। लगातार टूर्नामेंट हो रहे हैं। लेकिन विश्व चैम्पियनशिप से पहले हमें ट्रेनिंग के लिए करीब दो महीने मिले और हम कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उम्मीद है कि हम अपना शत प्रतिशत देंगे। ’’

21 साल की पलक हड्डी में ट्यूमर से उबर चुकी हैं, उन्होंने कहा कि वह आगामी चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हैं। पलक ने कहा, ‘‘इस साल मेरा लक्ष्य पेरिस पैरालंपिक है। मैं पेरिस में पोडियम स्थान के अलावा प्रदर्शन के बारे में नहीं सोच रही हूं। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘पिछला साल मेरे लिए वापसी के बारे में रहा था। 2022 में मुझे नहीं पता था कि आगे मेरी जिंदगी में क्या होगा। मैं जीवन के उस दौर में संघर्ष कर रही थी, नहीं पता था कि मैं कल रहूंगी या नहीं। ’’

पलक ने कहा, ‘‘लेकिन दिन बीतते रहते हैं और आप मजबूत होते रहते हैं। इन सब बाधाओं से आप जिस तरह से निपटते हो, मजबूत बनते हो, उससे जीवन में आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए आपके अंदर और ताकत आ जाती है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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