कोरोना संकट के बीच गांव की महिलाओं को आत्‍मनिर्भर बनाने में जुटा भारतीय MMA फाइटर

Indian-origin MMA fighter Bhullar

भारतीय मूल के मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स (एमएमए) फाइटर अर्जन सिंह भुल्लर नेमौजूदा संकट के समय में अपने गांव बिली भुल्लर की महिलाओं को मास्क बनाने में मदद करने के लिए सिलाई मशीन, कपड़ा और कई अन्य सामग्रियां उपलब्ध करवाई हैं। चौतीस साल के इस खिलाड़ी ने हाल ही में एक ऐसी सुविधा का निर्माण किया है।

नयी दिल्ली। भारतीय मूल के मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स (एमएमए) फाइटर अर्जन सिंह भुल्लर जालंधर के अपने पैतृक गांव में कोविड-19 महामारी के बीच महिलाओं को सशक्त बनाने में मदद कर रहे है। कनाडा के लिए राष्ट्रमंडल खेलों में 2010 में स्वर्ण पदक जीतने वाले भुल्लर बाद में एमएमए से जुड़गये।‘वन चैम्पियनशिन’ के इस स्टार खिलाड़ी ने मौजूदा संकट के समय में अपने गांव बिली भुल्लर की महिलाओं को मास्क बनाने में मदद करने के लिए सिलाई मशीन, कपड़ा और कई अन्य सामग्रियां उपलब्ध करवाई हैं। चौतीस साल के इस खिलाड़ी ने हाल ही में एक ऐसी सुविधा का निर्माण किया है, जहाँ महिलाएँ सामाजिक गतिविधियों के लिए मिल सकती हैं।

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भुल्लर ने कहा, ‘‘ मैं बचपन से ही अक्सर भारत आता रहता हूं।हमने महिलाओं के सामाजिक गतिविधियों के लिए गांव के अंदर ही एक बहुत ही खास जगह बनाई है, क्योंकि वे पुरुषों की तरह कही भी आने जाने के लिए स्वतंत्र नहीं है।’’ भुल्लर का अगला मुकाबला वन हैविवेट विश्व चैम्पियनशिप में ब्रांडोन वेरा से है। भुल्लर ने कहा, ‘‘महिलाओं का समय बहुत अच्छा बीत रहा है और महामारी के दौरान वे मेरी दी हुई सिलाई मशीनों से मास्क बना रही हैं। ये महिलाएँ न केवल आत्मनिर्भर हैं, बल्कि पूरे गाँव और पड़ोसी क्षेत्र की मदद और सशक्तिकरण कर रही हैं।’’ भुल्लर ने भारत में मिक्स्ड मार्शल आर्ट को बढ़ावा देने के मकसद से गांव में एक जिम भी बनाया है। भुल्लर ने पिछले साल अक्टूबर में तोक्यो में वन चैम्पियनशिप में पदार्पण किया था और शीर्ष दावेदार मौरो सेरिल्ली को हराया था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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