ओलंपिक के लिए भारतीय मुक्केबाज तैयार, तीन सप्ताह के प्रशिक्षण के लिए विदेश होंगे रवाना

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भारतीय पुरुष मुक्केबाजी के उच्च प्रदर्शन निदेशक सैंटियागो नीवा ने कहा कि मुक्केबाज 23 जुलाई से शुरू होने वाले ओलंपिक से पांच से सात दिन पहले तोक्यो पहुंचेंगे।

नयी दिल्ली। एशियाई मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुके भारतीय मुक्केबाज कुछ दिनों के ब्रेक के बाद तीन सप्ताह के प्रशिक्षण के लिए विदेश रवाना होंगे। दुबई में एशियाई चैम्पियनशिप में भारतीय मुक्केबाजों ने दो स्वर्ण सहित रिकार्ड 15 पदक अपने नाम किये। टीम ने दो स्वर्ण, पांच रजत और आठ कांस्य पदक हासिल कर 2019 से दो पदक अधिक हासिल किये। भारतीय पुरुष मुक्केबाजी के उच्च प्रदर्शन निदेशक सैंटियागो नीवा ने कहा कि मुक्केबाज 23 जुलाई से शुरू होने वाले ओलंपिक से पांच से सात दिन पहले तोक्यो पहुंचेंगे।

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नीवा ने आने वाले दिनों की योजना को साझा करते हुए बताया, ‘‘ हम अभ्यास के लिए विदेश जाएंगे। इसकी योजना बन रही है और अगले कुछ दिनों में जगह तय कर ली जाएगी। यह तीन सप्ताह का शिविर होगा। हम कुछ चीजों को ठीक करने के लिए भारत वापस आएंगे, और फिर खेलों से पांच-सात दिन पहले तोक्यो जाएंगे।’’ कोविड-19 से उत्पन्न खतरे के कारण भारत में खिलाड़ियों को अभ्यास का ज्यादा मौका नहीं मिला। अप्रैल में राष्ट्रीय कोच सीए कुट्टप्पा भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो गये जिसके बाद उन्हें 10 दिनों के लिए पृथकवास में रखा गया था। ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले खिलाड़ियों में हालांकि सिर्फ पूजा रानी (75 किग्रा) ही स्वर्ण पदक जीत सकी।

एमसी मैरीकॉम (51 किग्रा) और अमित पंघाल (52 किग्रा) ने रजत पदक प्राप्त किया। स्वर्ण जीतने वाले एकमात्र पुरुष मुक्केबाज संजीत (91 किग्रा) थे, जो ओलंपिक समूह का हिस्सा नहीं हैं। ओलंपिक क्लालीफिकेशन हासिल करने वाले विकास कृष्ण (69 किग्रा), सिमरनजीत कौर (60 किग्रा) और लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा)कांस्य पदक जीतने वालों में शामिल हैं। इनके अलावा तोक्यो का टिकट हासिल करने वालों में मनीष कौशिक (63 किग्रा), आशीष चौधरी (75 किग्रा) और सतीश कुमार (91 किग्रा से अधिक) शामिल हैं। इनमें से आशीष दुबई में क्वार्टर फाइनल में हार गए जबकि मनीष और सतीश बीमारी के कारण यात्रा नहीं कर सके। नीवा ने कहा, ‘‘ कुल मिलाकर मैं प्रदर्शन से संतुष्ट हूं और मैं यह सिर्फ पदक जीतने के लिए नहीं कह रहा हूं। अमित शानदार लय में थे, विकास का सेमीफाइनल में चोटिल होना दुर्भाग्यपूर्ण था और आशीष भले ही पदक नहीं जीता हो लेकिन उसने भी अच्छा प्रदर्शन किया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ निश्चित रूप से कुछ छोटे मसलों का हल निकालना बाकी है, यह जो व्यक्तिगत खिलाड़ियों के बारे में है। हम खेलों (तोक्यो) से पहले बचे हुए कुछ हफ्तों में इस पर काम करेंगे। मैं कह सकता हूं कि हम 80 फीसदी तैयार हैं, हम बाकी 20 फीसदी की कमी को दूर करेंगे।’’ नीवा ने जिन छोटे मुद्दों का जिक्र किया उनमें करीब से सटीक मुक्केबाजी और शरीर पर लगने वाले पंच शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित रूप से व्यापक सुधार हुआ है और इससे पहले कि हम खेलों के लिए पूरी तरह तैयार हों, यह जारी रहेगा।’’

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व्यक्तिगत प्रदर्शन के बारे में बात करने पर नीवा ने महसूस किया कि पंघाल ने लगातार दूसरे स्वर्ण से चूकने के बावजूद अविश्वसनीय रूप से अच्छा प्रदर्शन किया। हरियाणा के इस मुक्केबाज को उज्बेकिस्तान के जोइरोव शाखोबिदीन ने 2019 की विश्व चैम्पयनशिप के फाइनल मुकाबले की तरह एक बार फिर करीबी मुकाबले में 3-2 से हराया। नीवा ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह उनके सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के बराबर है। वह अजेय था और वास्तव में अच्छा खेल रहा था। हम सभी को लगा कि उसने वह फाइनल जीत लिया है।’’ संजीत ने ओलंपिक पदक विजेता वैसिली लेविट को 4 - 1 से हराकर उलटफेर किया। नीवा ने टूर्नामेंट में पदार्पण करने वाले इस खिलाड़ी की तरीफ करते हुए कहा, ‘‘ संजीत में जबरदस्त सकारात्मक ऊर्जा है। वह जहां है वहां पहुंचने के लिए उसने कड़ी मेहनत की है। उसने जो सुधार किये है वे साफ तौर पर देखे जा सकते हैं। उनके खेल में कुछ कमजोरियां थीं, खासकर नजदीकी रेंज में लेकिन उसने काफी सुधार किया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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